Saturday, September 30, 2023

पठान, गदर 2, जवान के बाद बॉलीवुड में लगी एक्शन मूवी बनाने की होड़, बैक टू बैक रिलीज होने जा रहीं ये जबरदस्त फिल्में

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शाहरुख खान ने इस साल में दो ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, जो साल की ही नहीं बॉलीवुड के अब तक के इतिहास की सबसे सफल फिल्मों में गिनी जा रही हैं. शाहरुख की फिल्म ‘पठान' और ‘जवान' की सफलता के बाद अब बॉलीवुड में एक्शन फिल्मों की होड़ सी लग गई है और आने वाले दिनों में बैक टू बैक एक्शन फिल्में रिलीज को तैयार हैं, जिनके टीजर रिलीज किए जा चुके हैं. इस लिस्ट में सलमान खान की फिल्म टाइगर 3 से लेकर रणबीर कपूर की एनिमल शामिल है. आइए जानते हैं कि आने वाले दिनों में कौन सी दमदार एक्शन फिल्में रिलीज होने वाली हैं.

एनिमल

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रणबीर कपूर, रश्मिका मंदाना, अनिल कपूर और बॉबी देओल स्टारर फिल्म एनिमल का टीजर हाल में रिलीज किया गया, जो बेहद दमदार नजर आ रहा है. फैंस इस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड हैं और इसकी रिलीज का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. फिल्म को 1 दिसंबर को हिंदी के साथ तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषा में भी रिलीज किया जाएगा.

टाइगर 3

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हाल ही में सलमान खान और कैटरीना कैफ की फिल्म टाइगर 3 का टीजर रिलीज भी किया गया. यशराज बैनर के तले बनी स्पाई यूनिवर्स की ये मोस्ट अवेटेड फिल्म इस साल दिवाली पर रिलीज हो रही है. फिल्म का टीजर काफी दमदार लग रहा है, जिसके कैप्शन में लिखा है, 'जब तक टाइगर मरा नहीं, तब तक टाइगर हारा नहीं'.

गणपत

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टाइगर श्रॉफ की मोस्ट अवेटेड फिल्म गणपत की पहली झलक भी सामने आ चुकी है, जो बेहद जबरदस्त नजर आ रही है. फिल्म में टाइगर दमदार एक्शन करते दिख रहे हैं, भव्य सेट और बड़े स्टार्स के साथ यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन करने को तैयार है. फिल्म में कृति सेनन भी एक्शन करती दिखेंगी, साथ ही अमिताभ बच्चन भी अहम किरदार में हैं. ये फिल्म 20 अक्टूबर को रिलीज होगी.



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"अपमानजनक": राजनयिकों को ब्रिटेन के गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोकने पर भारत

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भारतीय उच्चायुक्त (Indian High Commissioner) और महावाणिज्य दूत (Consul General) को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोके दिया गया. इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना को ''अपमानजनक'' बताया है. भारत ने कहा है कि इस मामले की जानकारी ब्रिटेन सरकार के साथ-साथ ब्रिटिश पुलिस को भी दे दी गई है.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. यह वीडियो शुक्रवार का है जिसमें एक व्यक्ति ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को ग्लासगो के गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोकता हुआ दिख रहा है. दो लोग वाहन पार्किंग क्षेत्र में हाई कमिश्नर की कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करते हुए भी दिख रहे हैं. इसके बाद कार ग्लासगो गुरुद्वारा साहेब के परिसर से बाहर निकलते हुए दिख रही है.

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद के बीच यह घटना हुई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में "भारत सरकार के एजेंटों" के शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया.

उच्चायुक्त की कार का दरवाजा जबरन खोलने की कोशिश

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को इस घटना का बारे में बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया है कि, "चरमपंथी तत्वों" ने गुरुद्वारा समिति की ओर से आयोजित एक योजनाबद्ध बातचीत में बाधित की. उनमें से एक ने दोरईस्वामी की कार के दरवाजे को "आक्रामकता के साथ जबरन खोलने" की कोशिश की.

बयान में कहा गया है कि "29 सितंबर, 2023 को तीन व्यक्तियों, जो कि सभी स्कॉटलैंड के बाहर के क्षेत्रों से थे, ने समुदाय, उच्चायुक्त और भारत के कौंसुल जनरल के लिए गुरुद्वारा समिति द्वारा आयोजित एक योजनाबद्ध बातचीत को जानबूझकर बाधित किया. यह बातचीत समुदाय और कांसुलर मुद्दों पर चर्चा करने के लिए होना थी.

चरमपंथियों ने धमकाया और दुर्व्यवहार किया

उच्चायोग ने कहा कि, "आयोजकों में समुदाय के वरिष्ठ नेता, महिलाएं, समिति के सदस्य और स्कॉटिश संसद के एक सदस्य शामिल थे. इन तत्वों ने उन्हें धमकाया और दुर्व्यवहार किया. किसी भी संभावित विवाद को रोकने के लिए उच्चायुक्त और महावाणिज्य दूत ने वहां उन तत्वों के पहुंचने के तुरंत बाद परिसर छोड़ने का फैसला किया.“ 

बड़ी घटना टल गई

उच्चायोग ने कहा कि "गैर-स्थानीय चरमपंथी तत्वों" में से एक ने उच्चायुक्त की कार के दरवाजे को हिंसक तरीके से खोलने की कोशिश की. इस पर पुलिस को ध्यान देने की जरूरत है. बताया गया कि आयोजकों में से एक ने त्वरित प्रतिक्रिया की और इसमें हस्तक्षेप किया, जिससे बड़ी घटना टल गई.

बयान में कहा गया है कि, "भारतीय उच्चायोग ने इस शर्मनाक घटना की सूचना विदेश, राष्ट्रमंडल, डेवलपमेंट आफिस (FCDO) और मेट्रोपॉलिटन पुलिस को दी है." एफसीडीओ विदेश मंत्रालय के समान है.

बयान में कहा गया है कि आयोजकों और कई सामुदायिक संगठनों ने घटना पर खेद जताया है और अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

एसजीपीसी ने घटना की निंदा की

सिख यूथ यूके नाम के समूह की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि गुरुद्वारे में आने वाले किसी भी भारतीय राजदूत या किसी भी भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ इसी तरह व्यवहार किया जाएगा.

घटना की निंदा करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने कहा है कि एनवॉय को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए था और गुरुद्वारे हर धर्म के लिए हैं.

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Video | Police use hand pump to recover spurious liquor hidden underground

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Friday, September 29, 2023

उज्जैन रेप केस: आरोपी के पिता ने बेटे के लिए मांगी फांसी, कहा- उससे मिलने कहीं नहीं जाऊंगा

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मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12-15 वर्षीय बच्ची के साथ रेप करने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति के पिता ने शुक्रवार को कहा कि उनके बेटे को फांसी की सज़ा दी जानी चाहिए, जबकि स्थानीय बार एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं से अपील की है कि कोई भी वकील आरोपी का अदालत में बचाव न करे.  मामले में ऑटो रिक्शा चालक भरत सोनी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था.

आरोपी ऑटो ड्राइवर के पिता ने पत्रकारों से कहा, “यह एक शर्मनाक करतूत है. न मैं उससे मिलने अस्पताल गया, ना ही थाने या अदालतों में जाऊंगा. मेरे बेटे ने अपराध किया है, इसलिए उसे फांसी दी जानी चाहिए.”

इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधना जारी रखा हुआ है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर 'चुप्पी' साधने का आरोप लगाया है.

उज्जैन बार काउंसिल के अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि इस घटना ने इस प्रसिद्ध नगरी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा, “हम अपने सदस्यों से आरोपी का मुकदमा नहीं लेने की अपील कर रहे हैं.”

तकरीबन 12 से 15 साल की लड़की जख्मी हालत में शहर की सड़कों पर भटकती मिली थी जिसके तीन दिन बाद सोनी को गिरफ्तार किया गया. मेडिकल परीक्षण में साबित हो चुका है कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया है.

पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया था कि जांच के दौरान आरोपी भरत सोनी को जब पुलिस घटनास्थल पर ले गई तो उसने कथित रूप से भागने की कोशिश की और इस दौरान वह घायल हो गया. पीड़िता इंदौर के शासकीय महाराजा तुकोजीराव होलकर महिला चिकित्सालय में भर्ती है जहां उसकी बुधवार को एक जटिल सर्जरी की गई.

एक काउंसलर (परामर्शदाता) ने उससे बातचीत की और पता लगाया कि वह मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली है, लेकिन वह अपना नाम व पता ठीक से नहीं बता सकी. हालांकि, सतना पुलिस ने कहा है कि यदि यह वही लड़की है जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, तो इसकी पुष्टि उसके परिवार द्वारा उसकी पहचान करने के बाद होगी.

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की आलोचना की. राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी खराब हो गई है.



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Video: Biker run over by truck after collision with stray cattle on UP highway

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पंजाब में कांग्रेस-AAP गठबंधन कितना मुश्किल? सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी बनी कितना बड़ा रोड़ा

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पंजाब में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी गठबंधन INDIA (Opposition INDIA Alliance) के दो प्रमुख घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के मतभेद खुल कर सामने आ गए हैं. खैरा को ड्रग्स मामले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया है. खैरा कांग्रेस किसान सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. उनकी गिरफ्तारी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने विरोध जताया है. उधर, AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा है कि उनकी पार्टी नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. केजरीवाल ने यह भी कहा कि वे INDIA गठबंधन के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस गिरफ्तारी ने कांग्रेस और आप के बीच गहरी खाई पैदा कर दी है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "पंजाब के कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी के बारे में सुना है. मुझे केस की जानकारी नहीं है. आम आदमी पार्टी INDIA गठबंधन से जुड़ी रहेगी. हम गठबंधन धर्म पूरी तरह निभाएंगे."

कांग्रेस का आरोप- हमारे नेताओं को निशाना बना रही है आप
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की पंजाब यूनिट ने आलाकमान से आम आदमी पार्टी की शिकायत की है. इसमें कहा गया है कि खैरा की गिरफ्तारी से पहले भी पिछले कुछ महीनों से आप सरकार वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को निशाना बना रही है. 

पंजाब में कांग्रेस के 3 नेताओं पर हुई कार्रवाई
दरअसल, पंजाब में कांग्रेस के तीन पूर्व मंत्रियों और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है. पूर्व मंत्री भारत भूषण अंशु को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया, वे अभी जमानत पर हैं. आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी को गिरफ्तार किया गया है. पूर्व मंत्री साधु सिंह धरमसोट भी गिरफ्तार किए गए हैं. कांग्रेस से बीजेपी में गए मनप्रीत बादल और सुंदर श्याम अरोड़ा के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा सिंह वारिंग को ट्रांसपोर्ट घोटाले में कार्रवाई की चेतावनी दी है.

विधानसभा चुनाव के बाद सीटों के बंटवारे पर होगी चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में लोक सभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद ही शुरू होगी. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद ही शुरू होगी. पंजाब में आप और कांग्रेस का गठबंधन खटाई में पड़ता दिख रहा है. खुद आप नेताओं के मुताबिक अब यह संभव नहीं.

सिर्फ आप नहीं, टीएमसी और लेफ्ट से भी मनमुटाव
विपक्षी गठबंधन में सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं है, जिसके साथ कांग्रेस को समस्या है. पार्टी के लोकसभा सांसद और पश्चिम बंगाल यूनिट के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी स्पेन से लौटने के बाद से सीएम ममता बनर्जी की आलोचना कर रहे हैं. चौधरी ने ममता बनर्जी पर  'टैक्सपेयर्स की गाढ़ी कमाई से वसूले गए पैसे की बर्बादी' का आरोप लगाया है. मजे की बात है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी गठबंधन INDIA का एक घटक है.

