Sunday, December 31, 2023

"हमें जो भी सीटें मिलेंगी, उन पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे", नेशनल काउंसिल की मीटिंग में बोले अरविंद केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को हुई. इस मौके पर  AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी पूरे देश में अपना संगठन बनाएगी. क्योंकि बिना मज़बूत संगठन के चुनाव नहीं जीता जा सकता है. उन्होंने कहा कि AAP इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. हमें जो भी सीटें मिलेंगी, उन पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और सारी सीटें जीतेंगे.  आप अगले साल होने वाले हरियाणा विधानसभा का चुनाव सरकार बनाने के इरादे से पूरी ताकत लगाकर लड़ेगी. AAP के जो पांच नेता आज जेल में हैं, वो हमारे हीरो हैं और हमें उन सभी पर बहुत गर्व है.

"मैं भी केजरीवाल" जन संवाद अभियान 4 जनवरी से

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी का "मैं भी केजरीवाल" हस्ताक्षर अभियान शनिवार को खत्म हो गया. यह अभियान 1 दिसंबर से 30 दिसंबर 2023 तक चला. आम आदमी पार्टी के संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने डोर-टू-डोर कैंपेन की सफलता और 4 जनवरी से शुरू होने वाले "मैं भी केजरीवाल" जन संवाद अभियान की ट्रेनिंग को लेकर पार्टी मुख्यालय में एक बैठक बुलाई थी. 

अरविंद केजरीवाल को खत्म करने के लिए षड्यंत्र

डॉक्टर संदीप पाठक ने कहा कि हमारे नेताओं ने दिल्ली में घर-घर जाकर लोगों को मोदी सरकार की तानाशाही से अवगत कराया. हमने दिल्ली के लोगों को बताया कि किस तरीके से मोदी सरकार आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खत्म करने के लिए षड्यंत्र रच रही है. हमने लोगों को बताया कि आज जो भी मोदी सरकार से सवाल पूछता है या तो उसको सस्पेंड कर दिया जाता है या फिर उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है? भाजपा केजरीवाल जी को गिरफ्तार करने के बाद पार्टी को तोड़ना चाहती है. मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि ना हम पहले कभी झुके थे और ना हम आगे कभी झुकेंगे. अगर हमारे सारे नेताओं को जेल के अंदर बंद कर दिया जाएगा, तब भी हम ईमानदारी और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे. मैं भी केजरीवाल हस्ताक्षर अभियान की आज पूरी दिल्ली में चर्चा हो रही है.

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Saturday, December 30, 2023

40 साल बाद ट्रेन का सफर, हावड़ा से वाराणसी की यात्रा कर केंद्रीय मंत्री ने साझा किया अनुभव

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केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह (Rajkumar Ranjan Singh) ने हावड़ा (Howrah) से वाराणसी (Varanasi) तक रात भर अकेले ट्रेन की यात्रा की और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शहर में काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) कार्यक्रम से पहले सोशल मीडिया पर अपना अनुभव शेयर किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का लोकसभा क्षेत्र भी है.

40 साल पहले की थी ट्रेन यात्रा
विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री रंजन सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि वह कुछ समय से ट्रेन में यात्रा करने के बारे में सोच रहे थे क्योंकि आखिरी ट्रेन यात्रा उन्होंने 40 साल पहले की थी. केंद्रीय मंत्री शनिवार सुबह काशी तमिल संगमम में मुख्य वक्ताओं में से एक थे, जहां उन्होंने मुद्रा योजना, मेक इन इंडिया नीति और प्रधानमंत्री जन धन योजना के अवसरों और सफलता के बारे में विस्तार से बताया.

'मैंने रेलवे क्षेत्र में बहुत विकास देखा है'
सिंह ने एनडीटीवी को बताया, "मैं 40 साल के लंबे समय के बाद ट्रेन यात्रा करना चाहता था. मैंने रेलवे क्षेत्र में बहुत विकास देखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस क्षेत्र के लिए बहुत काम किया है." 

सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें
ट्रेन के पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा से रवाना होने से पहले, केंद्रीय मंत्री ने पैसेंजर और अधिकारियों के साथ 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर तस्वीरें पोस्ट कीं. सिंह ने पोस्ट में कहा, "ट्रेन से यात्रा...काशी तमिल संगमम के लिए. अमृत काल में नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए हमारे संकल्प पूरे देश की एकता और सामूहिक प्रयासों से पूरे होंगे."

तमिलनाडु के प्रतिनिधियों और अन्य विजिटर्स ने काशी तमिल संगमम के शैक्षणिक सत्र में भाग लिया,.

'आज का समापन समारोह अंत नहीं है'
सिंह ने वाराणसी में एक कार्यक्रम में कहा, "काशी तमिल संगमम का आज का समापन समारोह अंत नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण की शुरुआत है, जिसकी भावना देश की अखंडता और एकीकरण को मजबूत करने की क्षमता रखती है," 

राष्ट्र की सामूहिक समृद्धि में योगदान करने का अवसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जैसा कि हम इन उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, आइए हम एक ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए इन सहयोगी प्रयासों का पोषण और विस्तार करना जारी रखें जहां प्रत्येक व्यक्ति को आगे बढ़ने और हमारे राष्ट्र की सामूहिक समृद्धि में योगदान करने का अवसर मिले."

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Video: India's 2023 highlights in click-worthy pictures

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Friday, December 29, 2023

भारत ने पाकिस्तान से 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा

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भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) से 2008 के मुंबई आतंकी हमलों समेत ऐसे अनेक मामलों में वांछित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को प्रत्यर्पित करने को कहा है. हाफिज सईद कई आतंकी मामलों में भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है. भारत ने सईद के बेटे तल्हा सईद के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी गौर किया और कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को 'मुख्यधारा में आना' कोई नई बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी राज्य नीति का हिस्सा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आतंकवादी के प्रत्यर्पण के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया. बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हाल में प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा गया था. 

उन्होंने कहा, ‘‘जिसका जिक्र हो रहा है, वह भारत में कई मामलों में वांछित है. उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवादी घोषित किया है. इस संबंध में, हमने प्रासंगिक जरूरी दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को उसे भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है ताकि एक खास मामले में वह मुकदमा का सामना कर सके.''

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने कुछ सप्ताह पहले अनुरोध सौंपा था. 

प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान को सईद की गतिविधियों के बारे में बताता रहा है और वह भारत में वांछित है. सईद के बेटे के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उस देश में 'कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में आना' कोई नई बात नहीं है. 

बागची ने कहा, 'हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं. यह एक आंतरिक मामला है.' उन्होंने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आम तौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं. 

उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान में चरमपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में शामिल होना कोई नई बात नहीं है और लंबे समय से इसकी उसकी राज्य नीति का हिस्सा रहा है.''

उन्होंने कहा, 'इस तरह के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. हम निश्चित रूप से उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखेंगे जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.'

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'Cold day' warning in Delhi for 2 days, dense fog to engulf north India

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नीतीश ने क्‍यों संभाली JDU की कमान, ललन से बड़ी पहचान या INDIA गठबंधन से डीलिंग आसान?

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तीर के चुनाव चिह्न वाली पार्टी जेडीयू की सर्वोच्च समितियों ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के हाथों में ही इसे फिर से सौंप दिया है. जेडीयू के नेताओं को लगा कि 2024 की चुनावी बिसात में दिल्ली की कुर्सी पर कोई तीर निशाने पर लग सकता है तो वो नीतीश कुमार ही हैं, जिन्हें सुशासन बाबू के नाम से भी उनके समर्थक पुकारते हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पास ये तीर कमान आने में आज ज्यादा वक्त नहीं लगा. निवृतमान अध्यक्ष राजीव रंजन यानी ललन सिंह (Lalan Singh) ने बंद कमरे की बैठक में कहा कि वो लोकसभा चुनाव में शिरकत करने के कारण चुनावी काम में मसरुफ रहेंगे तो अध्यक्ष के दायित्व को नहीं निभा पायेंगे और उनकी जगह नीतीश कुमार को फिर से पार्टी की कमान सौंप दी जाए, जिस पर कार्यकारिणी और परिषद दोनों के ही नेताओं ने बगैर किसी विरोध के मुहर लगा दी.  

जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने ढाई साल तक पार्टी की कमान संभाली. वो कल तक लगातार इस्तीफे के बारे में सवाल पूछने वाले पत्रकारों पर ही भड़क रहे थे, लेकिन तमाम अटकलों को आज ललन सिंह ने सही साबित करते हुए कहा कि अध्यक्ष पद से मुक्ति पा ली है. 

कैसा रहा बीता साल 2023 : विस्तार से जानें

वैसे जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो उनकी सरकार की उपलब्धियों का प्रचार नहीं करती और अगर ऐसा करे तो उसका ही फायदा होगा.  

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असंतोष पर लगाम, पार्टी पर दे सकेंगे बेहतर ध्‍यान 

नीतीश कुमार के जेडीयू की कमान संभालने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण हैं. नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव न लड़कर पार्टी पर ध्यान देंगे और नीतीश 'इंडिया' समूह के बड़े नेताओं से डीलिंग आसानी से कर सकेंगे. यदि 'इंडिया' समूह का चेहरा बनने का मौका आया तो पार्टी की कमान नीतीश के पास होगी.

अध्यक्ष के तौर पर देश में प्रचार के लिए नीतीश की पहचान ललन सिंह से कहीं ज्‍यादा है. वहीं नीतीश के अध्‍यक्ष बनने के बाद पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बढ़ते असंतोष पर लगाम लगेगी. साथ ही अध्‍यक्ष के तौर पर नीतीश कुमार कोई भी फैसला आसानी से ले सकेंगे और अगड़ी जाति के बजाए पिछड़ी जाति का अध्यक्ष जातिगत समीकरण के भी अनुरूप होता है. 

बीजेपी के पुराने साथी रहे नीतीश कुमार ने दो-दो बार अचानक साथ छोड़कर आरजेडी के साथ गठबंधन कर लिया है. इस कदम से जेडीयू की सियासी सेहत पर क्या असर पड़ा जान लेते हैं.  

जेडीयू का चुनावी प्रदर्शन


वर्ष                 सीटें        % वोट        गठबंधन

2009 (लोकसभा)        20          24             एनडीए के साथ
2010 (विधानसभा)      115        22.6          एनडीए के साथ

2014 (लोकसभा)         2          15.8           एनडीए और यूपीए से अलग
2015 (विधानसभा)       71        16.8           महागठबंधन के साथ

2019 (लोकसभा)         16         21.8          एनडीए के साथ
2020 (विधानसभा)        43        15.4          एनडीए के साथ


 

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नीतीश का सियासी सफ़र

  • पहला विधान सभा चुनाव 1985 में हरनौत से जीते
  • 1989 तक लालू प्रसाद यादव को समर्थन दिया
  • 1994: जॉर्ज फ़र्नांडिस के साथ समता पार्टी बनाई
  • 1996: बाढ़ लोकसभा सीट जीती, बीजेपी के साथ हो लिए
  • 1998: केंद्रीय रेल मंत्री बने
  • 1999: केंद्रीय कृषि मंत्री बने
  • 2000: बिहार के 8 दिन के मुख्यमंत्री बने
  • 2015: आरजेडी, कांग्रेस के साथ आए
  • 2017: महागठबंधन छोड़ फिर बीजेपी के साथ
  • 2022: एक बार फिर आरजेडी के साथ
  • कुल 7 बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे

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Thursday, December 28, 2023

Will Bharat Nyay Yatra strengthen or strain Congress's ties with key allies?

