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Happy Rakshabandhan 2023 : रक्षाबंधन के मौके पर पुलिस ने अनोखी पहल की है. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों को स्कूल बच्चियों से राखी बंधवाई हैै. साथ ही साथ सभी को वचन भी दिलवाया है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे. इस पहल से कई बेहतरीन संदेश मिला है. दरअसल, मध्य प्रदेश के बड़वानी ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए अनोखी पहल की गई. पुलिस ने स्कूली बच्चियों की मदद से बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों और बिना सीट बेल्ट के कार चलाने वालों को राखी बांधी. इस दौरान नन्हीं बच्चियों ने चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहन चालकों से वचन लिया कि बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट का इस्तेमाल करेंगे और कार चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल करेंगे.
आए दिन कई सड़क पर एक्सीडेंट्स होते हैं, जिसके कारण कई ज़िंदगियां तबाह हो जाती है. सख्त कानून होने के बावजूद भी लोग यातायात के नियम को नहीं मानते हैं, ऐसे में इस पहल से एक बढ़िया संदेश लोगों को मिल रहा है.
उषा बताती हैं कि कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई आदमी ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर गाड़ी चला रहा होता है और एक्सीडेंट में उसकी मौत हो जाती है. ऐसे में इसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है, इसलिए हमारी टीम लगातार दुर्घटना से बचने के लिए संदेश दे रही है. आज इस संबंध में यह एक अनोखी पहल हमारे द्वारा की जा रही है. जहां बच्चियों के द्वारा राखी बंधवाकर वाहन चला रहे भाइयों से वचन लिया गया है.
बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के मामले में एक नया पेंच आ गया है. एक दोषी ने 2008 में सजा होने के बाद अदालती आदेश के बावजूद 34 हजार रुपये का जुर्माना नहीं भरा लेकिन उसे पिछले साल समय से पहले रिहा कर दिया गया. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई और सुनवाई से पहले ही मुंबई की अदालत में जुर्माना जमा कर दिया गया.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पूछा कि क्या जुर्माना अदा न करना समय पूर्व रिहाई में बाधा बन सकता है? क्योंकि जस्टिस उज्जल भुइयां ने कहा था कि रिहाई के समय तक जुर्माना नहीं भरा गया था.
दरअसल गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ गैंगरेप और उसके परिवार के 14 लोगों की हत्या के दोष में उम्रकैद में समय से पहले रिहाई पाए दोषियों में से एक ने सुप्रीम कोर्ट में रिहाई के खिलाफ दाखिल याचिका का विरोध किया है. उसने कहा कि हमारा कानून सजा के जरिए अपराधी के सुधार पर जोर देता है. उसे और अन्य दोषियों को समय पूर्व रिहाई इस तथ्य के तहत ही मिली है. इसलिए गुजरात सरकार के कदम में कोई गलती या गड़बड़ नहीं है.
उसने कहा कि, दोष सिद्धि और सजा सुनाए जाते वक्त जुर्माना अदा करने का आदेश कोर्ट ने दिया था. वो जुर्माना भरना चाहता था लेकिन नहीं भर पाया. ऐसे में जुर्माने को उसकी सजा में रियायत के साथ जोड़कर देखना उचित नहीं है.
दोषी ने जुर्माना भरने की इच्छा से एक अर्जी भी दाखिल की थी
वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने एक सजायाफ्ता दोषी की पैरवी करते हुए कहा कि समय पूर्व रिहाई के लिए नकद जुर्माना अदा करने की कोई अनिवार्य शर्त नहीं लागू होती है. वह सजा काट चुका है. भारतीय कानून के मुताबिक कोई भी अदालत किसी अपराध के लिए दो बार आजीवन कारावास की सजा नही दे सकती. वैसे भी उम्रकैद का प्रावधान मृत्युदंड को रोकने के लिए ही किया गया है. समय पूर्व सजा खत्म करने से दोष सिद्धि, यानी कनविक्शन के आधार पर भी कोई असर नहीं पड़ता. सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि दोषी ने जुर्माना भरने की इच्छा से एक अर्जी भी दाखिल की थी.
बिलकिस बानो मामले में दोषी ठहराए गए अपराधियों में से एक जसवंत भाई चतुर भाई नाई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 15 साल पहले उम्रकैद के साथ 34 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की इच्छा जताई थी.