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Day 6 wrap: Medal rush in shooting continues, boxer Nikhat secures Olympic quota

\ Day wrap Medal rush in shooting continues boxer Nikhat secures Olympic quota

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Thursday, September 28, 2023

ईयर फोन-वॉशर, नट-बोल्ट : शख्स को हो रहा था पेट दर्द, सर्जरी करने पर डॉक्टर भी हैरान

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पंजाब में 40 साल का एक शख्स पिछले दो साल पेट दर्द से परेशान था. उसे अस्पताल ले जाया गया. जब डॉक्टरों ने उसके पेट में हो रही दर्द का कारण पूछा, तो वह सटीक जवाब नहीं दे सका. डॉक्टरों ने उसका एक्सरे कराया, तो हैरान रह गए. शख्स के पेट में ईयर फोन, नट बोल्ट जैसी कई चीजें दिखी. फिलहाल डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर शख्स के पेट ने ये चीजें निकालकर उसकी जान बचा ली है.

मामला मोगा जिले का है. 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद शख्स के पेट से ईयर फोन, रखड़िया, नट बोल्ट, वाशल, लॉकेट, पेंच और ऐसी दर्जनों लोहे की चीजें निकलीं. 

अस्पताल के डायरेक्टर ने बताया की पेशेंट को पिछले दो साल से पेट दर्द की समस्या थी, जब उनके पास यह मरीज बुधवार को अस्पताल आया तो इसको पेट दर्द, बुखार, और उल्टी की समस्याएं थीं. जब एक्स-रे और स्कैन किया गया, तो हैरान करने वाली चीजे सामने आई.

डायरेक्टर डॉक्टर अजमेर कालड़ा ने बताया उनके करियर में और उनके अस्पताल में ऐसा पहला केस आया है, लेकिन फिर भी डॉक्टर ने तीन घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद यह सारा सामान निकाला है. हालांकि, उनका कहना है कि लंबे समय से यह लोहे का सामान पेट में रहने के चलते उसकी हालत अभी ठीक नहीं है. 

वहीं, शख्स के परिवार वालो ने बताया कि उसे दो-ढाई साल से समस्या थी, लेकिन यह बहुत कम बताता था, जिससे उसे नींद भी नहीं आती थी. कई डॉक्टर के पास ले कर गए लेकिन कोई फर्क नहीं हुआ. इसके पेट में दर्द और बुखार रहने लगा तो एक डॉक्टर को दिखाया जिसके बाद डॉक्टर ने एक्स रे के लिए कहा तो उसमें काफी कुछ सामने आया, जिसके बाद उसे मोगा मेडिसिटी में लाए जहां उनका ऑपरेशन किया गया. इसके अलावा परिवार का कहना है कि यह सब वो कैसे खा गया उनको नहीं पता. उन्होंने बताया की उनका बेटा मानसिक तौर पर भी परेशान रहता था. 



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गुजरात के कच्छ जिले से 800 करोड़ रुपये की कोकीन बरामद

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गुजरात में कच्छ जिले के गांधीधाम शहर के पास संकरी खाड़ी के किनारे से बृहस्पतिवार को 80 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई जिसकी कीमत करीब 800 करोड़ रुपये है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित पदार्थ के एक-एक किलोग्राम के 80 पैकेट मिले हैं.

कच्छ-पूर्व मंडल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सागर बागमार ने कहा कि शायद पकड़े जाने के डर से तस्कर इन पैकेट को फेंक गए हों, क्योंकि पुलिस क्षेत्र में पहले से सक्रिय है. बागमार ने बताया कि इस मादक पदार्थ को गांधीधाम शहर के पास मिथी रोहर गांव नजदीक संकरी खाड़ी के किनारे फेंका गया था.

एसपी ने कहा, “नशीले पदार्थ की खेप की आपूर्ति को लेकर मिली गुप्त सूचना के आधार पर हम क्षेत्र में पहले से ही सक्रिय थे. हमारे तलाश अभियान के दौरान एक संकरी खाड़ी के किनारे हमें एक-एक किलोग्राम के कोकीन के 80 पैकेट मिले जिसकी कीमत 800 करोड़ रुपये है.”

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य एजेंसियां पिछले दो वर्षों से जखाऊ के पास तट से नियमित अंतराल पर हेरोइन और कोकीन के पैकेट बरामद कर रही हैं. जखाऊ पाकिस्तान के नजदीक है.

अतीत में जांच से पता चला था कि पकड़े जाने से बचने के लिए तस्करों ने ऐसे पैकेट समुद्र में फेंके दिए थे जो बहकर किनारे पर आ गए थे.

बागमार के मुताबिक, बृहस्पतिवार को गांधीधाम के पास संकरी खाड़ी से बरामद पैकेट का संबंध पहले जब्त किए गए पैकेट से नहीं है. एसपी ने कहा, “ये पैकेट अपेक्षाकृत नए हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें हाल में पैक किया गया है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि वे उस खेप का हिस्सा हैं जिसके बारे में हमें गुप्त सूचना मिली थी.”



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Bengal governor rejigs Raj Bhavan's security over phone tapping concern: Sources

\ Bengal governor rejigs Raj Bhavans security over phone tapping concern Sources

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Wednesday, September 27, 2023

Moose Wala theme, 'guns' for birthday party of Pak tycoon's 4-year-old grandson

\ Moose Wala theme guns for birthday party of Pak tycoons yearold grandson

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दिल्ली में पेइंग गेस्ट बिल्डिंग में लगी आग, 30 से अधिक महिलाओं को बचाया गया

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उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक पेइंग गेस्ट की इमारत में आग लगने के बाद 35 से अधिक महिलाओं को बचाया गया. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे यह देख रहे हैं कि कोई फंसा तो नहीं है. अग्निशमन विभाग ने कहा कि उन्हें शाम 7.45 बजे सिग्नेचर अपार्टमेंट में आग लगने की सूचना मिली. इसके बाद आग पर काबू पाने के लिए 20 दमकल वाहन भेजे गए.

अधिकारियों ने बताया कि वहां करीब 35 महिलाएं थीं और सभी सुरक्षित हैं. आग पूरी तरह से बुझ गई है. 

ऐसा लगता है कि आग सीढ़ी के पास बिजली मीटर के बोर्ड से शुरू हुई और छत पर रसोई वाली तीन मंजिला इमारत की ऊपरी मंजिल तक फैल गई.

इससे पहले, मौके के दृश्यों में भूतल से धुआं और आग की लपटें निकलती दिख रही थीं.
मुखर्जी नगर दिल्ली विश्वविद्यालय से 3.5 किलोमीटर दूर है और पेइंग गेस्ट आवास और कोचिंग सेंटर का केंद्र है.



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Mob burns down BJP office in Manipur's Thoubal amid protest over killing of youths

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Tuesday, September 26, 2023

क्रेच से लेकर टीकाकरण केंद्रों तक, तिहाड़ जेल महिला कैदियों के बच्चों को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास करती है

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टीकाकरण केंद्रों से लेकर क्रेच (शिशुगृह) की सुविधाओं तक, राष्ट्रीय राजधानी स्थित तिहाड़ जेल महिला कैदियों के बच्चों की देखभाल करने में एक अप्रत्याशित, परंतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है. इन महिला कैदियों के बच्चों का शिशुकाल एशिया के सबसे बड़े कारागार की चारदीवारों में आकार लेता है. वर्तमान में, उच्च सुरक्षा वाली जेल में 20,000 से अधिक कैदी हैं, जिनमें 584 महिलाएं शामिल हैं. इनमें से कुछ कैदी मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जबकि अन्य दोषी हैं.

ये महिलाएं तिहाड़ की सेंट्रल जेल नंबर-छह में अपनी सजा काटती हैं. अन्य 162 महिला कैदी मंडोली जेल में बंद हैं.छह साल से कम उम्र के 21 बच्चे तिहाड़ महिला जेल में रह रहे हैं, जबकि 10 बच्चे अपनी मां के साथ मंडोली जेल में हैं. तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘वे दिन गये जब गर्भवती कैदी जेल परिसर के अंदर बच्चे को जन्म देती थीं.''उन्होंने कहा कि उन्हें प्रसव के लिए नामित अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाता है.

अधिकारी ने कहा कि अब साथी कैदी गर्भवती महिलाओं की देखभाल करते हैं. उन्होंने कहा कि जेल परिसर में बेहतर भोजन सुविधाएं और लगातार स्वास्थ्य जांच शिविर उपलब्ध होते हैं.

जेल मैनुअल के अनुसार, जेल के बाहर बच्चे को जन्म देने की सुविधा केवल तभी अस्वीकार की जाएगी, जब किसी विशेष कैदी के लिए उच्च सुरक्षा जोखिम हो.

जेल अधिकारियों के मुताबिक, इंडिया विजन फाउंडेशन (आईवीएफ) ‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड डेवलपमेंट' नाम से एक कार्यक्रम चला रहा है, जिसके तहत टीकाकरण से लेकर क्रेच सुविधाओं तक शिशुओं को जेल के अंदर ही मिलता है.

उन्होंने आगे कहा कि प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को खेल, ड्राइंग और गायन जैसी कई तरह की गतिविधियां भी प्रदान की जा रही हैं.



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iPhone SE 4 में भी मिल सकता है USB टाइप C पोर्ट और फेस आईडी, लॉन्चिंग से पहले लीक हुए फीचर्स

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एपल के अफोर्डेबल आई-फोन iPhone SE 4 की लॉन्चिंग 2025 तक होने की उम्मीद है.  iPhone SE 4 को पिछले साल आए iPhone SE (2022) का नेक्स्ट जेनरेशन माना जा रहा है. इस अफोर्डेबल आई-फोन के फीचर्स और स्पेसिफिकेशन एक यूजर ने ऑनलाइन लीक कर दिया है. फोर्थ जेनरेशन का iPhone SE मॉडल Apple की A15 बायोनिक चिप से ऑपरेट होगा. ऐसा एपल ने पहली बार iPhone 13 सीरीज में शुरू किया था. iPhone SE 4 में iPhone 15 की तरह ही बेहतर कैमरा, फेस आईडी और USB टाइप C पोर्ट मिल सकता है. iPhone 15 सीरीज 12 सितंबर को लॉन्च हुई है.
 

नितिन प्रसाद नाम के एक  X यूजर(पहले ट्विटर) ने पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया था कि iPhone SE 4 में LTPS OLED डिस्प्ले होगा. इसे BOE या Tianma से बनाया जा सकता है. डिस्प्ले का साइज भी पिछले जेनरेशन की तुलना में बड़ा बताया गया है. इस यूजर के मुताबिक iPhone SE 4 में iPhone SE (2022) के छोटे 4.7-इंच पैनल की तुलना में 6.1-इंच की स्क्रीन होगी.

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A15 बायोनिक चिप से होगा ऑपरेट
नितिन प्रसाद का दावा है कि हैंडसेट कंपनी की A15 बायोनिक चिप से ऑपरेट होगा. यह वही चिप है जो iPhone 14, iPhone 14 Plus, iPhone 13, iPhone 13 Mini, iPhone 13 Pro, iPhone 13 Pro Max और Apple TV 4K (2023) को ऑपरेट करती है. इसका मतलब है कि iPhone SE 4 पहली बार थोड़े पुराने चिप से लैस हो सकता है. जबकि iPhone SE (2022) में iPhone 14 मॉडल के समान चिपसेट था.