\ Will Bharat Nyay Yatra strengthen or strain Congresss ties with key allies

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Wednesday, December 27, 2023

VIDEO : अनियंत्रित कार ने फुटपाथ पर खड़े शख्स को कुचला, हिलने तक का नहीं मिला मौका

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से एक रौंगटे खड़े कर देने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. सीसीटीवी फुटेज के विचलित करने वाले दृश्‍यों में एक तेज रफ्तार वैगन आर कार धूल उड़ाती हुई तेजी से सड़क पर फिसलती नजर आ रही है. इसी दौरान कार फुटपाथ पर खड़े एक शख्‍स को अपनी चपेट में भी ले लेती है, जो बेखबर वहां पर खड़ा होता है. इस दुर्घटना में चोट लगने के कारण उस शख्‍स की मौत हो गई. दुर्घटना के दौरान मृतक को हिलने तक का वक्‍त नहीं मिला. 

यह हादसा तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के टूंडला में हुआ था. अब इस घटना की सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. फुटेज में 34 साल का विष्णु नजर आ रहा है, जो सड़क के किनारे खड़ा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि दुर्घटना के कुछ क्षणों पहले तक विष्‍णु इधर-उधर चलते और फिर अपने फोन की ओर देखता नजर आ रहा है.  

कुछ सेकेंड के इस वीडियो में नजर आ रहा है कि घटना के वक्‍त पलक झपकते ही वैगन आर कार फिसलती हुई तेज गति से विष्णु की ओर आती है. विष्‍णु को अपनी चपेट में लेती है और सीसीटीवी कैमरे की पहुंच से दूर ले जाती है और पीछे छोड़ जाती है धूल का गुबार. इस घटना के बाद स्‍थानीय लोग भी दौड़ते नजर आ रहे हैं. 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना नवाब चौराहे पर हुई और विष्णु सिरोलिया का रहने वाला था. 

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'Will be glad to see our friend': President Putin invites PM Modi to Russia

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Eiffel Tower shut as staff goes on strike over 'unsustainable' management

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Tuesday, December 26, 2023

उल्फा, केंद्र और असम सरकार के बीच शांति समझौते के आसार, परेश बरुआ गुट नहीं होगा समझौते का हिस्‍सा

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यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (United Liberation Front of Asom) के वार्ता समर्थक धड़े, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच 29 दिसंबर को त्रिपक्षीय समझौता हो सकता है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्य में दीर्घकालिक शांति बहाल करना है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और उल्फा के वार्ता समर्थक गुट के एक दर्जन से अधिक शीर्ष नेता यहां शांति समझौते पर हस्ताक्षर के समय उपस्थित रहेंगे. वार्ता समर्थक गुट का नेतृत्व अरबिंद राजखोवा करते हैं. 

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस समझौते में असम से संबंधित काफी लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का ध्यान रखा जाएगा, इसके अलावा यह मूल निवासियों को सांस्कृतिक सुरक्षा और भूमि अधिकार प्रदान करेगा. 

परेश बरुआ के नेतृत्व वाला यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम (उल्फा) का कट्टरपंथी गुट इस समझौते का हिस्सा नहीं होगा क्योंकि वह सरकार के प्रस्तावों को लगातार अस्वीकार कर रहा है. 

सूत्रों ने कहा कि राजखोवा समूह के दो शीर्ष नेता - अनूप चेतिया और शशधर चौधरी - पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में थे और उन्होंने शांति समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सरकारी वार्ताकारों के साथ बातचीत की. 

उल्‍फा गुट से ये अधिकारी कर रहे बातचीत 

सरकार की ओर से जो लोग उल्फा गुट से बात कर रहे हैं उनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और पूर्वोत्तर मामलों पर सरकार के सलाहकार एके मिश्रा शामिल हैं. 

परेश बरुआ गुट कर रहा है विरोध 

परेश बरुआ के नेतृत्व वाले गुट के कड़े विरोध के बावजूद, राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट ने 2011 में केंद्र सरकार के साथ बिना शर्त बातचीत शुरू की थी. राजखोवा के बारे में माना जाता है कि वह चीन-म्यांमार सीमा के पास एक जगह पर रहते हैं. 

1979 में हुआ था उल्‍फा का गठन 

उल्फा का गठन 1979 में 'संप्रभु असम' की मांग के साथ किया गया था. तब से यह संगठन विघटनकारी गतिविधियों में शामिल रहा है जिसके कारण केंद्र सरकार ने 1990 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. 

राजाखोवा गुट 2011 में शांति वार्ता में शामिल हुआ 

उल्फा, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस' (एसओओ) के समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद राजखोवा गुट तीन सितंबर, 2011 को सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल हुआ था. 

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Monday, December 25, 2023

'Jammu and Kashmir suffering due to poor intel': Ex-top cop on Poonch attack

\ Jammu and Kashmir suffering due to poor intel Extop cop on Poonch attack

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"कोई भी जिम्‍मेदारी छोटी या बड़ी नहीं होती": केंद्र से राज्‍य में मंत्री बनाए जाने पर NDTV से बोले प्रह्लाद पटेल

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केंद्र सरकार में मंत्री रहे प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) को अब मध्‍य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. प्रहलाद पटेल ने अपनी नई जिम्‍मेदारी को नियती से जोड़ा और कहा कि जिम्‍मेदारी छोटी-बड़ी नहीं होती है. राज्‍य में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद NDTV के साथ खास बातचीत में प्रहलाद पटेल ने कहा कि भाजपा नेतृत्‍व हमेशा प्रयोग करता रहता है और वो प्रयोग हमेशा सफल होते हैं. वहीं पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि यह केंद्रीय नेतृत्‍व को तय करना है. 

प्रहलाद पटेल ने कहा, "मैं नई जिम्‍मेदारी को मैं नियती के साथ जोड़ता हूं. आज अटल बिहारी वाजपेयी की जन्‍म जयंती है. मोदी सरकार इसे सुशासन दिवस के रूप में मनाती है. वाजपेयी कहते थे कि सदन छोटा बड़ा नहीं होता है, जिम्‍मेदारी छोटी-बड़ी नहीं होती है. सदन के भीतर मर्यादित रहिए, सदन के बाहर आप जनप्रतिन‍िधि हों या न हों एक जिम्‍मेदार नागरिक के नाते सुशासन के लिए काम करते रहिए, तो गरीब और जरूरतमंदों को जरूर न्‍याय मिलेगा."

उन्‍होंने कहा, "मैं मोदीजी की उन निष्‍ठाओं के बारे में जरूर कहूंगा जो उन्‍होंने रोडमैप के रूप में देश के सामने रखी हैं - गरीब कल्‍याण, महिला सशक्तिकरण, हमारे युवाओं का जीवन हमसे बेहतर हो, किसान जो अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ हैं, उसे कीमत भी सही मिले और सम्‍मान भी मिले." 

उन्‍होंने कहा कि मध्‍य प्रदेश ऐसे भूगोल पर स्थित है, जिसके पास संसाधन और संभावनाएं दोनों हैं. उन्‍होंने कहा कि हम देश के राज्‍यों की सूची में नंबर एक के स्‍थान पर पहुंचने का सामर्थ्‍य रखते हैं. यह टीम निश्चित रूप से लक्ष्‍य को प्राप्‍त करेगी. 

उन्‍होंने अपनी पहली प्राथमिकता बताते हुए कहा कि मां नर्मदा हमारी जीवन रेखा है. उन्‍होंने कहा कि हम मां नर्मदा से लेना तो जानते हैं, लेकिन देने की कोशिश नहीं करते हैं. उन्‍होंने कहा कि ऐसी कई चीजें हैं, जिनके आधार पर हम स्‍वावलंबी होकर नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं. 

पटेल ने कहा कि भाजपा का नेतृत्‍व हमेशा प्रयोग करता रहा है, वो प्रयोग हमेशा सफल प्रयोग होते हैं. 

'नई टीम में अनुभवी और ऊर्जावान लोग'

मध्‍य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्‍तार को लेकर उन्‍होंने कहा कि अनुभव और नौजवानों की ऊर्जा मिलकर राज्‍य को गति और प्रगति देगी. जो लक्ष्‍य हम तय करेंगे उसे हासिल भी कर पाएंगे. उन्‍होंने इसे संतुलित टीम बताया और कहा कि इसमें अनुभवी और ऊर्जावान दोनों लोग हैं. साथ ही उन्‍होंने अच्‍छा काम करने का विश्‍वास जताया. 

केंद्र से राज्‍य में मंत्री बनाए जाने पर ये दिया जवाब 

केंद्र की बजाय राज्‍य में मंत्री बनाए जाने को लेकर के उन्‍होंने कहा कि जिम्‍मेदारी छोटी बड़ी नहीं होती है. आनंद के साथ अपनी जिम्‍मेदारी को पूरा करना चाहिए. मैं पूरी निष्‍ठा और क्षमता के साथ इसे निभाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त करता हूं. 

केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले पटेल 

केंद्रीय मंत्रियों को राज्‍य में चुनाव लड़ाने को लेकर सवाल पर कहा कि भाजपा सामूहिक नेतृत्‍व की बात करती थी और सामूहिक नेतृत्‍व से फैसले करती रही है. इस बार भी सामूहिक नेतृत्‍व जनता के सामने था. लोगों ने उस संकल्‍प का सम्‍मान किया और मेरे जैसा अदना सा कार्यकर्ता बोलता था कि मैं 2003 की पुनरावृत्ति 2023 में देख रहा हूं और यह बात सच साबित हुई. यह भाजपा का मूल चरित्र है और सामूहिक नेतृत्‍व जनता को रास आता है. 

MP की सभी 29 लोकसभा सीट जीतने का दावा 

लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी पर उन्‍होंने कहा कि मध्‍य प्रदेश में 29 में से 28 सीट हमारे पास है, एक सीट हमारे पास नहीं है. उन्‍होंने कहा कि हम सबकी कोशिश और संकल्‍प होगा कि हम उसको भी हासिल करें. 

वित्तीय अनुशासन की चिंता, संकल्‍पों को भी करेंगे पूरा 

अपनी प्राथमिकताओं को लेकर के उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार राज्‍यों को मदद देती रही है. मैं सरकार का अभिनंदन करता हूं कि 5727 करोड़ रुपये की राशि उन्‍होंने दी है. हम अपने वित्तीय अनुशासन की चिंता भी करेंगे, लेकिन राज्‍य के संकल्‍पों को भी पूरा करेंगे. 

शिवराज की भूमिका पर बोले प्रह्लाद पटेल 

शिवराज सिंह चौहान की भूमिका को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान नेता हैं और अनुभवी नेता हैं. उनकी जिममेदारी केंद्रीय नेतृत्‍व ही तय करेगा, इस पर हमें टिप्‍पणी नहीं करनी चाहिए. 