उम्रकैद के साथ 34 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया था
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और सात लोगों की हत्या के जुर्म में 2008 में ट्रायल कोर्ट के आदेश में सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 34 हजार रुपए अर्थ दंड अदा करने का आदेश दिया था. उम्र कैद के शुरुआती दस साल सश्रम कारावास के तय किए गए थे.
इन सबको IPC धारा 302, 149, 376(2)(3)(g) के तहत सजा दी गई. 15 साल सात महीने जेल में रहने के बाद उसे भी 10 अगस्त 2022 को रिहा किया गया. दोषी ने अपनी सजा पूरी होने से पहले रिहाई के लिए अपनी अर्जी में कहा कि वह आर्ट कॉलेज में क्लर्क था. वह अविवाहित और बेरोजगार है. उसकी आंखों में मोतियाबिंद है और ऑपरेशन की सख्त जरूरत है.
मामले की सुनवाई 14 सितंबर को जारी रहेगी.
भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद के साउथ पोल (The Moon South Pole) पर हर रोज नई नई जानकारी इकट्ठा कर रहा है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने इसी से जुड़ी एक और बड़ी अपडेट दी है. इसरो ने गुरुवार (31 अगस्त) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि लैंडर विक्रम ने रोवर प्रज्ञान और अन्य पेलोड की एक्टिविटी के अलावा चांद पर कुछ और भी रिकॉर्ड किया है.
ISRO ने पोस्ट में लिखा, "चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर पर चंद्र भूकंपीय गतिविधि (ILSA) पेलोड के लिए डिवाइस ने रोवर और अन्य पेलोड की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया है. इसके अलावा इसने 26 अगस्त 2023 को एक नैचुरल लगने वाली घटना को रिकॉर्ड किया है."
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 31, 2023
In-situ Scientific Experiments
Instrument for the Lunar Seismic Activity (ILSA) payload on Chandrayaan 3 Lander
-- the first Micro Electro Mechanical Systems (MEMS) technology-based instrument on the moon --
has recorded the movements of Rover and other… pic.twitter.com/Sjd5K14hPl
स्पेस एजेंसी ISRO ने आगे बताया, "इस घटना के सोर्स की जांच की जा रही है. ILSA पेलोड को LEOS, बेंगलुरु ने डिजाइन किया है." ISRO ने रोवर की गतिविधियों से जुड़ा एक ग्राफ भी शेयर किया है.
ILSA में 6 बहुत सेंसेटिव एक्सेलेरोमीटर का एक क्लस्टर शामिल है. ये डिवाइस किसी स्ट्रक्चर के वाइब्रेशन या मोशन स्पीड को मापता है. ग्राफ में दिखाया गया वाइब्रेशन रोवर की स्पीड के फेज को बताता है. लैंडर पर पेलोड की एक्टिविटी भी रिकॉर्ड की गई है. ILSA चंद्रमा पर माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम्स टेक्नोलॉजी आधारित डिवाइस का पहला उदाहरण है.
इससे पहले 31 अगस्त को ही ISRO ने रोवर प्रज्ञान का एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें वह सुरक्षित तरीके से चल रहा है और अच्छे से रोटेशन (घूमना) भी कर रहा है. रोटेशन की ये फोटो लैंडर विक्रम के इमेजर कैमरे ने ली है.
ISRO ने लिखा- "प्रज्ञान रोवर चंदा मामा पर अठखेलियां कर रहा है. लैंडर विक्रम उसे (प्रज्ञान को) ऐसे देख रहा है, जैसे मां अपने बच्चे को खेलते हुए प्यार से देखती है. आपको ऐसा नहीं लगता?
ISRO के मुताबिक, चंद्रमा की सतह पर मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, जबकि हाइड्रोजन की खोज जारी है. प्रज्ञान रोवर पर लगे लिब्स (LIBS- लेजर इन्ड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप) पेलोड ने ये खोज की.
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औरंगाबाद में आहर (पोखर) में डूबकर पांच बच्चों की मौत हो गई. इनमें दो बच्चे सगे भाई थे. राखी बंधवाने के बाद बच्चे खेलने निकले और आहर में नहाने लगे. इसी दौरान यह हादसा हुआ. यह घटना मदनपुर प्रखंड के सलैया थाना क्षेत्र के सोनारचक गांव में हुई. सभी बच्चे एक ही गांव के रहने वाले थे.