होंगे अपग्रेडेड कैमरे
लीक में यह भी कहा जाता है कि iPhone SE 4 अपग्रेडेड कैमरों से लैस होगा. इसका मतलब है कि रियर कैमरे और सेल्फी कैमरे में बेहतर सेंसर या लेंस हो सकते हैं. प्रसाद के मुताबिक, स्मार्टफोन में फेस आईडी का भी फीचर सपोर्ट होगा. ये एपल का बायोमेट्रिक सर्टिफिकेशन सिस्टम है, जो डिवाइस को अनलॉक करने या पेमेंट शुरू करने से पहले यूजर के चेहरे को सुरक्षित रूप से स्कैन करती है.

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कैसा होगा डिजाइन?
प्रसाद का यह भी दावा है कि iPhone SE 4 में एक डिज़ाइन होगा, जो iPhone XR की तरह ही होगा. इसे 2018 में Apple ने लॉन्च किया था. दूसरी ओर, डिस्प्ले नॉच iPhone 14 पर पाए जाने वाले जैसा होगा. उन्होंने बताया कि हैंडसेट में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट भी मिलने वाला है.

यूएसबी टाइप-सी पोर्ट भी मिलेगा
पिछले महीने एक टिपस्टर ने दावा किया था कि iPhone SE 4 एक यूएसबी टाइप-सी पोर्ट और फेस आईडी के लिए फीचर सपोर्ट के साथ-साथ इस साल के iPhone 15 प्रो और iPhone 15 प्रो मैक्स स्मार्टफोन पर आने वाले नए एक्शन बटन से लैस होगा. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ.

दो साल में SE डिवाइसों की एक नई पीढ़ी लाता है Apple 
Apple का हर दो साल में SE डिवाइसों की एक नई पीढ़ी जारी करने का इतिहास रहा है. इसने अब तक iPhone SE मॉडल की तीन पीढ़ियां जारी की हैं. पहला iPhone SE 2016 में पेश किया गया था. लेटेस्ट iPhone SE (2022) को पिछले साल मार्च में 43,900 रुपये की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किया गया था. ये कीमत iPhone SE (2022) के बेस मॉडल 64GB स्टोरेज के लिए थी.
 

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मणिपुर में छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल होने पर प्रदर्शन के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बंद

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मणिपुर में दो नाबालिगों की नृशंस हत्या पर विरोध प्रदर्शन के बीच मोबाइल इंटरनेट सेवा पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है. ये प्रतिबंध फिलहाल रविवार तक प्रभावी रहेगा. राज्य सरकार ने दो जनजातियों के बीच हिंसक घटनाओं के बाद पांच महीने से लागू इंटरनेट सेवा पर से हाल ही में प्रतिबंध हटाया था. उत्तर-पूर्वी इस राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष में 175 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं.

इससे पहले दो नाबालिग छात्रों की नृशंस हत्या के विरोध में राजधानी इंफाल में सैकड़ों छात्र मंगलवार को सड़कों पर उतरे. उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इस अफरातफरी में कई छात्र घायल हो गए.

लगभग पांच महीने के प्रतिबंध के बाद, राज्य में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने पर दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई, इसके बाद ये हंगामा मचा हुआ है.

सूत्रों ने बताया है कि नाबालिग की हत्या से पहले बलात्कार के आरोपों की भी जांच की जा रही है. जुलाई में, दोनों को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था, लेकिन उस समय उनका पता नहीं लगाया जा सका था.

युवा लड़के के माता-पिता ने एनडीटीवी से बात की और अमानवीय हत्याओं की निंदा की.पिता ने कहा, "मेरे बेटे या बेटी की क्या गलती थी, जो हत्या कर दी गई? उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. वे बस घूम रहे थे. बेरहमी से हत्या करना अमानवीय है."

दोनों बच्चे कर्फ्यू (जातीय हिंसा के कारण लगाए गए) में ढील दिए जाने के बाद बाइक से जा रहे थे, माना जा रहा है कि तभी उनका अपहरण कर लिया गया. इस मामले से आक्रोश फैल गया और कई लोगों ने सवाल उठाया कि पुलिस हत्यारों का पता क्यों नहीं लगा पा रही है.

इस बीच, मणिपुर सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को दोनों के अपहरण और हत्या की जांच करने की अनुमति देने को कहा है. सोमवार देर रात मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में, राज्य सरकार ने कहा कि मामला पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है



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Monday, September 25, 2023

देश में प्रति मिनट 177 आयुष्मान कार्ड बनाए गए और हर मिनट 30 लाभार्थी अस्पताल में भर्ती हुए

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लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराने की केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रति मिनट 177 आयुष्मान कार्ड (Ayushman cards) बनाए गए और हर मिनट 30 लाभार्थी अस्पताल में भर्ती हुए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. देश के सबसे वंचित और गरीब समुदायों को मिल रहे लाभ को रेखांकित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में शामिल होने का आग्रह किया.

स्वास्थ्य राज्यमंत्री बघेल, एबी-पीएमजेएवाई के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने के मौके पर आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

बघेल ने कहा कि आयुष्मान भारत देश में चल रही सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कल्याणकारी योजना है और इस योजना की वजह से अमीरों की तरह गरीबों का भी निशुल्क इलाज सुनिश्चित हो पा रहा है, जो पहले संभव नहीं हुआ करता था.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में 44 प्रतिशत महिला लभार्थी हैं. उन्होंने बताया कि प्रति दिन औसतन आठ अस्पतालों को योजना के दायरे में लाया जा रहा है.

पंत ने कहा कि देश में प्रति मिनट 177 आयुष्मान कार्ड बनाए गए और हर मिनट 30 लाभार्थी अस्पताल में भर्ती हुए .राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन (25 और 26 सितंबर 2023) में दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, चलन और बेहतर तौर-तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श होगा.



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तस्वीरों से हुआ मणिपुर में दो छात्रों की हत्या की भयावह घटना का खुलासा, दो हथियारबंद लोग भी नजर आए

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मणिपुर सरकार ने आज कहा कि वह जुलाई में लापता हुए दो छात्रों के शव दिखाने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद "त्वरित और निर्णायक" कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) इस मामले की जांच कर रही थी, हालांकि दोनों छात्रों के शव अभी तक नहीं मिले हैं. तस्वीरों में मैतेई समुदाय के दो छात्र, 17 वर्षीय हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत एक सशस्त्र समूह के जंगल में अस्थायी शिविर में घास वाले परिसर में बैठे हुए दिख रहे हैं.

तस्वीर में छात्रा लिनथोइनगांबी एक सफेद टी-शर्ट में है, जबकि हेमजीत चेक शर्ट में है और एक बैकपैक पकड़े हुए है. उनके पीछे दो बंदूकधारी आदमी साफ नजर आ रहे हैं. 

अगली फोटो में दोनों छात्रों के शव जमीन पर गिरे हुए नजर आ रहे हैं.

इस मामले ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैलाया है. कई लोगों ने सवाल उठाया है कि पुलिस को मामले को सुलझाने में इतना समय क्यों लगा. जुलाई में दोनों छात्र दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में दिखे थे, लेकिन उनका पता नहीं चल सका.

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि जांचकर्ता तस्वीरों को स्पष्ट बनाने और पीछे दिखाई देने वाले दो व्यक्तियों की पहचान निर्धारित करने के लिए उन्नत साइबर फोरेंसिक टूल का उपयोग करने की संभावना तलाश रहे हैं.

मणिपुर सरकार ने आज एक बयान में कहा कि, "यह राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि दो छात्रों की तस्वीरें... जो जुलाई 2023 से लापता हैं, सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. गौरतलब है कि राज्य के लोगों की इच्छा अनुसार यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है."

सरकार ने कहा, "राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से उनके लापता होने के आसपास की परिस्थितियों का पता लगाने और दो छात्रों की हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से मामले की जांच की जा रही है. सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है." 

सरकार ने कहा कि वह हेमजीत और लिनथोइंगंबी के अपहरण और हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ "त्वरित और निर्णायक कार्रवाई" करेगी. उसने जनता से शांति बनाए रखने और जांचकर्ताओं को अपना काम करने देने की अपील की.

पहाड़ी-बहुल कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मैतेईयों के बीच जातीय हिंसा 3 मई को शुरू हुई, जब मैतेईयों द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग को लेकर कुकी ने विरोध प्रदर्शन किया. हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.



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वायु प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती: Delhi-NCR में एक अक्टूबर से डीजल जेनरेटर के उपयोग पर होगी पाबंदी

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अगर आप दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में रहते हैं तो आप ध्‍यान रखें कि 30 सितंबर के बाद आप डीजल जनरेटर (diesel generator) सेट का इस्‍तेमाल बिजली के लिए नहीं कर सकते हैं. दिल्‍ली में बढ़ते वायु प्रदूषण (air pollution) की रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया है. इससे दिल्‍ली एनसीआर के लाखों लोगों को दिक्‍कत होने वाली है. दिल्ली एनसीआर में बिजली के लिए एक अक्टूबर से डीजल जनरेटर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा.  इससे दिल्ली एनसीआर के उन लाखों लोगों को दिक्कत होने वाली है जो किसी ना किसी तरह डीजल जेनरेटर पर निर्भर हैं. 

लाइट गुल होने पर सोसाइटी में डीजल जनरेटर चलते हैं. इसके लिए आपने पैसा भी दिया हुआ है. इससे सारी चीजें चल रही हैं लेकिन जब वह बैन हो जाएगा तब आप क्या करेंगे. अब दिक्कत इसलिए भी बढ़ेगी कि इस सिलसिले में सरकार की ओर से दी गई मियाद पर अभी तक अमल नहीं किया गया. आपको बता दें दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदुषण पर निगाह रखने वाले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी सीएक्यूएम ने यह निर्देश दिया. इसके तहत दिल्ली एनसीआर में सभी सेक्टरों में डीजल जेनसेट पर पाबंदी लगी. इनका औद्योगिक, कामर्शियल, रेसीडेंशियल, ऑफिस में इस्तेमाल अब नहीं किया जा सकेगा. 

एक अक्टूबर से जनरेटर पर पूरी तरह पाबंदी लागू होगी. एक अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू हो रहा है जिसके तहत जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ेगा, पाबंदियां सख्त होती चली जाएंगी. इस साल जून में में सीएक्यूएम का एक निर्देश आया था जिसमें 30 सितंबर तक वैकल्पिक इंतजाम के लिए कहा गया था. पिछले साल कई सेक्टरों में रियायत दी गई थी. लगातार डुअल मोड फ्यूल यानी कि इस तरीके का जेनसेट लगाने के लिए कहा गया जो कि गैस से भी चलता हो और डीजल से भी. इमिशन कंट्रोल डिवाइस के रेट्रोफिटमेंट के लिए भी कहा गया है, कि आप यह लगाइए जिससे पॉल्यूशन कम हो. 

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 2022 से 2023 में इस सिलसिले में कई बार निर्देश दिए. लेकिन इन निर्देशों पर अमल करना मुश्किल इसलिए भी रहा है कि अधिकतर लोगों को ये पता ही नहीं है कि डीजल जेनसेट में सीएनजी या पीएनजी के इस्तेमाल के लिए क्या तकनीकी बदलाव किए जाएं. ऐसे में दिल्ली एनसीआर में लोगों का परेशान होना बहुत स्वाभाविक है. लेकिन बड़ी सोसाइटियों में तो ये जानकारी थी कि ऐसा कुछ आ रहा है, तैयारियां की जा सकती थीं, लेकिन अब नहीं हुईं. 