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Navy deploys 3 warships in Arabian Sea after attack on merchant ship

\ Navy deploys warships in Arabian Sea after attack on merchant ship

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Sunday, December 24, 2023

Shah Rukh Khan 2023 Year End Special: जीरो से जवान हुए किंग खान, 2023 में सुपरहिट फिल्मों की लगाई हैट्रिक

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Shah Rukh Khan Ruled Bollywood 2023: बॉलीवुड में किंग खान के रूप में मशहूर हुए फिल्म अभिनेता शाहरुख खान का करियर काफी उतार-चढ़ावों से गुजरा है, लेकिन ये शाहरुख ही हैं कि जोरदार वापसी करते हैं. तीन दशक से अधिक सालों से बॉलीवुड इंडस्ट्री में स्टारडम संभाल रहे शाहरुख पैसे कमाने के लिए फिल्में शौक के लिए करते हैं, क्योंकि कमाई के लिए उनके पास हजारों स्रोत हैं.

2023 का साल शाहरुख के लिए बहुत लकी रहा है. 2023 में शाहरुख की तीन फिल्में रिलीज हुईं और तीनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त बिजनेस किया.
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2023 में रिलीज हुई पहली फिल्म 'पठान' शाहरुख के करीब 5 साल के फिल्मों के ब्रेक लेने के बाद थियेटर रिलीज हुई थी. यशराज के बैनर तले बनी फिल्म पठान ने तब सफलता के झंडे गाड़े जब कोराना लॉकडाउन के बाद थियेटर में फिल्मों का हश्र बुरा चल रहा था. 

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2023 में शाहरूख की दूसरी फिल्म रिलीज हुई, नाम था 'जवान'. साउथ फिल्मों के सुपरस्टार निर्देशक एटली के निर्देशन में बनीं फिल्म जवान में शाहरुख डबल रोल मे नजर आए. जवान ने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में पठान को भी पीछे छोड़ दिया. एक्शन, रोमांस और मैसेज से लबरेज फिल्म जवान पर दर्शकों ने इतना प्यार बरसाया कि जवान 2023 की सबसे अधिक कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म बन चुकी है. 

2023 के दिसंबर महीने के आखिर में रिलीज हुई शाहरुख की तीसरी फिल्म 'डंकी' को भी दर्शकों का प्यार मिला. हालांकि डंकी को जवान और पठान जैसी शुरूआती सफलता नहीं मिली.
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बॉलीवुड के सबसे सफल निर्देशक में शुमार राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म डंकी ने पहले दिन महज 30 करोड़ रुपए कमाए, लेकिन दूसरे ही दिन डंकी ने कवर कर लिया और महज दो दिनों में डंकी ने 100 करोड़ के आंकड़ा पार कर लिया. 

गौरतलब है 2023 में सुपरहिट फिल्मों की हैट्रिक लगा चुके शाहरुख खान 2018 में रिलीज हुई फिल्म 'जीरो' की असफलता ने बुरी तरह से तोड़ दिया था. आनंद एल राय के निर्देशन में बनीं फिल्म जीरो में शाहरुख एक बौने के किरदार में नजर आए थे, जिसे दर्शकों ने नकार दिया था.

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फिल्म 'जीरो' की असफलता से शाहरुख इतने निराश हुए थे कि उन्होंने फिल्मों से लंबा ब्रेक ले लिया. इतना ही नहीं, शाहरुख ने अल्टरनेट करियर भी सोचना शुरू कर दिया था. 

रिपोर्ट की मानें तो शाहरुख खान ने जीरो की असफलता के बाद रेस्ट्रोरेंट बिजनेस में उतरने का मन बना लिया था, जिसके लिए बाकायदा उन्होंने ट्रेनिंग भी शुरू कर दी थी. 2018 से 2023 तक शाहरुख करीब पांच साल तक फिल्मों से दूर रहे और 2023 में जब लौटे तो कमाल ही कर दिया. उम्र का 58वां बसंत देख चुके शाहरुख की एनर्जी और उनके मूब्स को कुदरत का करिश्मा ही कह सकते हैं.   

शाहरुख खान वर्तमान से बॉलीवुड के सबसे सफल एक्टर के रूप में शुमार हैं. वो फिल्में भी प्रोड्यूश करते हैं, उनकी अपनी वीएफएक्स स्टूडियो है. यानी फिल्मों के अलावा शाहरुख के पास कमाई के कई स्रोत हैं. करीब 6000 करोड़ रुपए के मालिक शाहरुख की गिनती बॉलीवुड ही नहीं, दुनियाभर के अमीर अभिनेताओं में होती है. 

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2023 का साल अभिनेता शाहरुख खान की निजी सफलता के लिए ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड फिल्म उद्योग और उससे जुड़े उद्योगों के लिए पुनर्जीवन के लिए भी निर्णायक रहा है.

2023 में शाहरुख के कमबैक ने न केवल बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का दिन वापस ला दिए, बल्कि देश के उन सिंगल स्क्रीन थियेटरों के दिन भा फिर गए, जो कोविड लॉकडाउन के बाद लगभग बंद हो चुके थे या बंद होने के कगार पर थे. कह सकते हैं कि 2023 का साल शाहरुख की निजी सफलता के लिए ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड फिल्म उद्योग और उससे जुड़े उद्योगों के लिए पुनर्जीवन के लिए भी निर्णायक रहा है.

ये भी पढ़ें-अपनी अगली फिल्म में ये रोल करते दिखेंगे शाहरुख खान, फिर याद आ जाएगा जवान



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Saturday, December 23, 2023

Cab driver shot dead inside his car in Gurugram, police suspect robbery attempt

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Friday, December 22, 2023

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'Which gay man has menstrual cycle?' Smriti Irani on LGBT community

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Thursday, December 21, 2023

Got consular access to man arrested for planning to kill Pannun: Government

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Wednesday, December 20, 2023

केजीएफ, कांतारा और सालार के बाद आएगा बघीरा, सामने आया टीजर तो लोग बोले- रोंगटे खड़े कर दिए...

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Bagheera Official Teaser: साउथ की केजीएफ और कांतारा जैसी फिल्में, जो केवल बॉक्स ऑफिस पर ही नहीं दर्शकों के दिलों में भी छाप छोड़ गई. वहीं अब इसी फिल्म के मेकर्स सालार की रिलीज के लिए तैयार हैं. लेकिन इससे पहले फैंस को तोहफा देते हुए एक नई फिल्म बघीरा का टीजर सामने आया है, जो कि तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.  वहीं फैंस इसे देखकर कह रहे हैं कि रोंगटे खड़े हो गए हैं. बघीरा का टीजर बहुत ही कमाल का है और लग रहा है कि एक बार फिर जोरदार एक्शन देखने को मिलेगा.

होम्बले फिल्म्स के यूट्यूब पेज पर बघीरा का टीजर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, जब समाज जंगल बन जाता है तो केवल एक शिकारी न्याय के लिए दहाड़ता है, जो है बघीरा. हमारे बेहद प्रतिभाशाली एक्टर श्री मुरली को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए होम्बले फिल्म्स को पेश करते हैं बघीरा का ऑफिशियल टीजर प्रेजेंट करता है. 

बघीरा, केजीएफ 1, कंतारा और सालार के निर्माताओं की एक अपकमिंग कन्नड़ फिल्म है, जो डॉ. सूरी द्वारा निर्देशित, दूरदर्शी निर्देशक प्रशांत नील द्वारा निर्मित, बी. अजनीश लोकनाथ द्वारा संगीत और विजय किरागांदुर द्वारा निर्मित है. इस फिल्म का टीजर को देखने के बाद एक यूजर ने लिखा, कन्नड़ इंडस्ट्री ग्रो कर रही है और इंडस्ट्री के मुकाबले. दूसरे यूजर ने लिखा, यह केवल टीजर नहीं एक इमोशन है. तीसरे यूजर ने लिखा, रोंगटे खड़े कर दिए.



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What's good, what's not in new criminal code bills? Experts weigh in

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INDIA अलायंस के वो 4 मुद्दे जिनपर नहीं बन रही बात, सामने आ गए नेताओं के अंदरूनी मतभेद

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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में अभी कुछ ही महीने रह गए हैं. विपक्षी दलों के INDIA अलायंस (Opposition INDIA Alliance) की चार बैठकें भी हो गईं, लेकिन सीट-शेयरिंग (Seat Sharing) और पीएम उम्मीदवार समेत कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर अब तक कोई आम राय अब तक नहीं बन पाई है. मोदी सरकार को हराने की रणनीति पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में बुलाई गई INDIA अलायंस की चौथी बैठक में अंदरूनी मतभेद और खींचतान खुलकर सामने आ गए. आइए जानते हैं कि क्या है वो वजह जिससे नीतीश कुमार (Nitish Kumar), लालू यादव (Lalu Yadav) और दूसरे नेता INDIA अलायंस से नाराज हो गए. 

दरअसल, नई दिल्ली की मीटिंग में TMC प्रमुख ममता बनर्जी और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम INDIA अलायंस के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ाकर कांग्रेस को ही पटखनी देने की कोशिश की. इस प्रस्ताव पर नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने भी चुप्पी साधकर नाराजगी का इजहार किया. दोनों ही नेता गठबंधन की बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए. अखिलेश यादव भी नई दिल्ली से सीधे लखनऊ के लिए रवाना हो गए. हालांकि, उन्होंने समाचार एजेंसी ANI से थोड़ी-बहुत बात की थी.

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इस मीटिंग के बाद क्षेत्रीय दलों की आपसी खींचतान और मतभेद भी सामने आ गए हैं. चार ऐसे मुद्दे हैं, जिनको हल किए बिना विपक्षी एकता शायद आकार नहीं ले सकेगी.

राहुल गांधी का नेतृत्व
विपक्षी गठबंधन के लिए सबसे बड़ा मुद्दा राहुल गांधी का नेतृत्व है. ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल शायद नहीं चाहते कि राहुल गांधी गठबंधन का चेहरा बने या गठबंधन का नेतृत्व करें. इसलिए नई दिल्ली की मीटिंग से पहले ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की मुलाकात हुई थी. मीटिंग में ममता बनर्जी ने कांग्रेस को हैरान करते हुए खरगे का नाम पीएम उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ा दिया. केजरीवाल ने बिना देरी किए इस प्रस्ताव का समर्थन भी कर दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी गठबंधन के कुल 28 में से 12 दलों ने खरगे के नाम के प्रस्ताव का समर्थन किया है. इससे कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो गई, क्योंकि ज्यादातर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के पक्ष में दिखाई देते हैं. हालांकि, मल्लिकार्जुन खरगे ने मुद्दे को यह कहते हुए टाल दिया कि चुनाव बाद गछबंधन के जीतने पर ही इस बात पर चर्चा होगी. आपको बता दें कि राहुल गांधी खुद को पीएम पद की दौड़ से काफी पहले ही अलग कर चुके हैं.    

बुआ-भतीजे की खटपट
विपक्षी गठबंधन में क्षेत्रीय दलों की आपसी खींचतान का दूसरा मुद्दा बुआ-भतीजे की खटपट है. बुआ यानी मायावती और भतीजे यानी अखिलेश यादव. पीएम उम्मीदवार को लेकर खरगे के पक्ष में ममता बनर्जी की ओर से दलील ये दी गई है कि वो देश के पहले दलित प्रधानमंत्री बन सकते हैं. लेकिन मायावती के समर्थक तो ये बात उनके लिए काफी लंबे समय से कहते आए हैं. सपा-कांग्रेस की दूरी के बीच कांग्रेस और बसपा के नजदीक आने की चर्चाएं भी हुईं.