मृत बच्चों की पहचान अनुज यादव के 11 वर्षीय पुत्र शुभम कुमार उर्फ गोलू कुमार, उदय यादव के 12 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार, उदय यादव के ही दस वर्षीय पुत्र धीरज कुमार, सुरेंद्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार एवं योगेंद्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र अमित कुमार के रूप में की गई है.
बताया जाता है कि सभी बच्चे दोपहर बाद करीब तीन बजे आहर में स्नान करने गए थे. वे वहां इस दौरान डूब गए. बच्चों के साथ गए अन्य बच्चों ने हंगामा किया तब ग्रामीण दौड़े लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी. ग्रामीणों ने आहर में कूदकर बच्चों को निकाला और चिकित्सकों को दिखाया जहां उनके मृत होने की पुष्टि की गई.
घटना की सूचना मिलते ही सलैया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की तैयारी में जुट गई.
घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. इधर बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों ने शव को लेकर कासमा, रफीगंज एवं मदनपुर पथ को जाम कर दिया है. जिससे यातायात प्रभावित हो गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कासमा की पुलिस भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के आक्रोश को शांत कराने में जुटी हुई है.
केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session) बुलाया है. इस विशेष सत्र में 5 बैठकें होंगी. सरकार ने यह साफ नहीं किया कि यह सत्र किसलिए बुलाया जा रहा है. यही कारण है कि अफवाहों का बाजार गर्म हो गया कि आखिर यह सत्र क्यों बुलाया जा रहा है. अटकलें इसलिए भी हैं, क्योंकि यह चुनावी साल है. अब से तीन महीने में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं. फिर आठ महीने में लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2023) भी हैं. सवाल ये है कि सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी? इस सत्र को लेकर सरकार का एजेंडा क्या है?
संसद के विशेष सत्र का ऐलान करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) आगामी 18 से 22 सितंबर के दौरान होगा. जिसमें पांच बैठकें होंगी. अमृतकाल के दौरान होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं "
20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चला था संसद का मॉनसून सत्र
इससे पहले संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चला था. मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष के विरोध के बाद कई बार सत्र बिना कामकाज के स्थगित करना पड़ा था. इस सत्र में विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया, जो गिर गया.
लोकसभा अपने तय समय से 43 फीसदी ही कर पाई काम
संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा अपने तय समय में से केवल 43 प्रतिशत ही काम कर सकी. जबकि राज्यसभा में तय समय में से केवल 55 प्रतिशत ही काम कर पाई. मॉनसून सत्र में सरकार ने 23 बिल पारित कराए थे.
विपक्ष के हंगामे के दौरान ही ये बिल पारित हुए थे. इनमें से दो बिल बिना चर्चा के केवल 2 मिनट में पारित कर दिए गए थे. 17वीं लोकसभा का कार्यकाल अब अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन डिप्टी स्पीकर का चुनाव अभी तक नहीं हो पाया है.
लग रही हैं तमाम अटकलें
-संसद के विशेष सत्र बुलाने के ऐलान की टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं.
-ऐसी अटकलें हैं कि इसकी घोषणा गुरुवार (31 अगस्त) को हुई, ताकि मुंबई में विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक से ध्यान हटाया जा सके.
-विशेष सत्र का एजेंडा नहीं बताया गया, ताकि उसके लिए कयासों का दौर शुरू हो सके.
-हो सकता है कि सत्र संसद की पुरानी बिल्डिंग में शुरू हो और नए में खत्म हो. इस तरह नई संसद में कामकाज शुरू किया जा सकता है.
- यह संयुक्त सत्र नहीं होगा. इस दौरान अमृत काल की उपलब्धियों पर चर्चा हो सकती है.
- संसद के विशेष सत्र में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और जी-20 बैठक का सफल आयोजन पर चर्चा शामिल हो सकता है.
- इस दौरान महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल भी लाया जा सकता है.
विशेष सत्र में लाए जा सकते हैं कई अहम बिल
ऐसी अटकलें भी हैं कि संसद के विशेष सत्र में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का बिल लाया जा सकता है. पीएम मोदी कई मौकों पर एक देश एक चुनाव की वकालत कर चुके हैं. हालांकि, जानकारों के मुताबिक फिलहाल ये मुमकिन नहीं है.