अब परेशानी क्यों है? इसके कुछ मुख्य कारण आप जान लें कि कैसे यह आपके और मेरे जीवन में बहुत भारी फर्क लाएगा. नंबर वन अगल लाइट जाएगी तो बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट बंद हो सकती हैं. लाइट जाने पर अधिकतर लिफ्टों में डीजल जेनसेट का बैकअप होता है. यही नहीं अस्पतालों में आपातकालीन सेवा पर भी असर पड़ सकता है. जैसे कि आईसीयू ,आपरेशन थिएटर में दिक्कत आ सकती है. कारखानों, दफ्तरों में काम पर असर पड़ सकता है.



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यदि आपके पास 2000 रुपये का नोट है तो बैंक में जाकर बदलने में देर न करें, सिर्फ अंतिम चार दिन बाकी

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सबसे बड़ा नोट, यानी 2000 रुपये का नोट (Rs 2000 note) अब कुछ ही दिनों का मेहमान है. इसके बारे में पहले सूचना जरूर दी गई थी, लेकिन अब वह तारीख देखते-देखते आ ही गई. इस नोट से 30 सितंबर के बाद आप कोई लेन-देन नहीं कर पाएंगे, तो जाहिर है इसका कहीं इस्तेमाल नहीं हो पाएगा. लेकिन उसके बाद एक लीगल टेंडर के तौर पर इस नोट की वैधता रहेगी या नहीं, अभी यह स्थिति साफ नहीं है. इसलिए बेहतर है कि उससे पहले ही इसे आप बैंक में जमा कर दें. 

रिजर्व बैंक ने 23 मई से 2000 रुपये के नोट को वापस लेना शुरू कर दिया और 30 सितंबर तक ही आप इसे अपने करीबी बैंक में वापस कर सकते हैं. यह आपके लिए आखिरी मौका है, अंतिम एक हफ्ता बचा है. आप इन नोटों को तय तारीख तक भारतीय रिजर्व बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी जमा कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रखिए, सितम्बर के इस आखिरी हफ्ते में 27 सितम्बर को मिलादुन्नबी की छुट्टी है. अब मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार ये दिन ही बचे हैं. 

नवंबर 2016 में जारी किया गया था 2000 का नोट

दो हजार का नोट नवंबर 2016 में जारी किया गया था. आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक सबको चौंकाते हुए नोटबंदी का ऐलान किया था. इसके बाद जो नए नोट जारी हुए उनमें 2000 रुपये का नोट भी था जो कैश में बड़े लेन देन के लिए चर्चा में रहा था. लेकिन इस साल मई में रिजर्व बैंक ने इसे वापस लेने का ऐलान किया और उसी के साथ 2000 रुपये के नोट बैंकों द्वारा लोगों को देने पर भी रोक लगा दी गई. 

रिजर्व बैंक के मुताबिक 19 मई तक 2000 रुपये के जितने नोट अर्थव्यवस्था में चलन में थे उनमें से 93 प्रतिशत नोट एक सितंबर तक वापस भी आ चुके हैं. 19 मई 2023 तक 2000 रुपये के जो नोट चलन में थे उनकी कुल कीमत 3.56 लाख करोड़ रुपये थी जिसमें से 93 प्रतिशत वापस भी आ चुके हैं. 31 अगस्त तक इनमें से 3.32 लाख करोड़ रुपये कीमत के 2000 रुपये के नोट वापस आ चुके हैं. यानी कि अभी भी 24 हजार करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट चलन में हैं और यह 31 अगस्त का आंकड़ा है. हो सकता है अभी जो करीब 20 दिन गुजरे हैं इसमें और कम हो गया हो. लेकिन जो ताजा जानकारी है उसके हिसाब से सात प्रतिशत नोट अभी भी सर्कुलेशन में हैं, 93 प्रतिशत वापस आ गए हैं. 

देश में बहुत बड़ा वर्ग अब भी नकदी का इस्तेमाल कर रहा

अब सवाल यह है कि रिजर्व बैंक को जब यह नोट वापस ही लेना था तो यह जारी ही क्यों किया?दरअसल नोटबंदी के ऐलान के तहत जब 16 नवंबर 2016 को सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी का ऐलान किया तो अर्थव्यवस्था में अचानक नकदी की कमी होने से एक क्राइसिस आ गई. इसका डर भी पहले से ही जताया जा रहा था कि एकदम से इतने नोट हटाएंगे तो नोटों की कमी हो जाएगी. देश के अधिकतर लोग अभी नगद में लेन देन करते हैं. बहुत हद तक हम लोग डिजिटल हो चुके हैं. लेकिन अभी भी एक बहुत बड़ा ऐसा वर्ग है जो कि कैश यूज करता है. देश में कैश सर्कुलेशन नोटबंदी के पहले की दरों से भी ज्यादा है. यह भी एक वास्तविकता है. 

ऐसे में सबसे पहले 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था ताकि नकदी के तौर पर लोगों के पास ज्यादा रकम रह सके, जब तक कि बाकी मूल्यों के नोट पर्याप्त मात्रा में छप नहीं जाते. सरकार ने 2018-19 में 2000 रुपये के नोट छापने बंद कर दिए क्योंकि तब तक बाकी मूल्यों के नोट पर्याप्त संख्या में चलन में लाए जा चुके थे. 

क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपये मूल्य के नोटों की वापसी

भारतीय रिजर्व बैंक ने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपये मूल्य के नोट चलन से वापस लेने का ऐलान किया. क्लीन नोट पॉलिसी में क्लीन नोट मतलब साफ सुथरा कड़कदार नोट है. दरअसल इस नीति के तहत जनता को अच्छी क्वॉलिटी की मुद्रा, नोट और सिक्के मुहैया कराए जाते हैं क्योंकि उपयोग करते-करते वे खराब हो जाते हैं. नए नोट ज्यादा सुरक्षित होंगे, नोट में सिक्युरिटी फीचर नए आ जाएंगे. जो पुराना हटेगा तभी तो नया आएगा और यह इसलिए किया जाता है ताकि नकली नोट या सिक्के आसानी से ना बनाए जा सकें. इस नीति के तहत पुराने और खराब नोटों को चलन से बाहर किया जाता है. 

इस नीति के तहत रिजर्व बैंक 2005 से पहले जारी किए गए सभी बैंक नोट को वापस ले चुका है.उनमें सुरक्षा के फीचर कम थे. बताया जाता है कि 2005 के बाद छपे हुए नोटों में सुरक्षा फीचर काफी बेहतर हैं. 

आरबीआई की तरफ से और बैंकों की तरफ से जनता को एजुकेट करने का, कम्युनिकेशन करने का प्रयास है कि अगर आपने 2000 रुपये का नोट अभी तक बैंक में डिपॉजिट नहीं किया है तो आप कृपया वापस कर दें. फिर संभावना है कि शायद तीन से पांच परसेंट नोट रह जाएंगे क्योंकि जो अनअकाउंटेड मनी है वे लोग अगर बैंक में आते हैं तो शायद उनको जस्टिफाई करना पड़ेगा. 



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सभी समाज को एकजुट करना चाहता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : RSS प्रमुख मोहन भागवत

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि आरएसएस पूरे समाज को एकजुट करना चाहता है और इस प्रक्रिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो उसके लिए पराया हो. आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख अशोक दुबे द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि लखनऊ के चार दिवसीय दौरे पर आए भागवत ने सोमवार को अपने दौरे के आखिरी दिन यहां निराला नगर के सरस्वती कुंज में बुद्धिजीवियों से बातचीत की.

बुद्धिजीवियों से चर्चा के दौरान भागवत ने कहा, "संघ सम्पूर्ण समाज को संगठित करना चाहता है. इसमें संघ के लिए कोई पराया नहीं है. जो आज हमारा विरोध करते हैं, वे भी हमारे हैं. उनके विरोध से हमारी क्षति न हो, इतनी चिंता हम जरूर करेंगे. हम सर्व लोकयुक्त भारत वाले लोग हैं, मुक्त वाले नहीं."

मोहन भागवत ने कहा, "इतिहास में हम ये लिखा देना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कारण देश का उद्धार हुआ, हम ये लिखा देना चाहते हैं कि इस देश में एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण हुआ, जिन्होंने उद्यम किया और अपने देश को पूरी दुनिया का गुरु बनाया. उस पवित्र कर्तव्य के प्रारंभ के लिए मैं आप सबसे आह्वान करता हूं."

आरएसएस चीफ ने कहा, "आरएसएस स्वयंसेवक होने के नाते सबको जोड़ने का हमारा प्रयास है. संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समाज में अनेक अच्छे काम समाज परिवर्तन के लिए किए जा रहे हैं. आप सब प्रबुद्ध जन उन कार्यों में सहयोगी हो सकते हैं."



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AIADMK snaps ties with BJP: What led to the end of alliance in Tamil Nadu

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Sunday, September 24, 2023

Jaishankar meets counterparts from Mexico, Bosnia at UN General Assembly

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PM मोदी भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए कर रहे हैं काम : ओडिशा के CM नवीन पटनायक

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ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं. पटनायक ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की. मुख्यमंत्री ने यहां ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' समूह द्वारा आयोजित ओडिशा साहित्य महोत्सव में एक सत्र में भाग लिया. मोदी सरकार को ‘‘10 में से 8'' रेटिंग देते हुए पटनायक ने केंद्र की विदेश नीति और भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे कामों की सराहना की. 

पटनायक ने कहा, ‘‘मैं मोदी सरकार को विदेश नीति और कई अन्य मामलों में किए गये कार्यों के कारण 10 में से 8 रेटिंग देता हूं... साथ ही इस (भाजपा) सरकार में भ्रष्टाचार भी कम हुआ है.''

महिला आरक्षण विधेयक पर एक सवाल का जवाब देते हुए, पटनायक ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. मेरी पार्टी ने हमेशा महिला सशक्तीकरण का समर्थन किया है. मेरे पिता (पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक) ने स्थानीय चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित की थी और मैंने इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया.''

पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2019 के चुनाव में ओडिशा की 33 प्रतिशत लोकसभा सीट पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था.

बीजद अध्यक्ष ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘हमने हमेशा इसका स्वागत किया है, हम इसके लिए तैयार हैं.''

केंद्र के साथ उनकी सरकार के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर, पटनायक ने कहा, ‘‘केंद्र के साथ हमारे मधुर संबंध हैं. स्वाभाविक रूप से, हम अपने राज्य का विकास चाहते हैं और विकास में केंद्र सरकार की भागीदारी महत्वपूर्ण है.''

उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार गरीबी उन्मूलन और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है. 

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* "प्रधानमंत्री के लिए ओछे शब्‍दों के इस्‍तेमाल से देश को पीड़ा.." : सुधांशु त्रिवेदी ने की हरियाणा कांग्रेस अध्‍यक्ष के बयान की निंदा



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5 Lashkar terrorists arrested in Jammu and Kashmir, 2 terror modules busted

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Saturday, September 23, 2023

"शर्म करो": पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर हरियाणा BJP प्रमुख ने कांग्रेस पर हमला बोला

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हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख उदय भान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रमुख ओपी धनखड़ ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए. धनखड़ समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बयान था. कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए. उन्हें शर्म आनी चाहिए. उदय भान ने अभद्रता की सभी हदें पार कर दीं. मैंने उनका एक और वीडियो देखा, इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि वह अपनी टिप्पणी को सही ठहरा रहे हैं." 