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मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस आमने-सामने दिखे थे. इसलिए क्या कांग्रेस और बसपा करीब आ सकते हैं? ये सवाल भी गठबंधन में उठाया जा रहा है. वैसे नई दिल्ली की मीटिंग में सपा ने कांग्रेस को चेतावनी दे दी कि बसपा से हाथ मिलाने की कतई कोशिश न करें.

सपा सांसद एसटी हसन ने कहा, "बसपा को मीटिंग में आने के लिए बुलाया गया था. लेकिन वो नहीं आए. बसपा के नेता किसी मीटिंग में शामिल नहीं हुए. बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने का साफ ऐलान कर दिया है. INDIA अलायंस को भी बसपा की कोई खास जरूरत नहीं है. गठबंधन में अब बसपा के आने का भी कोई मतलब नहीं है. कल की मीटिंग के बाद कांग्रेस ने भी कहा है कि वो ऐसा कोई विचार नहीं कर रही है. सपा अब इस बात के खिलाफ है कि गठबंधन में अब बसपा को लिया जाए."

नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की नाराजगी
विपक्षी गठबंधन में खींचतान का तीसरा मुद्दा नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की नाराजगी है. नई दिल्ली की बैठक में भी संयोजक पद पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका. हालांकि, ममता बनर्जी ने ये कहा था कि खरगे को या तो पीएम उम्मीदवार बनाया जाय या गठबंधन का संयोजक. लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है.

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बीजेपी से रिश्ता तोड़ने के बाद से विपक्षी दलों को एकजुट करने में नीतीश कुमार ने बड़ी भूमिका निभाई है. इस लिहाज से नीतीश को उम्मीद है कि उन्हें कोई न कोई जिम्मेदारी दी जाएगी. लेकिन बिना बात किए खरगे का नाम पीएम उम्मीदवार और गठबंधन के संयोजक के तौर पर बढ़ा दिया गया. संयोजक के लिए नीतीश कुमार का नाम ही नहीं लिया गया. मीटिंग खत्म होते ही नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादतव ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आए. नीतीश ने इससे पहले तीसरी मीटिंग के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस स्किप की थी.

नीतीश कुमार की 'नाराजगी' को लेकर जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा, "हम चाहेंगे कि भविष्य में हम और परस्पर सहयोग और सद्भावना के साथ काम करें. गठबंधन के लिए जो फैसले लेने चाहिए, वो एक व्यक्ति या एक दल से प्रचारित नहीं किया जाए. इससे सामूहिक निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ेगा."

सीट शेयरिंग का समझौता
खींचतान का चौथा मु्द्दा सीट शेयरिंग और सीटों का तालमेल है. टीएमसी ने सीटों का बंटवारा करने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन अपनी ओर से तय कर दी है. सीटों के तालमेल के लिए मंगलवार को 6 सदस्यीय अनौपचारिक समिति का ऐलान किया गया है. इसमें अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, आम आदमी पार्टी पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस को सीटें देने को तैयार नहीं है. सीट शेयरिंग के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन दी गई है. लेकिन केजरीवाल 30 दिसंबर तक विपश्यना क्लासेस के लिए दिल्ली से बाहर चले गए हैं.

कुछ सीटों पर समझौता आसान नहीं
INDIA गठबंधन के लिए कई राज्य ऐसे हैं, जहां सीटों का बंटवारा आसान नहीं दिखता है. आइए समझते हैं कि इन राज्यों में सीट शेयरिंग का क्या फॉर्मूला निकल सकता है:-

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्यों में सीटों के बंटवारे पर अब तेजी से मंथन होगा. खासतौर से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, पंजाब और दिल्ली में सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाने की चुनौती है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सपा कितनी सीटें देगी? इसका जवाब भी खोजा जाना है. आम आदमी पार्टी की राज्य यूनिट सीट शेयरिंग समझौते के खिलाफ है. इसलिए अब छह सदस्यों की अनौपचारिक समिति इसपर तेजी से मंथन करेगी. समिति के सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे (कांग्रेस), ममता बनर्जी (TMC), अखिलेश यादव (SP), नीतीश कुमार (JDU), शरद पवार (NCP) और अरविंद केजरीवाल (AAP) हैं. 

बंगाल में ममता बनर्जी ढील देने के मूड में नहीं
पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर ममता बनर्जी ढील देने के मूड में नहीं दिखती हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या TMC, कांग्रेस और लेफ्ट तीनों गठबंधन करेंगे? लेफ्ट पार्टियों की राज्य यूनिट भी सीट समझौते के खिलाफ है. बंगाल की 6 सीटों पर कांग्रेस की नजर है. टीएमसी इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है.

महाराष्ट्र में बड़ा भाई बनेगी शिवसेना (UBT)
INDIA गठबंधन के लिए महाराष्ट्र को लेकर भी दिक्कत है. यहां शिवसेना (UBT) बड़ा भाई बनेगी. यानी सीट शेयरिंग के मामले पर शिवसेना (UBT) का जोर रहेगा. कांग्रेस, एनसीपी के शरद पवार और कुछ छोटे दलों में सीटों का बंटवारा होगा.

वहीं, बिहार में जेडीयू-आरजेडी बराबर 17-17 सीटों पर लड़ सकती हैं. कांग्रेस को पांच और लेफ्ट को एक सीट मिल सकती है. झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम, आरजेडी और लेफ्ट में सीटों का बंटवारा हो सकता है. दिल्ली और पंजाब में AAP से गठबंधन होगा या नहीं, ये अभी साफ नहीं हो पाया है.


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Mamata Banerjee pitched for Priyanka Gandhi vs PM Modi from Varanasi: Sources

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Tuesday, December 19, 2023

Tamil Nadu rain: 3 dead, schools shut, MK Stalin to meet PM for financial assistance

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Monday, December 18, 2023

'जो उचित समझो वो करो': चीन के साथ तनाव के दौरान रक्षा मंत्री ने पूर्व सेना प्रमुख से कहा था

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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रेचिन ला पर्वतीय दर्रे में चीनी सेना द्वारा टैंक और सैनिकों को आगे बढ़ाए जाने से उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 31 अगस्त, 2020 की रात फैसला तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे पर छोड़ते हुए कहा था, ‘‘जो उचित समझो वो करो''.

अपने संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में नरवणे ने सिंह के निर्देश के साथ-साथ संवेदनशील स्थिति पर उस रात रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) के बीच फोन कॉल की झड़ी का भी जिक्र किया है.

नरवणे ने कहा कि सिंह के फोन के बाद उनके दिमाग में सैकड़ों अलग-अलग विचार कौंध गए. उन्होंने लिखा है, ‘‘मैंने आरएम (रक्षा मंत्री) को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया, जिन्होंने कहा कि वह रात लगभग साढ़े दस बजे तक मुझसे संपर्क करेंगे, जो उन्होंने किया.''

पूर्व सेना प्रमुख ने लिखा है, ‘‘उन्होंने (रक्षा मंत्री) कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है और यह पूरी तरह से एक सैन्य निर्णय है. ‘जो उचित समझो वो करो'.''

नरवणे ने कहा, ‘‘जिम्मेदारी अब पूरी तरह से मुझ पर थी. मैंने एक गहरी सांस ली और कुछ मिनटों के लिए चुपचाप बैठा रहा. दीवार पर लगी घड़ी की ‘टिक-टिक' को छोड़कर सबकुछ शांत था.''

उन्होंने लिखा है, ‘‘एक दीवार पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नक्शा था, दूसरी दीवार पर पूर्वी कमान का. वे अचिह्नित नक्शे थे, लेकिन जैसे ही मैंने उन्हें देखा, मैं प्रत्येक यूनिट तथा फॉर्मेशन के स्थान की कल्पना कर सकता था. हम हर तरह से तैयार थे, लेकिन क्या मैं वास्तव में युद्ध शुरू करना चाहता था?''

संस्मरण में, जनरल नरवणे ने उस रात की अपनी विचार प्रक्रिया को रेखांकित किया है.

उन्होंने उस रात के विचारों का उल्लेख करते हुए लिखा है, ‘‘कोविड महामारी के कारण देश बुरी स्थिति में था. अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही थी, वैश्विक आपूर्ति शृंखला टूट गई थी. कार्रवाई के लंबा खिंचने पर क्या हम इन परिस्थितियों में लंबे समय तक उपकरणों आदि की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित कर पाएंगे?''

नरवणे ने लिखा है, ‘‘वैश्विक क्षेत्र में हमारे समर्थक कौन थे, और चीन तथा पाकिस्तान से क्या खतरा है? मेरे दिमाग में सैकड़ों अलग-अलग विचार कौंध गए.''

उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई युद्ध-खेल नहीं था जो आर्मी वॉर कॉलेज में मिट्टी के बने मॉडल से खेला जा रहा हो, बल्कि जीवन और मरण की स्थिति थी.''

नरवणे ने लिखा है, ‘‘कुछ क्षण शांत विचार के बाद, मैंने उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी को फोन किया. मैंने उनसे कहा कि पहली गोली हम नहीं चला सकते क्योंकि इससे चीन को स्थिति को भड़काने और हमें हमलावर बताने का बहाना मिल जाएगा.''

उन्होंने लिखा है, ‘‘यहां तक ​​कि मुखपरी (कैलाश रेंज पर) में भी पिछले दिन, पीएलए (चीनी सेना) ने ही पहली गोलीबारी की थी (पीएलए द्वारा केवल दो गोलियां और हमारे द्वारा तीन गोलियां दागी गईं). यह मीडिया की नजरों से बच गया था.''

नरवणे ने कहा कि उन्हें लगा कि सेना को यही रुख बरकरार रखना चाहिए.

उन्होंने लिखा, ‘‘इसके बजाय, मैंने उनसे कहा कि हमारे टैंकों की एक टुकड़ी को दर्रे के आगे के ढलानों पर ले जाएं और उनकी बंदूकें दबा दें ताकि पीएलए हमारी बंदूकों की नली पर नीचे की तरफ नजर रखे.''

नरवणे ने लिखा है, ‘‘यह तुरंत किया गया और पीएलए टैंक, जो तब तक शीर्ष से कुछ सौ मीटर के भीतर पहुंच चुके थे, अपने रास्ते पर ही रुक गए.''

उन्होंने लिखा, ‘‘उनके (चीनी सेना) हल्के टैंक हमारे मध्यम टैंकों का कोई मुकाबला नहीं कर सकते थे. यह झांसा देने का खेल था और पीएलए की नजर पहले नीचे की तरफ हुई.''

नरवणे ने लिखा कि पीएलए ने 29-30 अगस्त की मध्यरात्रि मोल्दो से चुटी चांगला के क्षेत्र में पैंगोंग त्सो के दक्षिण तट की ओर सैनिकों को भेजा.

उनके अनुसार, ‘‘शाम तक, वे कैलाश रेंज के क्षेत्र में कुछ सैनिकों को आगे ले गए.''

पूर्व सेना प्रमुख ने अपने संस्मरण में लिखा है कि 30 तारीख की शाम तक, भारतीय सेना पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण तट के साथ-साथ कैलाश रेंज पर मजबूत स्थिति में थी.

उन्होंने कहा, ‘‘पीएलए की प्रतिक्रिया आने में ज्यादा समय नहीं था. 30 तारीख की शाम को ही, उन्होंने कैलाश रेंज क्षेत्र में कुछ सैनिकों को आगे बढ़ाया. वे हमारे स्थानों से लगभग 500 मीटर पहले रुक गए और खुदाई शुरू कर दी.''

नरवणे ने कहा, ‘‘पीएलए के स्थान कम ऊंचाई पर थे और सीधे हमारी निगरानी में थे, वैसे तो, उनसे हमें कोई खतरा नहीं था, लेकिन अगर वे आकर हमारे इलाकों से आगे निकलने या उन्हें घेरने की कोशिश करते, तो हमें कार्रवाई करनी होती. स्थिति तनावपूर्ण थी और बिलकुल भड़कने के कगार पर थी.''

उनका कहना है कि 31 अगस्त को दिन के उजाले में पीएलए की ओर से काफी हलचल देखी गई, जबकि भारतीय सेना ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी.

नरवणे के अनुसार, दोपहर के समय, मोल्दो में चीन की तरफ वाले क्षेत्र में पीएलए के बख्तरबंद वाहनों की गतिविधि देखी गई. उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए तारा बेस पर मौजूद हमारे टैंकों को भी रेचिन ला तक जाने का आदेश दिया गया.''

उन्होंने कहा कि कुछ अन्य स्थानों पर भी पीएलए सैनिकों का जमावड़ा देखा गया.

पूर्व सेना प्रमुख ने लिखा है, ‘‘31 अगस्त की रात सवा आठ बजे, जो (जोशी) ने मुझे फोन किया, वह काफी चिंतित थे. उन्होंने बताया कि पैदल सेना के साथ चार टैंक धीरे-धीरे रेचिन ला की ओर बढ़ने लगे हैं.''

नरवणे के अनुसार, ‘‘उन्होंने रोशनी करने वाला गोला दागा, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. मुझे स्पष्ट आदेश थे कि ‘जब तक कि ऊपर से मंजूरी न मिल जाए', तब तक मैं गोली नहीं चलाऊंगा. इसके बाद अगले आधा घंटे में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष और मेरे बीच फोन की झड़ी लग गई.''

उन्होंने लिखा है, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति से मेरा प्रश्न था, ‘मेरे लिए आदेश क्या हैं?' रात नौ बजकर दस मिनट पर उत्तरी कमान से फिर फोन आया कि टैंक आगे बढ़ रहे हैं और अब चोटी से एक किमी से भी कम दूरी पर हैं.''

नरवणे ने कहा, ‘‘मैंने रात नौ बजकर 25 मिनट पर फिर से रक्षा मंत्री को फोन किया और एक बार फिर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे. स्थिति तनावपूर्ण थी. टेलीफोन घनघना रहे थे.''

इस बीच, हॉट लाइन संदेशों का आदान-प्रदान हुआ और पीएलए कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने कहा कि दोनों पक्षों को आगे की कोई भी कार्रवाई रोक देनी चाहिए तथा दोनों स्थानीय कमांडरों को अगली सुबह साढ़े नौ बजे दर्रे पर मिलना चाहिए.

नरवणे ने लिखा है कि उन्होंने यह खबर साझा करने के लिए रक्षा मंत्री सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रात 10 बजे फोन किया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी फोन रखा ही था कि जो (उत्तरी सैन्य कमांडर जोशी) ने रात 10 बजकर 10 मिनट पर एक बार फिर फोन किया.''

नरवणे के अनुसार, ‘‘उन्होंने (जोशी) कहा कि टैंक फिर से ऊपर की ओर बढ़ने लगे हैं और अब केवल 500 मीटर की दूरी पर हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘जोशी ने सिफारिश की कि पीएलए को रोकने का एकमात्र तरीका अपने मध्यम तोपखाने को मुंह खोलना है, जो कार्रवाई के लिए तैयार हैं और इंतजार कर रहे हैं.''

स्थिति को कैसे संभाला गया, यह बताते हुए नरवणे ने कहा, ‘मेरी स्थिति गंभीर थी...'

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When Dawood Ibrahim 'felt very sorry' for gang war killings in Mumbai

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Sunday, December 17, 2023

"चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग वो दिन कभी नहीं भूलेंगे...": 2020 गलवान झड़प पर पूर्व सेना प्रमुख

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थलसेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि चीन छोटे पड़ोसियों को डराने-धमकाने के लिए आक्रामक कूटनीति और उकसावे वाली रणनीति अपनाता रहा है, और यही वजह थी कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने पलटवार करते हुए उसे दिखा दिया कि 'बस! बहुत हो चुका.'

नरवणे ने अपने संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में गलवान घाटी में हुई घातक झड़पों के बारे में कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 16 जून को कभी नहीं भूलेंगे, क्योंकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को दो दशक से अधिक समय बाद पहली बार 'घातक पटलवार' का सामना करना पड़ा था.

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 सैनिकों के जान गंवाने को याद करते हुए नरवणे ने कहा, ''यह मेरे पूरे करियर के सबसे दुखद दिनों में से एक था.''

नरवणे 31 दिसंबर, 2019 से 30 अप्रैल, 2022 तक सेना प्रमुख रहे. उनके कार्यकाल का अधिकतर समय विवादित सीमा पर चीन से उत्पन्न चुनौतियों और बल की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक सुधार उपाय लागू करने पर केंद्रित रहा.

नरवणे ने संस्मरण में लिखा, '16 जून (चीनी राष्ट्रपति) शी चिनफिंग का जन्मदिन है. यह ऐसा दिन नहीं है जिसे वह जल्द ही भूल जाएंगे. दो दशक में पहली बार, चीन और पीएलए को घातक पलटवार का सामना करना पड़ा था.'

उन्होंने लिखा, "वे आक्रामक कूटनीति और उकसाने वाली रणनीति का हर जगह बेधड़क इस्तेमाल करके नेपाल और भूटान जैसे छोटे पड़ोसियों को डराते रहे हैं. इस घटना के दौरान भारत और भारतीय सेना ने दुनिया को दिखाया कि अब बहुत हो चुका." उन्होंने कहा कि भारत ने पलटवार करके यह दिखाया कि वह पड़ोसी की धौंस का जवाब दे सकता है.

'पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया' द्वारा प्रकाशित संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' अगले महीने बाजार में आएगी.

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) नियुक्त नहीं किये जाने पर उन्होंने कहा, "कभी-कभी मुझसे पूछा जाता है कि मुझे सीडीएस क्यों नहीं बनाया गया. मेरी प्रतिक्रिया हमेशा यही रही है कि जब मुझे सेना प्रमुख बनाया था, तब भी मैंने सरकार की समझ पर सवाल नहीं उठाया था, तो अब क्यों उठाता?"

संस्मरण के अंतिम अध्याय 'ओल्ड सोल्जर्स नेवर डाई' के अंत में वह कहते हैं, ''इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पद से सेवानिवृत्त हुए, बल्कि यह मायने रखता है कि आप किस सम्मान के साथ सेवानिवृत्त हुए.''



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Israel uncovers 'biggest Hamas tunnel' near Gaza border

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North Korea fires short-range missile, condemns US for raising tensions

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BJP's Nishikant Dubey targets Congress, lists Parliament security lapses of past

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Saturday, December 16, 2023

2 women accused of facilitating rape of minor at Uttarakhand juvenile home 

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"अपराध गंभीर है...": अदालत ने चलती ट्रेन में 4 लोगों की हत्या करने वाले RPF कांस्टेबल को जमानत नहीं दी

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एक अदालत ने इस साल जुलाई में चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहयोगी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में बर्खास्त किये गये रेलवे सुरक्षा बल (आपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को शनिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि अपराध के समय आरोपी ‘बिल्कुल होशो-हवास में' था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ढिंढोसी अदालत) ए जेड खान ने चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी और कहा कि अपराध गंभीर है.

अदालत ने कहा कि चौधरी ने केवल अपने वरिष्ठ की, बल्कि एक खास समुदाय के तीन अन्य को खास तौर पर निशाना बनाते हुए उन्हें मार डाला. उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए खान ने कहा कि आरोपी ने जो शब्द बोले, उनसे स्पष्ट पता चलता है कि ‘‘वह एक खास समुदाय के लोगों की हत्या करने के दौरान बिल्कुल ठीक-ठाक मानसिक स्थिति में था.''

चौधरी फिलहाल महाराष्ट्र के अकोला की जेल में बंद है और उसे सुनवाई के दौरान अदालत में पेश किया गया था.

उसने पिछले महीने अपने वकीलों अमित मिश्रा और पंकज घिल्डियाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि उसे लगता है कि ‘‘उसपर भूतप्रेत की साया'' थी, इसलिए वह ऐसी अजीब हरकत कर रहा था.

इस मामले की जांच कर रही राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने यह कहते हुए चौधरी की जमानत अर्जी का विरोध किया कि ऐसा लगता है कि उसके मन में एक खास समुदाय के प्रति ‘गुस्सा एवं द्वेष' है तथा उसने अपने गुनाह को लेकर कोई अफसोस नहीं जताया.

जीआरपी ने यह भी कहा कि यदि उसे जमानत दी जाती है, तो इससे कानून के बारे में नकारात्मक छवि पेश हो सकती है तथा कुछ धार्मिक समूहों में डर और असुरक्षा पैदा हो सकती है.

मृतक असगर शेख की पत्नी उमेशा खातून ने भी चौधरी की जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपी ‘आतंकवादी मानसिकता का व्यक्ति' है तथा वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. खातून ने अपने वकीलों करीम पठान और फजलुररहमान शेख के जरिये अदालत में अपनी बातें रखीं.

महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के पास 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में यह घटना घटी थी. चौधरी ने बी 5 कोच में अपने स्वचालित हथियार से गोली चलाकर आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा तथा एक यात्री की हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने पैंट्री कार में एक अन्य यात्री तथा एस 6 डिब्बे में एक और यात्री को मार डाला था.

बाद में यात्रियों ने चेन खींची, तब ट्रेन (मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर) मीरा रोड स्टेशन के समीप रुक गयी। चौधरी ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन यात्रियों ने उसे पकड़ लिया था.

अक्टूबर में पुलिस ने चौधरी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. उसके खिलाफ भादंसं, रेलवे अधिनियम तथा महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय के जीतू पटवारी को बनाया मध्य प्रदेश का नया अध्यक्ष



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Friday, December 15, 2023

Special team to probe Rajasthan paper leaks, women safety primary: Chief Minister

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Thursday, December 14, 2023

"PM लापता के पर्चे, लखनऊ के जूते..." : संसद में हंगामा करने वाले आरोपियों के बारे में पुलिस ने कोर्ट को बताया

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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने (Parliament Security Breach) के मामले में पुलिस और कमिटी की जांच तेज हो गई है. चारों आरोपियों को कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. वहीं, इस मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने सरेंडर कर दिया है. गुरुवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. दिल्ली पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मिली. पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इन आरोपियों के पास से पीएम नरेंद्र मोदी के नाम के पैंपलेट मिले थे. एक पैंपलेट में इन लोगों ने पीएम को लापता बताया था. 