इससे पहले आज हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधने के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया.

कई बीजेपी नेताओं ने उदय भान की टिप्पणी को लेकर निंदा की

एक वायरल वीडियो में हरियाणा कांग्रेस प्रमुख को प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री का जिक्र करते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए सुने जा सकते हैं. उदय भान द्वारा की गई टिप्पणी से विवाद पैदा हो गया और कई बीजेपी नेताओं ने इसकी निंदा की और कांग्रेस पार्टी से माफी की मांग की.

इस बीच, हरियाणा बीजेपी चीफ धनखड़ ने कहा, ''ऐसा लगता है कि कांग्रेस गुस्से में है. कुछ दिन पहले, रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि वे जनता को 'शाप' देंगे. क्या आप संत हैं? रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह खड़े हो गए और इसकी निंदा की."

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के वफादार माने जाने वाले उदय भान को 2022 में हरियाणा कांग्रेस प्रमुख बनाया गया था. उन्होंने कुमारी शैलजा की जगह ली, जिन्हें छत्तीसगढ़ का एआईसीसी प्रभारी बनाया गया था.

उदय भान ने कहा- हरियाणवी बोलचाल के शब्द इस्तेमाल किए

उदय भान से उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बिना किसी खेद के यह दावा किया कि उनके शब्द "हरियाणवी बोलचाल के शब्द थे."

उदय भान ने एएनआई को बताया, "मैंने जो कहा है वह क्या गलत है...मैंने केवल सत्य का वर्णन किया है. क्या यह भाषा गलत है, यह हरियाणा में एक सामान्य भाषा है. हम हरियाणा में अविवाहित पुरुषों को इस शब्द से बुलाते हैं और यह कोई गाली नहीं है." 

उन्होंने कहा, "मैंने केवल सच बोला है. अगर मैंने कुछ गलत कहा होता, जैसा कि उस सांसद ने कहा था, तो मैं माफी मांग लेता. यह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई एक सामान्य टिप्पणी है जिसे एक अनावश्यक मुद्दा बना दिया गया है. यह हरियाणा में बोली जाने वाली सामान्य भाषा है.''

बीजेपी ने कांग्रेस से उदय भान पर कार्रवाई करने की मांग की

बीजेपी ने मांग की है कि कांग्रेस अपने राज्य इकाई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करे. पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करती रही है.

उन्होंने कहा, "इस वीडियो ने बीजेपी कार्यकर्ताओं और आम आदमी के बीच अत्यधिक दर्द और पीड़ा पैदा की है. यह निम्न स्तर की भाषा है, यह निचले स्तर की राजनीति की पराकाष्ठा है जो कांग्रेस द्वारा की जा रही है. कांग्रेस ने हमेशा इस तरह की भाषा  का इस्तेमाल पीएम और उनके परिवार के लिए किया है.“ 

उन्होंने कहा, ''जब हमारे एक सांसद ने सदन (लोकसभा) में असंसदीय टिप्पणी की तो हमारे वरिष्ठ नेता ने इसके लिए माफी मांगी और पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजा. कांग्रेस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी जो उनकी राज्य इकाई का प्रमुख है और इस तरह पार्टी की आधिकारिक आवाज है?" 



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राघव और परिणीति की शादी के वेन्यू की सजावट के लिए इस्तेमाल होंगे 7 टन फूल

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राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की शादी के लिए उदयपुर में तैयारियां पूरे जोरों पर रही. शादी के वेन्यू को दुल्हन की तरह सजाया गया है. इसके अलावा अलग अलग रस्मों के लिए भी खास डेकोरेशन रखी गईं. इस शाही शादी को खास बनाने के लिए हर कोई अपनी तरफ से 100 पर्सेंट दे रहा है. दो दिन के इस प्रोग्राम में हर इंतजाम एक दम टॉप क्लास है...अभी तो केवल इसकी झलक ही मिल रही है लेकिन एक बार इवेंट की तस्वीरें आएंगी तो आपको भी पता चल ही जाएगा...लेकिन फिलहाल हम आपको शादी से जुड़ी एक ऐसी जानकारी देने वाले हैं जिसे सुनकर शायद आप हैरान रह जाएं. खबर इस शादी में डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले फूलों को लेकर है.

खबर है कि परिणीति चोपड़ा और राघव चड्ढा की शाही शादी में दो दिन की सजावट के लिए करीब सात टन फूलों का इस्तेमाल होने वाला है. जानकर कोई भी हैरान रह जाए कि आखिर ऐसी क्या सजावट होगी...लेकिन इससे आप इस प्रोग्राम की भव्यता का अंदाजा लगा सकते हैं. राघव और परिणीति की सगाई में भी पेस्टल थीम के साथ फूलों के कॉम्बिनेशन में जबरदस्त डेकोरेशन हुई थी.

क्या है शादी का शेड्यूल ?

खबर है कि दोपहर 1 बजे राघव चड्ढा की सेहराबंदी होगी. इसके बाद 2 बजे बारात की तैयारी होगी...दोपहर 3.30 बजे जयमाला सेरेमनी होगी...वही खूबसूरत पल जिसकी तस्वीरें देखने के लिए सभी फैन्स और फॉलोअर्स को इंतजार है. जयमाला के बाद शाम 4 बजे फेरे शुरू होंगे. फेरों के बाद शाम 6.30 बजे विदाई. विदाई के बाद रात 8.30 बजे रिसेप्शन होगा. 



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Friday, September 22, 2023

कैसे एक CA बना देश का सबसे युवा राज्यभा सांसद, पहले राजनीति फिर परिणीति, जानें राघव चड्ढा के बारे में सबकुछ

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Raghav Chadha Profile : देश के जाने माने नेता और आम आदमी पार्टी का प्रमुख चेहरा बन चुके राघव चड्ढा बॉलीवुड की एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा से शादी करने जा रहे हैं. दोनों की शादी को खूब अटेंशन भी मिल रहा है. राघव चड्ढा ने एक सीए से यहां तक का सफर तय किया है.पॉलिटिक्स में आने से पहले वे कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते थे. अन्ना आंदोलन के दौरान राघव लंदन में प्रैक्टिस कर रहे थे. तभी भारत आए और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से जुड़ गए. आइए जानते हैं राघव चड्ढा से जुड़ी हर एक बात.

राघव चड्ढा कितने पढ़े-लिखे हैं

राघव चड्ढा ने साल 2009 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद 2011 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से सीए की पढ़ाई की. इसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी उन्होंने अपनी पढ़ाई की.

राघव चड्ढा का पॉलिटिकल करियर

साल 2012 में राघव चड्ढा आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े और पार्टी में कोषाध्यक्ष के पद पर काम करने लगे. 2016 में कुछ समय तक दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम किया. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए दक्षिणी दिल्ली से आम आदमी पार्टी के प्रभारी बनाए गए. फरवरी 2020 में राजिंदर नगर निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की. 21 मार्च 2022 को उनकी पार्टी ने उन्हें पंजाब से राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. मार्च 2022 में, पंजाब में AAP की बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राघव चड्ढा को एक सलाहकार पैनल के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया.

राघव और परिणीति की लव स्टोरी 

राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा एकदूसरे को पहले से जानते थे. यूके में पढ़ाई के दौरान दोनों की मुलाकात हुई. इनकी लव स्टोरी पिछले साल तब शुरू हुई जब परिणीति एक फिल्म की शूटिंग कर रही थीं और राघव वहां पहुंचे हुए थे. परिणीति पंजाब में थीं और 'चमकीला' की शूटिंग कर रही थीं. दोस्त होने के नाते राघव भी परि से मिलने वहां पहुंच गए. खबरों की मानें तो बस यही वो मुलाकात थी जब दोनों एक-दूसरे पर अपना दिल हार बैठे थे और दोनों ने एक-दूसरे का लाइफपार्टनर बनने का फैसला कर लिया था.

राघव चड्ढा को क्या पसंद है

राघव चड्ढा के पिता सुनील चड्ढा और मां अलका चड्ढा हैं. राघव चड्ढा को गाने सुनने का काफी शौक है. उन्हें क्रिकेट और बैडमिंटन खेलना पसंद है. राघव को ट्रैवल करने और पढ़ने का भी शौक है. क्रिकेट में राघव चड्ढा ब्रायन लारा के फैन हैं.

राघव चड्ढा की प्रॉपर्टी कितनी है

रिपोर्ट्स के मुताबिक,  राघव चड्ढ़ा के पास बैंक में कुल 3.95 लाख रुपए जमा है. उनके पास बांड और शेयर के तौर पर 4.74 लाख रुपए हैं. उनके पास एक मारुति स्विफ्ट डिजायर है. उनके पास 3 लाख रुपए को सोने की ज्वेलरी है. बतौर दिल्ली विधायक उन्हें हर महीने 2.10 लाख रुपए की सैलरी मिलती है. कुल मिलाकर साल 2020 तक की रिपोर्ट के मुताबिक, राघव चड्ढा के पास 20 लाख रुपए की नेटवर्थ है.

राघव चड्ढा के बारें में दिलचस्प बातें

1. राघव चड्ढा भारतीय राजनेताओं में मोस्ट एलिजिबल बैचलर में से एक माने जाते हैं.

2. नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल में पढ़ते हुए वह एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में खूब पार्टिसिपेट्स किया करते थे.

3. नई दिल्ली के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से एक साल का ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने अपना पूरा फोकस चार्टर्ड अकाउंटेंसी पर लगाया.

4. अन्ना आंदोलन के आखिरी में राघव की मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई. तब केजरीवाल एक राजनीतिक पार्टी बनाने पर विचार कर रहे थे.

5. पॉलिटिक्स में आने से पहले राघव चड्ढा बतौर सीए डेलॉइट और ग्रांट थॉर्नटन जैसी कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया करते थे.

6. जब 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन शुरू हुआ था, तब राघव लंदन में अपनी प्रैक्टिस कर रहे थे.

7. साल 2018 में नेटफ्लिक्स की एक फिल्म 'राजमा चावल' के लिए राघव चड्ढा ने शूट किया था. 

8. राघव को क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का काफी शौक है. वह स्टेट लेवल पर बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुके हैं.

9. 27 मार्च 2022 को राघव चड्ढा नई दिल्ली में लैक्मे फैशन शो में डिजाइनर पवन सचदेवा के लिए शोस्टॉपर एक्टर अपारशक्ति खुराना के साथ रैंप वॉक किया.

10. मई 2023 में एक वायरल वीडियो में उन्होंने खुलासा किया कि परिणीति चोपड़ा से सगाई से पहले उन्होंने अपनी नाक की सर्जरी करवाई, क्योंकि उनकी नाक उनकी मां की नाक की तरह थी और वे अपने पिता की तरह नाक चाहते थे. हालांकि बाद में वीडियो इंटरनेट से डिलीट कर दिया गया.



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Female leaders are better than men. Then why are there so few women CEOs?

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Thursday, September 21, 2023

India a country of growing importance, not trying to provoke: Justin Trudeau

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इस आलीशान होटल में हो रही है परिणीति और राघव चड्ढा की शादी, पढ़ें डिटेल्स

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राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और फिल्म एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा 24 सितंबर को सात फेरे लेने जा रहे हैं. दोनों की शादी की तैयारियां जोरदार तरीके से चल रही हैं. राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की शादी राजस्थान के उदयपुर के ग्रैंड फाइव स्टार होटल द लीला पैलेस में होने जा रही है. यह पैलेस उदयपुर सिटी के पिछोला झील के किनारे बना हुआ है. इसकी खूबसूरती कमाल की है. यहां के कमरों और बाकी चीजों की फोटोज देख आपका दिमाग भी हिल जाएगा.