आरोपियों की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दो लोगों के पास पर्चे थे, जो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहते थे. इनके पास से लखनऊ के जूते भी मिले हैं. पुलिस ने दावा कि इन्होंने पर्चे में पीएम को लापता बताया था. पुलिस का यह भी दावा है कि आरोपियों ने पीएम की प्रासंगिक जानकारी के लिए स्विस बैंक से कैश प्राइज की पेशकश की थी.

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में 6 आरोपी सामने आए थे. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा के अंदर गए थे. दोनों ने हंगामा करते हुए कलर स्मोक छोड़ा. इनके पास से पुलिस को बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस का विजिटर्स पास मिला है. वहीं, संसद के बाहर आरोपी नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने प्रदर्शन किया. संसद की सुरक्षा में सेंध की साजिश में दो और लोग शामिल थे. इनमें से एक विक्की शर्मा ने सभी को अपने घर में ठहराया था. उसे पुलिस ने पत्नी समेत हिरासत में ले लिया. हालांकि, पूछताछ के बाद दोनों को गुरुवार देर शाम छोड़ दिया गया. 

मास्टरमाइंड ललित झा का सरेंडर
गुरुवार देर रात इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने कर्तव्य पथ पुलिस थाने जाकर सरेंडर किया. यहां से उसे स्पेशल सेल के हवाले कर दिया गया है. 

विक्की शर्मा के घर पर रुके थे सभी आरोपी
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे दिल्ली जाने से पहले गुरुग्राम में विक्की शर्मा के घर सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रुके थे. इनके साथ ललित झा भी था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन सभी की एक-दूसरे से मुलाकात ऑनलाइन साइट पर हुई थी. सभी ने मिलकर संसद में हंगामे की योजना बनाई.


आरोपियों पर लगाया गया UAPA
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि आरोपियों के इरादे अब तक स्पष्ट नहीं हैं. वहीं, स्मोक कनिस्तर खोलने वाले चारों आरोपियों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि वे बेरोजगारी और मणिपुर में जातीय हिंसा जैसे मुद्दों पर संसद और लोगों का ध्यान लाना चाह रहे थे. वो चाहते थे कि संसद में इन मुद्दों पर बहस हो. इस मामले में सभी आरोपी कड़े आतंकवाद विरोधी कानून UAPA और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मुकदमों का सामना कर रहे हैं.



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बिहार में कहां-कहां इन्वेस्ट करेगा अदाणी ग्रुप? किस जिले में खुलेगी कौन सी इंडस्ट्री?

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बिहार में इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए गौतम अदाणी ग्रुप (Gautam Adani Group) ने बिहार में बड़े निवेश का ऐलान किया है. अदाणी ग्रुप (Adani Group Investment Plan in Bihar) बिहार के अलग-अलग जिलों में 8700 करोड़ का निवेश करेगी. बिहार के नालंदा,गया, नवादा,सासाराम, रोहतास, पूर्णिया, बेगूसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज और अररिया जिले में ग्रुप बड़े प्रोजेक्ट पर पैसा लगाएगी. किसी जिले में सीमेंट प्लांट (Adani Cement Plant) लगाई जाएगी. कहीं पावर प्लांट (Adani Power Plant) खोलने का ऐलान होगा. ऐसा माना जा रहा है कि इस भारी-भरकम निवेश से बिहार में करीब 10 हजार लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा. 

बिहार की राजधानी पटना में आयोजित दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे और अंतिम दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023' के 'प्लेनरी सेशन' की शुरुआत की. कार्यक्रम के दौरान अदाणी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर प्रणव अदाणी ने बिहार के लिए निवेश करने का ऐलान किया. आइए जानते हैं अदाणी ग्रुप बिहार में कहां-कहां निवेश करेगा और कहां कौन सा प्लांट खोला जाएगा?

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कहां लगेगा सीमेंट प्लांट?
देश में इस समय सीमेंट बनाने में अदाणी ग्रुप (Adani Group) का राज है. अब अदाणी ग्रुप ने बिहार में सीमेंट के दो प्लांट लगाने का ऐलान किया है. एक प्लांट नवादा जिले के वारसलीगंज में लगाया जाएगा, जबकि दूसरा महावल में लगाया जाएगा. इसके लिए अदाणी ग्रुप वारसलीगंज और महावल में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. कंपनी का टारगेट सालभर में इन दोनों प्लांट से 10 मिलियन टन सीमेंट प्रोडक्शन करना है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस निवेश से सिर्फ 3,000 लोगों को नौकरियां मिल सकती हैं.

बता दें कि अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) भी अदाणी ग्रुप (Adani Group) की है. ग्रुप ने इसी साल ही अंबुजा सीमेंट को सांघी इंडस्‍ट्री लिमिटेड (Sanghi Industries Ltd) से खरीदा था.

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बिहार में आएगी अदाणी विल्मर
अदाणी ग्रुप अपनी FMCG कंपनी यानी अदाणी विल्मर को भी बिहार लाएगी. शुरुआत में ये कंपनी बिहार में चक्की आटा प्लांट, RFM प्लांट, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट और को-जेन पावर प्लांट लगाएगी. सासाराम और रोहतास में पैडी प्रोसेसिंग प्लांट बनाने के लिए 800 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. ये प्लांट 200 लोगों को रोजगार देने का काम करेंगे.

स्मार्ट मीटर मैन्युफैक्चरिंग में भी उतरेगा ग्रुप
स्मार्ट मीटर मैन्युफैक्चरिंग तीसरा एरिया है, जिसमें अदाणी ग्रुप निवेश कर रहा है. अदाणी ग्रुप पांच शहरों, सीवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली और समस्तीपुर में बिजली खपत की निगरानी को ऑटोमैटिक करने के लिए 28 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाएगा. इसके लिए 3100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इससे तकरीबन 2,000 लोगों को रोजगार देने में मदद मिलेगी.

Adani Group अगले 10 साल में ग्रीन एनर्जी पर 100 बिलियन डॉलर का करेगा निवेश

सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का होगा विस्तार
अदाणी ग्रुप ने नालंदा और गया में 200 करोड़ के निवेश का ऐलान किया है. ग्रुप का कहना है कि गया और नालंदा में अपने मौजूदा सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का विस्तार करेगा. साथ नए कॉम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट (CNG) और ईवी चार्जिंग सेंटर भी बनाए जाएंगे. इससे 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा.

गोदाम और साइलो में बड़ा निवेश
अदाणी ग्रुप ने इसके साथ ही बिहार में गोदामों और साइलो (अनाज भंडारण करने की एक अत्याधुनिक तकनीक) की क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े निवेश की बात कही है. अदाणी ग्रुप का कहना है कि गोदामों की क्षमता लिए 1 लाख वर्ग फुट से बढ़ाकर 65 लाख वर्ग फुट किया जाएगा. इसके लिए 1200 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. पटना में दो बड़े गोदाम बनाए जाएंगे. इससे 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

अदाणी समूह बिहार में करेगा 8700 करोड़ का निवेश : प्रणव अदाणी

एग्री-लॉजिस्टिक्स में 900 करोड़ का निवेश
अदाणी ग्रुप ने इसके अलावा 6 जगहों पूर्णिया, बेगूसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज और अररिया में अपनी स्टोरेज क्षमता को 1 लाख 50 हजार मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2 लाख 75 हजार मीट्रिक टन करने के लिए एग्री-लॉजिस्टिक्स में 900 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
 

अदाणी ग्रुप ने अब तक लगाए 29 मिलियन पेड़, 2030 तक 100 मिलियन का टारगेट



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Suryakumar's century, Kuldeep's 5-wicket haul fire India to series-saving win

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Wednesday, December 13, 2023

India Women vs England, One-off Test: All you need to know

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Health ministry formulated draft menstrual hygiene policy, says Smriti Irani

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Tuesday, December 12, 2023

राज्यों का कोई GST बकाया नहीं, कुछ प्रदेशों ने एजी रिपोर्ट नहीं सौंपी : वित्त मंत्री

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केंद्र ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि किसी भी राज्य का कोई भी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) बकाया उसके समक्ष लंबित नहीं है और कुछ प्रदेश सरकारों ने अपने हिस्से की धनराशि जारी करने के लिए महालेखाकार द्वारा प्रमाणित प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि यह विमर्श सही नहीं है कि केंद्र पर राज्यों का जीएसटी बकाया लंबित है और कुछ राज्यों ने महालेखाकार (एजी) की रिपोर्ट नहीं सौंपी है.

उन्होंने कहा, 'यह समझना अहम है कि एजी का प्रमाणन (अनिवार्य) है... अगर एजी का प्रमाण पत्र हमें नहीं मिलता है, तो हम इसे मंजूरी नहीं दे सकते.'

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ राज्य, एजी का प्रमाण पत्र भेजने के बाद भी केंद्र से तब तक रुकने के लिए कहते हैं जब तक वे इसे अंतिम मंजूरी नहीं दे देते.

वह तृणमूल कांग्रेस सदस्य साकेत गोखले के एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जिन्होंने राज्यों, खासकर पश्चिम बंगाल के जीएसटी बकाया के बारे में सवाल किया था.

वित्त मंत्री ने कहा कि वह विशेष तौर पर कुछ राज्यों के नाम बताएंगी 'ताकि लोगों के मन में कोई संदेह नहीं रहे'.

उन्होंने कहा कि गोवा ने वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए एजी का प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है. उसने अब तक वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 की पहली तिमाही की रिपोर्ट भी नहीं भेजी है.

वित्त मंत्री ने कहा, ''2022-23 के लिए कर्नाटक को छोड़कर किसी राज्य ने अभी तक एजी का प्रमाणपत्र नहीं दिया है. पश्चिम बंगाल ने वित्त वर्ष 2019-20 से 2022-23 की पहली तिमाही तक एजी की रिपोर्ट नहीं भेजी है.''

उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल से एजी का प्रमाण पत्र नहीं आया है, इसलिए राशि जारी नहीं की जाएगी. इसे लंबित कहना, उचित नहीं होगा. उन्हें एजी का प्रमाण पत्र भेजने दीजिए, हम इसे मंजूरी दे देंगे.'

वित्त मंत्री ने कहा, 'केरल ने हमें एजी का प्रमाण पत्र भेजा है, लेकिन हमें तब तक रुकने के लिए कहा है जब तक वे एजी के साथ संख्याओं का मिलान नहीं कर लेते। इसलिए हम रुके हुए हैं. यह हमारी ओर से लंबित नहीं है.'

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में कहा कि किसी भी राज्य सरकार का कोई जीएसटी बकाया नहीं है और संबंधित राज्यों को पहले ही राशि जारी की जा चुकी है.

उन्होंने कहा, 'कुछ राज्यों ने अपनी एजी रिपोर्ट नहीं भेजी है, इसके बावजूद हमने कुछ अस्थायी भुगतान किए हैं. एजी की रिपोर्ट मिलने के बाद उन्हें अंतिम भुगतान मिल जाएगा.''

कांग्रेस सदस्य राजीव शुक्ला ने गिरफ्तारी के प्रावधानों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया और सवाल किया कि सरकार जीएसटी ‘फाइलिंग' प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए क्या कदम उठाएगी.