 होटल की खूबसूरती देख चौंधिया जाएंगी आंखें 

अरावली पर्वत और पिछोला झील के पास बना लीला पैलेस होटल शादी की मेजबानी करने का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यह पैलेस कई सेलेब्स की शादियों का गवाह बन चुका है. इस होटल में आधुनिक महल की झलक और मेवाड़ी रियासतों के समृद्ध ऐतिहासिक महत्व साफ-साफ नजर आता है.

महाराजा सुइट 

करीब 3,585 वर्ग फीट में फैले महाराज सुइट में एक लिविंग रूम, स्टडी रूम, डायनिंग, वॉक-इन अलमारी, मास्टर बेडरूम, किंग साइज बाथटब, मसाज पार्लर, एक प्लंज पूल है. यहां इंटर कनेक्टेड ग्रैंड हेरिटेज व्यू बालकनी रूम भी है.

रॉयल सुइट 

1,800 वर्गफीट में फैले इस तीसरी मंजिल वाले रॉयल सुइट से अरावली की पहाड़ी और पिछोला झील एक साथ देख सकते हैं. इसके कांच और कमरे की दीवारों को मेवाड़ की स्पेशल ठीकरी आर्ट से डेकोरेट किया गया है. गुंबद और मार्बल पर हाथ से सोने जैसी कलाकारी नजर आती है. इसमें मास्टर बेडरूम, डायनिंग, संगमरमर से बना बाथरूम, जकूजी, पर्सनल बटलर है.

डुप्लेक्स सुइट 

करीब 1,270 वर्ग फीट में फैला डुप्लेक्स सुइट के लिविंग रूम को भारतीय कलाकृति से बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया है. खुली हवा वाले प्लंज पूल की तरफ लिविंग रूम, सिटी पैलेस और अन्य विरासत इमारतों के शानदार दृश्य यहां से नजर आते हैं. इसमें एक मास्टर बेडरूम, वॉक-इन शॉवर, बाथटब, बाथरूम है. सुइट में अलग-अलग अलमारी के साथ एक वैनिटी काउंटर भी लगाए गए हैं.

लग्जरी सुइट

इसका एरिया 960 से 1250 वर्ग फीट में फैला है. इसमें लिविंग रूम, स्टाइलिश बेडरूम , बाथरूम में एक वॉक-इन शॉवर स्टॉल, एक बाथटब है. जहां से पिछोला झील का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है.

ग्रैंड हेरिटेज गार्डन व्यू रूम सुइट

यहां के कुछ कमरे सीधे बालकनी से जुड़े हैं. इन रूम में जैसे ही आप एंट्री करते हैं तो आपको पारंपरिक राजस्थानी कला और शिल्पकला के साथ राजशाही कपड़े और कल्चर देखने को मिल जाते हैं.

ग्रैंड हेरिटेज लेक व्यू रूम

ग्रैंड हेरिटेज डीलक्स कमरे की बालकनी में खड़े होकर आप झील और पहाड़ दोनों का मनोरम दृश्य एक साथ देख सकते हैं.



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With Rajya Sabha’s nod, Parliament passes women's reservation bill

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INDIA bloc won't let RSS capture institutions: Rahul Gandhi in Norway

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Wednesday, September 20, 2023

JDS नेता कुमारस्वामी 21 सितंबर को दिल्ली दौरे पर, BJP के साथ गठबंधन पर चर्चा की संभावना

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जनता दल (सेक्युलर) नेता एच.डी. कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने बुधवार को कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कर्नाटक (Karnataka) में संभावित गठबंधन पर चर्चा करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने के लिए 21 सितंबर को नई दिल्ली जाएंगे.कुमारस्वामी ने जद (एस) और भाजपा के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत संबंधी मीडिया रिपोर्ट को महज अटकलें करार दिया और कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और कहा कि चर्चा इसी पर केंद्रित होगी.

कुमारस्वामी ने सुबह संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं सुबह दिल्ली जा रहा हूं. मैं कल केंद्र सरकार (भाजपा) के आलाकमान से मुलाकात करूंगा.'' लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि चन्नापटना निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने उन्हें वोट दिया है और वह उनका प्रतिनिधित्व करते रहेंगे. बाद में दिन में कुमारस्वामी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कल एक बैठक है. बैठक में चर्चा के बाद इसका नतीजा सामने आएगा. सभी मीडिया रिपोर्ट महज अटकलें हैं. सीट बंटवारे या अन्य चीजों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.''

दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की चर्चा तब से सुर्खियों में है, जब भाजपा के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उनकी पार्टी आम चुनावों के लिए जद (एस) के साथ गठबंधन करेगी और क्षेत्रीय पार्टी कर्नाटक में चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें कुल 28 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र हैं. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में 25 सीटें जीती थीं, जबकि उसके समर्थन वाली निर्दलीय (मांड्या से सुमलता अंबरीश) ने एक सीट पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस और जद(एस) ने एक-एक सीट जीती थी. इस साल मई में हुए 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 135 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को 66 और जद (एस) को 19 सीटें मिलीं.

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President not invited to new Parliament as she is tribal, widow: Udhayanidhi Stalin

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राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी होगी सशक्त: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने पर बोले पीएम मोदी

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संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा (Loksabha) में लंबी बहस के बाद 'महिला आरक्षण बिल' (Women's Reservation Bill) पास हो गया. महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) के पक्ष में 454 वोट पड़े. जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े. लोकसभा में ये बिल दो-तिहाई बहुमत से पास हुआ. लोकसभा में पर्ची के जरिए वोटिंग हुई. अब लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. आरक्षण लागू होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी. महिला आरक्षण फिलहाल 15 साल के लिए लागू होगा, जो संसद की मंजूरी के बाद बढ़ सकता है. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ट्वीट करके खुशी जाहिर की है.

राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी होगी सशक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल के लोकसभा से पास होने पर ट्वीट किया, "इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पारित होने पर खुशी हुई. मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है, जो महिला सशक्तीकरण को और बढ़ावा देगा. हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा."

गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी का किया शुक्रिया
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने पर पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- "मैं प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. महिला आरक्षण बिल आज लोकसभा में पास हो गया. इस बिल ने हमारे देश में राजनीतिक विमर्श को बदल दिया है. सदियों से भारत में महिलाओं ने अपनी देखभाल, करुणा और निस्वार्थ योगदान से व्यक्तियों, परिवारों, हमारे समाज और अर्थव्यवस्था को आकार दिया है. नया विधेयक हमारे राष्ट्र की नियति को आकार देने में उनकी शक्ति का उपयोग करेगा. यह हमारे कानूनों और नीतियों को अधिक लिंग-समावेशी और प्रभावी बनाकर हमारे संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करेगा."

यह हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक छलांग- अमित शाह
अमित शाह ने एक और ट्वीट किया, "यह हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक छलांग है, क्योंकि लोकसभा ने आज 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पारित कर दिया है. इस बिल की परिकल्पना पीएम मोदी ने की थी. ये बिल न केवल महिला सशक्तीकरण के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेंगी, बल्कि हमारे देश में न्यायसंगत और लिंग-समावेशी विकास को भी बढ़ावा देंगी. यह एक बार फिर महिलाओं के नेतृत्व वाले शासन के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराता है."

गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. वहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल भी है.
 



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Owaisi speaks on why he, his AIMIM MP opposed women's quota bill in Lok Sabha

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Tuesday, September 19, 2023

सावधान! जरूरत से ज्यादा कॉर्नफ्लेक्स का सेवन सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, जानें कैसे और क्या हैं नुकसान Side Effects

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Cornflakes Side Effects Hindi: हममें से ज्यादातर लोग कॉर्नफ्लेक्स का सेवन ब्रेकफास्ट में करना पसंद करते हैं. कॉर्नफ्लेक्स एक क्विक और हेल्दी नाश्ता माना जाता है. जिसे बच्चे से लेकर बड़े तक खाना पसंद करते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कॉर्नफ्लेक्स की न्यूट्रिशनल वैल्यू जीरो है. इसके सेवन से आपके शरीर में केवल कैलोरी की मात्रा बढ़ती है. इसके अलावा इसमें सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, कॉर्नसिरप और वनस्पति तेल मिलाया जाता है, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता. यानि जिसे हम हेल्दी नाश्ता समझ कर खाते हैं वो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. तो चलिए जानते हैं कॉर्नफ्लेक्स खाने के नुकसान.

कॉर्नफ्लेक्स खाने के नुकसान-  Cornflakes Khane Ke Nuksan: 

1. डायबिटीज-

डायबिटीज के मरीजों के लिए कॉर्नफ्लेक्स का सेवन नुकसानदायक माना जाता है. कॉर्नफ्लेक्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक होता है, जो डायबिटीज की समस्या को बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं इसका रोजाना सेवन हार्ट के लिए हानिकारक हो सकता है. 

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2. मोटापा- 

बहुत से लोग ऐसे हैं जो वजन कम करने के लिए डाइट करते हैं. और ब्रेकफास्ट में कॉर्नफ्लेक्स खाना पसंद करते हैं. लेकिन आपको बता दें इसमें स्वीटनर का इस्तेमाल काफी मात्रा में किया जाता है जो वजन को बढ़ाने का काम कर सकता है. 

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3. पाचन-

पाचन संबंधी समस्या से परेशान हैं तो नाश्ते में कॉर्नफ्लेक्स का सेवन करने से बचें. क्योंकि रोजाना इसका सेवन करने से फाइबर की कमी हो सकती है जिससे पाचन जैसी दिक्कत हो सकती है.



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"महिला आरक्षण बिल का हमेशा से समर्थन, लेकिन सरकार को इन सवालों का देना होगा जवाब..": मल्लिकार्जुन खरगे

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नए संसद भवन (New Parliament House) के लोकसभा में मंगलवार (19 सितंबर) को 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया. महिला आरक्षण बिल (Women's Reservation Bill) के मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. लोकसभा (Loksabha) की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. लोकसभा में इस बिल पर कल 20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बहस होगी. इससे पहले विपक्षी दलों के नेताओं की इस बिल पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने केंद्र सरकार पर महिला आरक्षण बिल को लेकर धोखा देने का आरोप लगाया है. 

मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X(पहले ट्विटर) पर लिखा- "महिला आरक्षण विधेयक का हमने हमेशा से समर्थन किया है. 2010 में राज्यसभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था. राजनीति में जिस प्रकार SC-ST वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार OBC वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से सामान मौका मिलना चाहिए. आज जो मोदी सरकार विधेयक लाई है, उसको गौर से देखने की ज़रुरत है. विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि ये Decadal Census (जनगणना) और Delimitation (परिसीमन) के बाद ही लागू किया जाएगा. इसका मतलब, मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए हैं. बीजेपी को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए."


कांग्रेस ने भी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया X अकाउंट पर जारी एक पोस्ट में मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने लिखा- “महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझिए. यह बिल आज पेश जरूर हुआ, लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता. ऐसा क्यों? क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा. आपको बता दें 2021 में ही जनगणना होनी थी, जो कि आज तक नहीं हो पाई. आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. खबरों में कहीं 2027 तो कहीं 2028 की बात कही गई है. इस जनगणना के बाद ही परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा, तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा."