इसके जवाब में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद में राज्य सरकारों के वित्त मंत्री शामिल हैं और परिषद को व्यापारियों और व्यापारिक समुदायों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''जीएसटी परिषद इन चीजों पर चर्चा करती है और समय-समय पर प्रक्रिया को उसी के अनुसार सरल बनाया जाता है.''

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Harvard board backs university president amid anti-Semitism criticism

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Monday, December 11, 2023

Viral video: Ticketless passengers encroach seats in train's AC coach, Railways reacts

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Sunday, December 10, 2023

भारत का प्रदर्शन अनुकरणीय, कुछ वैश्विक संस्थाओं ने इसके साथ अनुचित व्यवहार किया : उपराष्ट्रपति धनखड़

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि कुछ वैश्विक संस्थाओं ने भारत के साथ ‘सर्वाधिक अनुचित' व्यवहार किया है क्योंकि उन्होंने इसके प्रदर्शन का गहन अवलोकन नहीं किया है. उन्होंने उनसे देश में ‘शासन में हुए बड़े बदलाव' पर ध्यान देने का भी आग्रह किया. मानवाधिकार दिवस के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान की गई उनकी यह टिप्पणी अक्टूबर में जारी ‘वैश्विक भूख सूचकांक-2023' में 125 देशों में भारत के 111वें स्थान पर रहने की पृष्ठभूमि में आई.

धनखड़ ने कहा, ‘‘मैं दुख के साथ कहता हूं, हमें हानिकारक आख्यानों और बाहरी आशंकाओं के प्रति सचेत रहने की जरूरत है जो हमारे अनुकरणीय प्रदर्शन को नजरअंदाज कर देते हैं.''

उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि 1.4 अरब की आबादी वाले देश के बारे में लोग ‘भूख संकट' को लेकर बात करने लगते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्हें एहसास नहीं है कि अप्रैल 2020 से 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. यही इस देश की ताकत है.''

धनखड़ ने मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा ‘भारत मंडपम' में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी हिस्सा ‘‘हमारे देश की तरह मानवाधिकारों से इतना समृद्ध नहीं है.''

इस अवसर पर मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 75वीं वर्षगांठ भी मनाई गई. भारत में संयुक्त राष्ट्र के स्थानिक समन्वयक शोम्बी शार्प भी मंच पर उपस्थित थे. शार्प ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस का संदेश पढ़ा.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि धनखड़ ने कहा, ‘‘यह एक संयोग है, यह (मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 75वीं वर्षगांठ) हमारे ‘अमृत काल' के बाद आई है और हमारा ‘अमृत काल' मुख्यत: मानवाधिकारों और मूल्यों के फलने-फूलने के कारण हमारा ‘गौरव काल' बन गया है.''

धनखड़ ने कहा, ‘‘हमें (संयुक्त राष्ट्र) महासचिव से एक संदेश प्राप्त करने का अवसर मिला। दुनिया के जिस हिस्से में कुल आबादी का छठा हिस्सा रहता है, उस भारत में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए हो रहे व्यापक, क्रांतिकारी, सकारात्मक बदलावों पर ध्यान देना उचित और सार्थक है.''

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और मानवाधिकार, दोनों साथ-साथ नहीं रह सकते.

उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी हिस्सा मानवाधिकारों के लिहाज से भारत जितना समृद्ध नहीं है. उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘और ऐसा क्यों न हो? हमारा सभ्यतागत लोकाचार, संवैधानिक रूपरेखा मानवाधिकारों के सम्मान, सुरक्षा और पोषण के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह हमारे डीएनए में है.''

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवाधिकार तब मजबूत होते हैं जब ‘‘राजकोषीय संरक्षण के तीव्र विरोधाभास में मानव सशक्तीकरण होता है.''

धनखड़ ने कहा, ‘‘वित्तीय अनुदान से लोगों को सशक्त कर केवल निर्भरता बढ़ती है. तथाकथित मुफ्त चीजों की राजनीति, जिसके लिए हम एक अंधी दौड़ देखते हैं, वह व्यय प्राथमिकताओं को विकृत कर देती है. आर्थिक मामलों के जानकारों के अनुसार, मुफ्त चीजें व्यापक आर्थिक स्थिरता के बुनियादी ढांचे को कमजोर करती हैं.''

उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस बात पर ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर बहस'' करने की जरूरत है कि यह राजकोषीय संरक्षण अर्थव्यवस्था, जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक सामंजस्य के लिए दीर्घकाल में कितना महंगा है.

धनखड़ ने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. चाहे आप कितने भी ऊंचे क्यों न हों, कानून हमेशा आपसे ऊपर होता है, यह देश में नया मानदंड है.''

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेह शासन एक नया मानदंड है और यह मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अहम है.



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"कोई भी बंधक जिंदा नहीं जाएगा, अगर..." : हमास ने दी इजरायल को धमकी

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हमास (Hamas) ने इजरायल (Israel) को धमकी देते हुए कहा है कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो कोई भी बंधक जिंदा नहीं बचेगा. हमास की आर्म्ड विंग के प्रवक्ता अबू ओबेदा ने इजरायल द्वारा बंदी बनाए गए फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का जिक्र करते हुए एक टीवी रिपोर्ट में कहा, "न तो फासीवादी दुश्मन और उसका अहंकारी नेतृत्व... और न ही उसके समर्थक... किसी आदान-प्रदान और बातचीत की मांगों को पूरा किए बिना अपने कैदियों को जिंदा नहीं ले जा सकते." 

एक दिसंबर को खत्म हुए एक सप्ताह के युद्धविराम के दौरान हमास ने 80 इजरायलियों समेत 105 बंधकों को रिहा किया, इसके बदले में इजरायल ने 240 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया था.

इजरायल ने शनिवार को कहा कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में 137 बंधक बचे हैं.

मध्यस्थ कतर ने रविवार को कहा कि नए युद्ध विराम को सुनिश्चित करने और अधिक बंधकों को रिहा करने की कोशिश जारी है, साथ ही चेतावनी दी कि लगातार हो रही इजरायली बमबारी की वजह से सफलता मिलने की संभावना कम हो रही है.

ओबेदा ने कहा कि इजरायली सेना के साथ हमास की जंग जारी रहेगी.

उन्होंने कहा, "हमारे पास हर मोहल्ले, सड़क और गली में इस बर्बर कब्जे करने वाले से लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. दुश्मन का मकसद हमारी ताकत को तोड़ना है... लेकिन हम अपनी भूमि पर एक पवित्र युद्ध लड़ रहे हैं."

गाजा में युद्ध तब शुरू हुआ जब हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर भीषण हमला करते हुए हजारों रॉकेट दागे थे, जिसमें हजारों आम नागरिकों की जान गई. 

हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के जवाबी हवाई, जमीन और समुद्री हमले में कम से कम 17,700 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.

ये भी पढ़ें :

* अमेरिका के UN में गाजा युद्धविराम का प्रस्ताव रोकने के बाद हमास पर इजरायली हमले तेज, 6 लोगों की मौत
* अरब नेताओं ने 'गाजा के भविष्‍य' पर चर्चा करने से किया इनकार, अमेरिका में बोले- "पहले रुके युद्ध"
* गाजा में तत्काल युद्धविराम वाला UN का प्रस्ताव नहीं हुआ पास, अमेरिका के वीटो की वजह से खारिज



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All about Dheeraj Sahu, Congress MP in focus amid record cash haul in tax raid

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‘Fake, fabricated…’: India on report about Khalistani terrorist Nijjar ‘secret memo’

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Saturday, December 9, 2023

भारत ने बेहद सख्ती और शिद्दत से दिया जवाब : चीन के साथ गतिरोध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर

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विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन वर्ष में भारत के समक्ष उत्तरी सीमाओं पर ‘‘असाधारण रूप से कठिन'' चुनौती थी लेकिन देश ने बेहद सख्ती से उसका जवाब दिया है और राष्ट्र की सुरक्षा के जरूरी सैन्य तैनाती भी की हुई है. जयशंकर ने यह बात पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के संदर्भ में फिक्की में अपने संबोधन में कही. विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि किस प्रकार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आत्मविश्वास के साथ एक के बाद एक निर्णय लेती है फिर चाहे वे कितने भी कठोर और मुश्किल क्यों न हों. 

जयशंकर ने कहा, ‘‘आप सब जानते हैं कि पिछले तीन वर्ष में चुनौतियों की बात करें तो हमारे समक्ष उत्तरी सीमाओं पर असाधारण रूप से कठिन वक्त था.''

उन्होंने कहा,‘‘हालांकि कि ये कोविड के वक्त में हुआ, फिर भी हमने बेहद सख्ती से और पूरी शिद्दत से इसका जवाब दिया और आज की तारीख में हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिस भी प्रकार से जरूरी है हम डटे हुए हैं.''

जयशंकर ने यह भी बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरुकता पैदा करने की कोशिश की या क्वाड की रूपरेखा के तहत सहयोग के लिए आगे बढ़ा, लेकिन उस वक्त एक विमर्श था जिससे कोई असहज हो सकता था. यह परोक्ष रूप से चीन के संदर्भ में था. 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई और असहज महसूस करता है तो यह उनकी समस्या है.''

विदेश मंत्री ने कहा,‘‘आखिरकार हमें जो करना है हम वो करेंगे. फिर चाहने वह कितना भी मुश्किल या कठोर क्यों न हो.”

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का रुख हमें ‘‘भारत के तौर पर वर्णित '' करेगा. 

भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने का विशेष रूप से उल्लेख किए बिना जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा खरीद पर देश की पसंद राष्ट्रीय हितों से प्रेरित थी.

यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदने के पश्चिम के दबाव के बावजूद भारत ने ऐसा करना जारी रखा. 

उन्होंने बड़े व्यवसायों से भारत को अपनी आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद करने का भी आह्वान किया. 

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दिल्ली : प्रोटीन पाउडर खरीदने के लिए युवक ने पूर्व महिला मित्र को किया ब्लैकमेल, मामला दर्ज

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एक युवक ने प्रोटीन पाउडर खरीदने के लिए कथित तौर पर अपनी 19 वर्षीय पूर्व महिला मित्र से उसकी निजी तस्वीरों को इंटरनेट पर प्रसारित करने की धमकी देकर पैसे ऐंठने की कोशिश की. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि हाल में उसने जिम जाना शुरू किया था और आयातित प्रोटीन पाउडर व अन्य पूरक पोषक खरीदने के लिए उसे पैसों की जरूरत थी. पुलिस के अनुसार युवती और उसके पिता से जबरन पैसे ऐंठने की कोशिश करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 

पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों में एक अभी किशोर है और वह पीड़िता का पूर्व मित्र है. पुलिस के मुताबिक युवती को धमकी देने के लिए अलग सोशल मीडिया अकाउंट बनाया था.

पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मनोज कुमार मीणा ने कहा, "19 वर्षीय एक युवती ने नेशनल साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत की जो साइबर थाने को मिली. युवती ने पुलिस को बताया कि उसे एक अज्ञात व्यक्ति से उसके सोशल मीडिया मंचों पर धमकी भरे संदेश मिल रहे हैं."

मीणा ने कहा, "पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी धमकी दे रहा है कि यदि उसने उसे पैसे नहीं दिये तो वह उसकी निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल देगा."

पुलिस ने कहा कि आधिकारिक शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी और जांच शुरू की गई. 

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Friday, December 8, 2023

CBSE Board Exam 2024: कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 को लेकर सीबीएसई बोर्ड के कुछ बड़े ऐलान

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CBSE Board Exam 2024 major Announcement: आगामी वर्ष की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होने वाली है, जिसके लिए फॉर्म भरे जा चुके हैं और अब छात्रों को सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं, 12वीं परीक्षा 2024 डेटशीट का बेसब्री से इंतजार है. सूत्रों की मानें तो सीबीएसई बोर्ड किसी भी वक्त बोर्ड परीक्षा 2024 की डेटशीट जारी कर सकता है. जिसे सीबीएसई कक्षा 10वीं, 12वीं के छात्र बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in से चेक और डाउनलोड कर सकते हैं. इन सबके बीच आपको बता दें कि इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा सीबीएससी कक्षा 10वीं और सीबीएसई कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं. अभी हाल ही में सीबीएसई बोर्ड ने रिजल्ट को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था. सीबीएसई ने इस बार बोर्ड परीक्षा पैर्टन, अकाउंटेंसी के आंसर बुक आदि में भी कई बदलाव किए हैं. आइये जानते हैं-

CBSE Board Exam 2024: सीबीएसई बोर्ड ने अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षाओं का किया ऐलान, 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं इस तारीख से

अकाउंटेंसी विषय में बड़ा बदलाव

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा कि अब बोर्ड ने अकाउंटेंसी विषय में दी जाने वाली उत्तर पुस्तिकाओं को खत्म करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर लिया गया. यह बदलाव बोर्ड परीक्षा 2023-24 से लागू होगा. बोर्ड ने नोटिस जारी करते हुए कहा, “यह सूचित किया जाता है कि बोर्ड परीक्षा, 2024 से सीबीएसई ने हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर उन उत्तर पुस्तिकाओं को हटाने का निर्णय लिया है जिनमें अकाउंटेंसी विषय में टेबल दी गई थीं. के विषय में तालिकाएं प्रदान की गई थीं. 2024 परीक्षा से कक्षा 12वीं में अन्य विषयों की तरह सामान्य पंक्ति की उत्तर पुस्तिकाएं अकाउंटेंसी विषय में भी प्रदान की जाएंगी.” 

रिजल्ट पर बड़ा ऐलान 

पिछले हफ्ते सीबीएसई ने रिजल्ट को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. सीबीएसई ने घोषणा की है कि बोर्ड 2024 में कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को कोई ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं देगा. यही नहीं बोर्ड परसेंटेज भी नहीं बताएगा. 

सैंपल पेपर 

सीबीएसई बोर्ड ने 2024 में बोर्ड परीक्षा देने वाले कक्षा 10वीं, 12वीं के छात्रों के लिए सैंपल पेपर अपनी आधिकारिक वेबसाइट- cbseacademic.nic.in पर जारी किए हैं. बोर्ड ने कक्षा 10वीं के लिए कुल 60 और कक्षा 12वीं के लिए 77 सैंपल पेपर पत्र जारी किए हैं. 

अब यह सरकार भी देगी कक्षा 11वीं, 12वीं के छात्रों को NEET, JEE की फ्री कोचिंग, ऑनलाइन होंगी Classes

बोर्ड परीक्षा साल में दो बार

केंद्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने बोर्ड परीक्षा को लेकर एक बड़ी घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि अब बोर्ड परीक्षाएं एक बार नहीं बल्कि साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. छात्र चाहे तो एक और चाहे तो दोनों में भाग ले सकेंगे. दोनों परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ स्कोर को रिजल्ट माना जाएगा. छात्र उन विषयों की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है और जिनके लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं. 

दो भाषाएं

इसके अतिरिक्त, कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को अब से दो भाषाएं पढ़नी होंगी. जिसमें से कम से कम एक भाषा भारतीय भाषा होनी चाहिए. किसी भी विषय के चुनाव में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं होगा. छात्रों को विषय का चुनाव करने की पूरी आजादी होगी. 

JEE Main 2024: जेईई मेन के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख आज, Direct link से करें आवेदन 



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Video: Mobile tower collapses in Bengaluru suburb, none injured

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Thursday, December 7, 2023

Dunki Advance Booking: अमेरिका में पहले दिन बिके कुल 30 टिकट, क्या बॉक्स ऑफिस पर कोई तूफान ला पाएगी डंकी

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Dunki Advance Booking: शाहरुख खान की फिल्म डंकी 21 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है. रिलीज को अब कुछ ही दिन बाकी हैं और फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है. पहले फिल्म को ओवरसीज मार्केट में रिलीज किया गया और यहां मिल रहा रिस्पॉन्स फिलहाल जश्न मनाने लायक नहीं है. रिपोर्ट देखकर ऐसा लग रहा है कि अगर रफ्ता यही रही तो विदेशी मार्केट में फिल्म की कलेक्शन ठंडी रह सकती है. लेकिन इतनी जल्दी उम्मीद छोड़ना भी अच्छी बात नहीं. 5 दिसंबर को फिल्म का एक ट्रेलर रिलीज किया गया और इसके बाद एडवांस बुकिंग पर एक पॉजिटिव असर पड़ सकता है.

डंकी की एडवांस बुकिंग

सोशल मीडिया और इंटरनेट पर यही चर्चा है कि काफी समय बाद एक ऐसी फिल्म आ रही है जिसमें जबर्दस्ती का एक्शन, ड्रामा और रोमांस नहीं है. लोग इसे फैमिली एंटरटेनर और इमोशनल कहानी बता रहे हैं.

इंटरनेशनल मार्केट में हो सकती है बढ़त !

  • ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म को 125 जगहों पर रिलीज किया जाएगा. यहां फिल्म के 351 शो होंगे लेकिन हैरानी की बात ये है कि पहले दिन इस फिल्म के केवल 30 टिकट बिके.
  • कयास लगाए जा रहे हैं कि फिल्म का ट्रेलर आने के बाद एडवांस बुकिंग के नंबर्स में उछाल आ सकता है. देखना होगा कि इंडियन ऑडियंस के लिए एडवांस बुकिंग कब शुरू होती है.
  • यहां तो शाहरुख खान के फैन्स बेसब्री से इस फिल्म के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं. हो सकता है कि जल्द ही आपको भी एडवांस बुकिंग का मौका मिल जाए.


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Chennai schools, colleges shut tomorrow as several areas remain flooded

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Wednesday, December 6, 2023

BBC के अगले चीफ के तौर पर भारतीय मूल के समीर शाह ब्रिटेन सरकार की पसंद

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ब्रिटेन की सरकार ने बुधवार को बीबीसी के नए प्रमुख के लिए भारतीय मूल के समीर शाह के नाम को तय किया है.  सरकार ने अनुभवी टीवी पत्रकार समीर शाह को रिचर्ड शार्प के स्थान पर अपनी पसंद के रूप में नामित किया है. रिचर्ड शार्प को अप्रैल में पद से हटा दिया गया था. शाह की नियुक्ति को संसदीय समिति द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बीबीसी आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बीबीसी ने हाल ही में अपने "न्यूज़नाइट" कार्यक्रम में कटौती की घोषणा की है. 

जानकारी के अनुसार 71 वर्षीय समीर शाह को सरकार के साथ लाइसेंस शुल्क में वृद्धि के लिए बातचीत करने का काम सौंपा जाएगा, जहां से बीबीसी को अधिकांश फंडिंग मिलती है. यूके मीडिया ने हाल ही में बताया कि प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने वार्षिक शुल्क में नौ प्रतिशत की वृद्धि को रोकने की योजना बनाई है, जो वर्तमान में प्रति परिवार £159 ($200) है.  समीर शाह ने 40 से अधिक वर्षों तक टेलीविजन में काम किया है और बीबीसी में करंट अफेयर्स के प्रमुख सहित कई भूमिकाएं निभाई हैं. उन्होंने एक बयान में कहा कि उन्हें सरकार का पसंदीदा उम्मीदवार नामित किये जाने पर ''खुशी'' है. 

बीबीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं कि समीर शाह को बीबीसी प्रमुख की भूमिका निभाने के लिए सरकार के पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में चुना गया है और औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद बोर्ड में उनके शामिल होने की उम्मीद है. 

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Mumbai courts don't stop working despite floods: Madras High Court Chief Justice

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Tuesday, December 5, 2023

कोलकाता में रहने वाले भारतीय शख्स से शादी करने के लिए भारत पहुंची पाकिस्तानी महिला

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कोलकाता निवासी व्यक्ति से शादी करने के लिए एक पाकिस्तानी युवती ने मंगलवार को वाघा-अटारी अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में प्रवेश किया. दोनों की शादी अगले साल जनवरी में होने वाली है. कराची की रहने वाली जावेरिया खानुम ने अमृतसर जिले में अटारी से भारतीय सीमा में प्रवेश किया, जहां उनके मंगेतर समीर खान और उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया. पूर्व में, खानुम की दो वीजा अर्जियां रद्द होने और कोविड महामारी के कारण शादी करीब पांच साल टलने के बाद उन्हें 45 दिनों का वीजा प्रदान किया गया है.

अटारी में जोड़े ने एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि शादी अगले साल जनवरी में होगी. खानुम ने कहा, ‘‘मुझे 45 दिनों का वीजा दिया गया है. यहां आकर मैं बहुत खुश हूं. यहां पहुंचते ही, मुझे काफी प्यार मिला. जनवरी के पहले सप्ताह में शादी होगी.'' उन्होंने शादी के लिए भारत की यात्रा संभव होने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दो बार वीजा हासिल करने की कोशिश की थी, लेकिन तीसरे प्रयास में सफलता मिली. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सुखद अंत है और खुशियों की शुरूआत है.''

खानुम ने कहा, ‘‘घर पर (पाकिस्तान में) सभी लोग खुश हैं. मुझे यकीन नहीं हो रहा कि पांच साल बाद मुझे वीजा मिल गया .''उन दोनों का एक-दूसरे से कैसे संपर्क हुआ, इस बारे में खान ने कहा कि उन्होंने अपनी मां के मोबाइल फोन पर खानुम की तस्वीर देखने के बाद उससे शादी करने की इच्छा जताई थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह सब मई 2018 में शुरू हुआ. पढ़ाई पूरी कर मैं जर्मनी से घर आया था. मैंने अपनी मां के फोन पर उसकी तस्वीर देखी और अपनी इच्छा जताई. मैंने अपनी मां से कहा कि मैं जावेरिया से शादी करना चाहता हूं.''

खान ने वाीजा के लिए भारत सरकार के प्रति आभार जताया. उन्होंने बताया कि जर्मनी में पढ़ाई के दौरान उनके बहुत से दोस्त बने जो अफ्रीका, स्पेन, अमेरिका तथा कई अन्य देशों से हैं और उन सबके भी शादी में शामिल होने की संभावना है. संवाददाताओं से बातचीत के बाद, यह जोड़ा (खान और खानुम) अमृतसर से कोलकाता की उड़ान में सवार होने के लिए निकल गया

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ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर वाले लोगों की हो सकती है जल्दी मौत, अध्ययन में सामने आया चौकाने वाला आंकड़ा

स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में लाइफ एक्सपेक्टेंसी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के...