कांग्रेस ने आगे लिखा-  "मतलब पीएम मोदी ने चुनाव से पहले एक और जुमला फेंका है और यह जुमला अब तक का सबसे बड़ा जुमला है. मोदी सरकार ने हमारे देश की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है, उनकी उम्मीदों को तोड़ा है.” ऐसी ही एक और पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा है, “अभी लागू नहीं होगा महिला आरक्षण बिल. जानें क्यों?"

महिला आरक्षण बिल कानून बन भी गया तो क्या फंसा है पेंच
आला सरकारी सूत्र के मुताबिक, महिला आरक्षण 2029 के लोकसभा चुनाव से संभव हो सकता है. आरक्षण को अमली जामा पहनाने के लिए लंबी संवैधानिक प्रक्रिया है. इस बिल को 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की जरुरत नहीं है. यानी संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा. लेकिन सरकार सबसे पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के रूल्स नोटिफाई करेगी. इसके बाद जनगणना का काम शुरू होगा. उसके बाद परिसीमन आयोग लोकसभा और विधानसभा परिसीमन का काम पूरा करेगा. महिला आरक्षण कानून जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लागू होगा.


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How Canada’s attempt to get allies, including US, to accuse India was rebuffed

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Monday, September 18, 2023

छात्र के आत्महत्या पर एनआईटी सिलचर में भारी विरोध प्रदर्शन, छात्रों ने डीन पर लगाया आरोप

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गुवाहाटी: सिलचर स्थित राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान(एनआईटी) के तीसरे वर्ष के छात्र ने परिसर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली ली. अब इस मामले में छात्र के सहपाठियों ने प्रदर्शन कॉलेज कैंपस में प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि बुकेर को पांचवें सेमेस्टर की कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई और कुछ दिन पहले डीन ऑफ एकेडमिक्स बीके रॉय ने अन्य छात्रों के सामने बार-बार उनका अपमान किया था.

पिछले शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था, जिसमें 40 लोग घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि हम कोज बुकर के लिए न्याय और उनके परिवार के सदस्यों के लिए मुआवजा चाहते हैं. कोज मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत थे. वह नशे के आदी नहीं थे. एनआईटी सिलचर प्रशासन ने उनके खिलाफ गलत आरोप लगाए हैं जो उचित नहीं है.

एनआईटी-सिलचर के निदेशक दिलीप कुमार बैद्य ने कहा कि उन्हें मरने वाले छात्र के प्रति सहानुभूति है, लेकिन उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड खराब था. एक और छात्र ने कहा, "हम अकादमिक डीन बीके रॉय का इस्तीफा चाहते हैं, क्योंकि उनकी आत्महत्या के लिए प्रशासन और वह जिम्मेदार हैं. उनकी आत्महत्या के बाद प्रशासन से कोई भी उनके बारे में पूछने नहीं आया. हम अपने दोस्त के लिए न्याय चाहते हैं. बता दें कि प्रदर्शनकारी छात्र इस घटना की उच्च स्तरीय जांच भी चाहते हैं.

छात्रों ने आरोप लगाया कि रॉय ने मृतक की बेइज्जती की थी जो पहले सेमेस्टर की परिक्षाओं में छह विषयों में उत्तीर्ण नहीं हो पाया था. ये परिक्षाएं वर्ष 2021 में महामारी के कारण ऑनलाइन हुई थी. छात्रों ने दावा किया कि लॉकडाउन के कारण वह घर पर था और इंटरनेट की कमी होने के कारण 'ऑनलाइन क्लास' नहीं ले पाया और उत्तीर्ण नहीं हो पाया.

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"यहां मार्गदर्शक बने और सहयोगी भी...": लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने ताजा कीं पुरानी संसद की यादें

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पुराने संसद भवन में सोमवार को कार्यवाही का आखिरी दिन था. पुराने भवन में संसद के विशेष सत्र की शुरुआत हुई. मंगलवार गणेश चतुर्थी के दिन कामकाज नए संसद में होगा. लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने पुराने संसद भवन में ऐतिहासिक फैसलों को करीब से देखा है. महाजन ने कहा, "वास्तव में पुराना संसद भवन हमारे लिए हमेशा यादगार रहेगा. आज भी अगर मैं संसद भवन को याद करूं, तो जेहन में पुरानी बिल्डिंग ही आएगी." उन्होंने कहा- "हालांकि, नए भवन की देश को जरूरत थी. ये समय पर बनकर तैयार हुआ. अब संसद का कामकाज वहां शिफ्ट हो रहा है."

NDTV से खास बातचीत में सुमित्रा महाजन ने कहा, "पुराने संसद भवन का गोलाकार मुझे याद रहेगा. कई बार परेशान हो जाती थी कि किस गेट से जाना है और कहां से बाहर निकलना है. यहां मुझे जिन-जिन लोगों का साथ मिला, जो मार्गदर्शक भी बने और साथी सहयोगी भी. ये सभी याद आएंगे. पुराने संसद भवन में हमने कई अच्छे-अच्छे भाषण सुने. कैसा बोलना है, कैसा व्यवहार करना है... इससे भी हम रूबरू हुए. दूसरों की बात काटना भी हो, तो उसे कैसे अच्छी और शालीन भाषा के जरिए काटना है, ये भी हमने यहीं से सीखा."

सुमित्रा महाजन ने कहा, "संसद में मुझे कई बड़े नेताओं के अच्छे-अच्छे भाषण सुनने को मिले. जो देश के लिए अपना सबकुछ न्योछावर करने वाले थे. हमने यहां अटल बिहारी वाजपेयी को सुना, जिन्होंने हमेशा कहा कि जो कुछ है, वो हमारी भारत माता के लिए है. इसके अलावा इंद्रजीत गुप्ता, चंद्रशेखर जी, सुषमा स्वराज जी... ये जब बोलने के लिए खड़े होते थे, तो सब उन्हें सुनने के लिए बैठ जाते थे."

बता दें कि सुमित्रा महाजन ताई के नाम से जानी जाती हैं. वह मीरा कुमार के बाद लोकसभा स्पीकर का पद संभालने वाली दूसरी महिला रही हैं. 12 अप्रैल 1943 को महाराष्ट्र के चिपलुन में जन्मी सुमित्रा महाजन के पिता संघ के प्रचारक थे. 22 साल की उम्र में इंदौर में एडवोकेट रहे स्व. जयंत महाजन से उनका विवाह हुआ. वे खुद एडवोकेट भी हैं.

सुमित्रा महाजन का राजनीतिक जीवन 1980 के दशक में शुरू हुआ. वे इंदौर की डिप्टी मेयर चुनी गईं. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें इंदौर-3 से विधानसभा का टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस के महेश जोशी ने उन्हें हरा दिया. राजनीति के जीवन में ये उनकी एकमात्र हार थी. 1989 में उन्होंने पूर्व मंत्री प्रकाशचंद्र सेठी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद जीत का सिलसिला शुरू हो गया.

अपनी शिष्टता, सौम्यता और साफगोई के लिए प्रसिद्ध सुमित्रा महाजन के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे तोड़ना लगभग असंभव है. वे देश की एकमात्र महिला सांसद हैं, जो एक ही लोकसभा क्षेत्र से एक ही पार्टी से लगातार 8 लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं. सुमित्रा ताई ने 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में जीत हासिल की. सुमित्रा ताई को साल 2021 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

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Sunday, September 17, 2023

जब सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को छोटा रोल देना मनोज कुमार को पड़ा गया था भारी, जया बच्चन ने सरेआम लगा दी थी क्लास

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सदी के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने हिंदी फिल्म इंड्स्ट्री में संघर्षों से भरा दौर भी देखा है. ये उस वक्त की बात है जब अमिताभ बच्चन फिल्म इंड्स्ट्री में आकर पहले तो रोल पाने के लिए जद्दोजहद करते रहे. फिर एक हिट के लिए तरसते रहे. इस दौरान ऐसे मौके भी आए, जब उनकी आवाज और कद काठी के चक्कर में निर्माता निर्देशकों ने उन्हें लौटा दिया. लेकिन एक बार जो मौका मिला तो फिर अमिताभ बच्चन ने पलट कर नहीं देखा. खासतौर से जंजीर फिल्म हिट होने के बाद. इस फिल्म के बाद ऐसा मौका भी आया, जब अमिताभ बच्चन को छोटा रोल करने को मिला. उस बात पर उनकी पत्नी जया बच्चन, मनोज कुमार पर बुरी तरह बिफरी थीं.

मनोज कुमार पर फूटा गुस्सा

अमिताभ बच्चन की डेब्यू मूवी रही है सात हिंदुस्तानी. इस फिल्म में ढेरों कलाकारों के बीच भी अमिताभ बच्चन अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे. इसके बाद भी कुछ फिल्म रिलीज होती रहीं, लेकिन उन्हें हिट फिल्म के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. इस बीच मनोज कुमार ने उन्हें अपनी पिल्म रोटी कपड़ा और मकान में कास्ट किया. 1974 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन को बहुत कम स्क्रीन स्पेस मिला. जिस पर उनकी पत्नी जया बच्चन ने जमकर नाराजगी जाहिर की. मनोज कुमार की लिखी और डायरेक्ट की इस फिल्म को लेकर जया बच्चन ने कहा था कि अमिताभ बच्चन को और स्क्रीन स्पेस मिलना चाहिए था.

ये कह कर छुड़ाई जान

रोटी, कपड़ा और मकान फिल्म से पहले अमिताभ बच्चन की जंजीर रिलीज हो चुकी थी और अमिताभ बच्चन जबरदस्त तरीके से हिट हो  चुके थे. उस फिल्म के बाद रोटी कपड़ा और मकान में कम स्क्रीन स्पेस मिलने पर जया बच्चन ने नाराजगी जताई थी. जिसकी जानकारी होने पर मनोज कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि वो यकीन नहीं कर सकते कि जया जैसी एक्ट्रेस स्क्रीन स्पेस को इतनी तवज्जो दे सकती हैं. इसके बाद उन्होंने जया बच्चन की तारीफ भी की.



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पहली बार रख रही हैं हरतालिका तीज का व्रत तो जान लें ये नियम, इस दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए यह 5 काम

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Hartalika Teej 2023 Puja Niyam: अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत रखती हैं. ये व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु का वरदान मांगती हैं. पूरे दिन का निर्जला व्रत रखने के बाद पूरी विधि विधान से हरतालिका तीज की पूजा की जाती है. तो अगर आप पहली बार हरतालिका  तीज का व्रत रख रही हैं तो ये जानना जरूरी है कि तीज के व्रत के नियम क्या हैं और इस दिन क्या करने से बचना चाहिए.आइए जानते हैं कब (Date of Hartalika Teej ) रखा जाएगा हरतालिका का व्रत और इस दिन क्या नहीं करना चाहिए.

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कब है हरितालिका तीज 2023 (When Is Hartalika Teej 2023)

इस वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 सितंबर को है. इसलिए हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर सोमवार को रखा जाएगा. ज्यादातर लोगों में 17 और 18 तारीख को लेकर कंफ्यूजन है, तो अगर आप भी डेट को लेकर कन्फ्यूज हैं तो जान लीजिए की तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.

हरतालिका तीज करने के नियम (Niyam Of Hartalika Teej puja)

रखें निर्जला व्रत

हरतालिका तीज के दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए. इस दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. इसलिए भूलकर भी इस व्रत में कुछ खाना या पीना नहीं चाहिए.

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घर को रखें शुद्ध

हरतालिका तीज में शुद्धता का विशेष महत्व होता है. विशेष तौर पर घर और  पूजाघर को अच्छी तरह साफ कर गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए. घर में कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे घर की शुद्धता भंग हो.

लड़ाई और विवाद से रहें दूर

हरतालिका तीज के दिन भूलकर भी किसी बात को लेकर विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए. इस दिन किसी के बारे में बुरा सोचने या बोलने से भी बचना चाहिए.

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निद्रा है वर्जित

हरतालिका तीज के दिन और रात में सोना वर्जत होता है. इस दिन भूलकर भी न सोएं. रात के समय महिलाओं को शिव और पार्वती के भजन कीर्तन करने चाहिए.

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काले रंग के कपड़े न पहनें 

महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत परिवार के सुख और समृद्धि के लिए करती हैं इसलिए इस दिन काले रंग का वस्त्र नहीं पहनना चाहिए.  काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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महिला आरक्षण का मुद्दा तीन दशकों से लटका, क्या अब पारित हो पाएगा यह विधेयक?

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करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किए जाने के लिए नए सिरे से जोर दिए जाने के बीच आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 प्रतिशत से भी कम है जबकि कई राज्यों की विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम है. 

इस मुद्दे से जुड़ा अंतिम ठोस घटनाक्रम 2010 में हुआ था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच विधेयक को पारित कर दिया था. मार्शल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के कदम का विरोध करने वाले कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था. हालांकि, विधेयक लोकसभा से पारित नहीं हो सका और अटक गया.

भाजपा और कांग्रेस ने हमेशा विधेयक का समर्थन किया है लेकिन अन्य दलों के विरोध और महिला कोटा के भीतर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की कुछ मांगें ऐसी रहीं, जिसके चलते विधेयक पर सहमति नहीं बन सकी.

कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की वकालत की

रविवार को कई दलों ने सोमवार से शुरू होने वाले पांच दिवसीय संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने और पारित करने की जोरदार वकालत की, लेकिन सरकार ने कहा कि ‘‘सही समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा.''

मौजूदा लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम है. सरकार द्वारा पिछले दिसंबर में संसद के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14 प्रतिशत है.

कई विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से कम 

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से कम है.

दिसंबर 2022 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 10-12 प्रतिशत महिला विधायक थीं. वहीं, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड क्रमश: 14.44 प्रतिशत, 13.7 प्रतिशत और 12.35 प्रतिशत के साथ महिला विधायक संबंधी सूची में सबसे आगे हैं.

पिछले कुछ हफ्तों में, बीजू जनता दल (बीजद) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सहित कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने भी रविवार को हैदराबाद में अपनी कार्य समिति की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया.

पूर्व में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का प्रस्ताव था

हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि नए विधेयक में कितने प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव किया जा सकता है क्योंकि 2008 का विधेयक, जो लोकसभा में पारित नहीं होने के बाद 2010 में समाप्त हो गया था, में लोकसभा और प्रत्येक राज्य विधानसभा की सभी सीटों में से महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षित करने का प्रस्ताव था. जब विधेयक पारित कराने की आखिरी कोशिश की गई तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में था.

‘पीआरएस लेजिस्लेटिव' पर उपलब्ध एक लेख के अनुसार, इसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और एंग्लो-इंडियन के लिए कोटा-के भीतर-कोटा का भी प्रस्ताव रखा गया था, जबकि आरक्षित सीटों को प्रत्येक आम चुनाव के बाद चक्रीय आधार पर बदला जाना था. इसका मतलब था कि तीन चुनावों के चक्र के बाद, सभी निर्वाचन क्षेत्र एक बार आरक्षित श्रेणी में आ जाते. यह आरक्षण 15 वर्षों के लिए लागू होना था.

वर्ष 2008-2010 के असफल प्रयास से पहले, इसी तरह का विधेयक 1996, 1998 और 1999 में भी पेश किया गया था.



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रवीन्द्रनाथ टैगोर का शांतिनिकेतन UNESCO की विश्व धरोहर सूची में

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पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. शांतिनिकेतन में ही कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना की थी. यूनेस्को ने रविवार को सोशल मीडिया ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में यह घोषणा की. यूनेस्को ने कहा, ‘‘यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांतिनिकेतन शामिल. भारत को बधाई.''पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित इस सांस्कृतिक स्थल को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए भारत लंबे समय से प्रयास कर रहा था.

शांतिनिकेतन को इस सूची में शामिल करने का निर्णय सऊदी अरब में विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें खुशी और गर्व है कि शांतिनिकेतन को आखिरकार यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. बनर्जी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बिश्व बांग्ला के गौरव, शांतिनिकेतन को कवि ने तैयार किया था और पीढ़ियों से बंगाल के लोगों ने इसका सहयोग किया है. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से हमने पिछले 12 वर्षों में इसके बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि की है और दुनिया अब इस धरोहर स्थल की महिमा को पहचानती है. उन सभी को बधाई जो बंगाल, टैगोर और उनके भाईचारे के संदेशों से प्यार करते हैं. जय बांग्ला, गुरुदेव को प्रणाम.''

शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए एक दस्तावेज तैयार करने पर काम करने वाली प्रसिद्ध संरक्षण वास्तुकार आभा नारायण लांबा ने कहा कि वह खबर सुनने के बाद ‘‘खुशी से झूम उठीं.'' उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हमने 2009 में दस्तावेज पर काम किया था और शायद तब समय सही नहीं था. लेकिन हम हमेशा शांतिनिकेतन की सुंदरता में विश्वास करते थे और आज इसे यूनेस्को की सूची में देखकर इसकी पुष्टि हुई.'' मुंबई में रहने वालीं लांबा ने कहा कि एक बार जब ‘इकोमोस' ने इसे सूची में शामिल करने की सिफारिश की, तो यह लगभग निश्चित था कि ऐसा होगा.

कुछ महीने पहले, अंतरराष्ट्रीय परामर्श संस्था ‘इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स' (इकोमोस) द्वारा इस ऐतिहासिक स्थल को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई थी. फ्रांस आधारित ‘इकोमोस' अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जिसमें पेशेवर, विशेषज्ञ, स्थानीय अधिकारी, कंपनियों और धरोहर संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं तथा यह दुनिया के वास्तुशिल्प एवं धरोहर स्थल के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है.

यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज विवरण के मुताबिक, कोलकाता से 160 किमी दूर शांतिनिकेतन मूल रूप से रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया एक आश्रम था, जहां जाति और पंथ से परे कोई भी, आ सकता था और शिक्षा ले सकता था. इसमें कहा गया है कि महर्षि के नाम से प्रसिद्ध देबेंद्रनाथ टैगोर भारतीय पुनर्जागरण के अग्रणी व्यक्ति थे. महर्षि द्वारा निर्मित संरचनाओं में शांतिनिकेतन गृह और एक मंदिर था.

वेबसाइट पर कहा गया, ‘‘19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में निर्मित दोनों संरचनाएं शांतिनिकेतन की स्थापना और बंगाल तथा भारत में धार्मिक आदर्शों के पुनरुद्धार और पुनर्व्याख्या से जुड़ी सार्वभौमिक भावना के साथ अपने संबंध में महत्वपूर्ण हैं.'' भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक शांतिनिकेतन में स्थित विश्वभारती में मानविकी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, ललित कला, संगीत, प्रदर्शन कला, शिक्षा, कृषि विज्ञान और ग्रामीण पुनर्निर्माण में डिग्री पाठ्यक्रम की पेशकश की जाती है.

विश्वविद्यालय की स्थापना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी. 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था. विश्वभारती पश्चिम बंगाल का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है और इसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं.

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Saturday, September 16, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 73वां जन्मदिन: उनके जीवन और करियर पर एक नजर

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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. पूरे भारत में बीजेपी की इकाइयां उनके जन्मदिन को अलग-अलग तरीकों से मनाने की योजना बना रही हैं. भारत को आजादी मिलने के तीन साल बाद और गणतंत्र बनने से कुछ महीने पहले 17 सितंबर 1950 को जन्मे नरेंद्र मोदी दामोदरदास मोदी और हीरा बा मोदी की छह संतानों में से तीसरी संतान हैं.

अपने समाज सेवा और राजनीति के करियर के शुरुआती वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य थे. 1970 के दशक से राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद 1990 के दशक के अंत तक उनके राजनीतिक करियर को कोई खास गति नहीं मिली थी.

नरेंद्र मोदी ने 1987 में गुजरात में भाजपा के महासचिव के रूप में काम करना शुरू किया. 1995 में पार्टी ने गुजरात में बहुमत हासिल किया और फिर वे तेजी से आगे बढ़े. नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर 2001 को अपनी पहली संवैधानिक भूमिका में सामने आए जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने. इस तिथि के बाद से वे निर्वाचित सरकार के नेता के रूप में काम करते रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, बल्कि एक निर्वाचित सरकार के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल सबसे लंबा है, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनका 12 साल से अधिक का कार्यकाल शामिल है.

सन 2014 में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने सभी विपक्ष दलों को ध्वस्त कर दिया और चुनाव में जीत हासिल की. भाजपा तीन दशकों में बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बन गई.

नई दिल्ली पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने 2001 से 13 वर्षों तक अपने गृह राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. प्रधानमंत्री के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल अगले वर्ष समाप्त होने वाला है. नरेंद्र मोदी अभी भी भारतीय राजनीति और देश के अधिकांश राजनीतिक विमर्श पर हावी हैं.



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"देश में बोलने की आजादी का मतलब ये नहीं कि...": 'सनातन' विवाद पर मद्रास हाईकोर्ट

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चेन्नई (तमिलनाडु): सनातन पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों पर बहस और विवाद के बीच, मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि सनातन धर्म 'शाश्वत कर्तव्यों' का एक समूह है. कोर्ट ने कहा कि हिंदू जीवन शैली में राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, राजा के प्रति कर्तव्य, राजा का अपनी प्रजा के प्रति कर्तव्य, अपने माता-पिता और गुरुओं के प्रति कर्तव्य, गरीबों की देखभाल और कई अन्य कर्तव्य शामिल हैं.

न्यायमूर्ति एन शेषशायी ने कहा, "अदालत सनातन धर्म के पक्ष और विपक्ष में बहुत मुखर है. साथ ही समय-समय पर होने वाली शोर-शराबे वाली बहस के प्रति सचेत है और जो कुछ भी हो रहा है, उस पर वास्तविक चिंता के साथ अदालत विचार करने से खुद को नहीं रोक सकती." अदालत ने यह भी कहा कि स्वतंत्र भाषण घृणास्पद भाषण नहीं हो सकता.

कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 51ए(ए) के तहत, यह प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है कि वो संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों और संस्थानों का सम्मान करें. इसलिए, अब सनातन धर्म के भीतर या बाहर, छुआछूत नहीं हो सकती है. अदालत ने याचिकाकर्ता एलंगोवन की ओर से दलीलों का हवाला दिया और जोर देते हुए कहा है कि कहीं भी सनातन धर्म न तो अस्पृश्यता को मंजूरी देता है और न ही इसे बढ़ावा देता है, और यह केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों पर सभी के साथ समान व्यवहार करने पर जोर देता है. 

बता दें कि बीते दिनों में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने 'सनातन धर्म' की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इनका विनाश कर देना चाहिए.'

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ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर वाले लोगों की हो सकती है जल्दी मौत, अध्ययन में सामने आया चौकाने वाला आंकड़ा

स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में लाइफ एक्सपेक्टेंसी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के...