वन नेशन वन इलेक्शन की क्या हैं दिक्कतें?
- इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा.
- लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाने या तय समय से पहले खत्म करना होगा.
- कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना होगा.
- कुछ विधानसभा का कार्यकाल समय से पहले खत्म करना होगा.
- इसके लिए सभी दलों में आम राय जरूरी है.
- पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनाव एक साथ नहीं हो सकते. वे राज्य के विषय हैं.
- वैसे चुनाव आयोग कह चुका है कि वह इसके लिए तैयार है.
क्या कहते हैं जानकार?
इस पूरे मामले पर NDTV ने देश के वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह से बात की. संजय सिंह ने कहा, "विपक्ष को खुशफहमी है कि सरकार ने INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक से लोगों का ध्यान हटाने के लिए संसद के विशेष सत्र की तारीख का ऐलान किया है. ऐसी खुशफहमी रखने का हक सबको है. लेकिन ये वास्तविक नहीं है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने पोस्ट में साफ कहा है कि अमृतकाल के दौरान होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा होगी. इसके एजेंडे में बेशक चंद्रयान-3 की सफलता और जी-20 का समिट का आयोजन हो सकता है."
वहीं, शेखर अय्यर ने NDTV से बातचीत में कहा, "संसद के विशेष सत्र का एजेंडा जी-20 से भी जुड़ा हुआ है. जी-20 समिट के ठीक एक हफ्ते बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं कि जी-20 की अध्यक्षता करना भारत में विकास का एक उदाहरण है. विश्वभर में भारत को जो सम्मान मिल रहा है, उसपर भी चर्चा हो सकती है. पीएम मोदी अपने सरकार की उपलब्धियों को संसद के सामने रख सकते हैं."
इससे पहले कब-कब बुलाया गया संसद का विशेष सत्र?
सामान्य तौर पर संसद के साल में तीन सत्र होते हैं. लेकिन कई खास मौकों पर विशेष सत्र भी बुलाए जाते हैं. इससे पहले भी कई मौकों पर संसद के विशेष सत्र या बैठकें हो चुकी हैं:-
- 30 जून 2017 को जीएसटी के शुभारंभ के लिए आधी रात को लोकसभा और राज्यसभा की साझा बैठक हुई.
- अगस्त 1997 में आजादी के 50 वर्ष के अवसर पर छह दिनों का विशेष सत्र हुआ था.
-9 अगस्त 1992 को भारत छोड़ो आंदोलन के 50 वर्ष पूरे होने पर मध्य रात्रि का सत्र हुआ.
- अगस्त 1972 में आजादी की रजत जयंती पर पहली बार विशेष सत्र का आयोजन हुआ.
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मुंबई में करीब 430 और पूरे महराष्ट्र के मेडिकल कॉलेजों में करीब ढाई हजार डॉक्टरों की कमी है. मुंबई में ट्रेनी डॉक्टर, यानी रेसिडेंट डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं. उनमें डॉक्टरों की कमी के कारण अपनी ट्रेनिंग असफल होने का बड़ा डर है. लिहाज़ा वे विरोध कर रहे हैं, राज्यपाल से मिल रहे हैं.
ट्रेनी डॉक्टर अस्पतालों में सबसे पहले मरीजों का हाल परखते हैं, लेकिन इनकी ट्रेनिंग में बड़ी बाधा आई है. आर्थिक राजधानी के मेडिकल कॉलेज करीब 439 डॉक्टरों की कमी का सामना कर रहे हैं, यानी डॉक्टरों के 27% पद खाली पड़े हैं.
ट्रेनी डॉक्टर सार्बिक डे, ऑपथैल्मोलॉजी, यानी नेत्र विज्ञान चिकित्सा विभाग के सेकंड इयर के छात्र हैं. वे कहते हैं कि मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों की इतनी कमी है कि इन्हें डर है कि क्या इनकी ट्रेनिंग सफल हो पाएगी या नहीं?
जेजे हॉस्पिटल के रेसिडेंट डॉक्टर सार्बिक डे ने कहा कि,''मैं ऑई सर्जन की पढ़ाई कर रहा हूं, मेरी ट्रेनिंग जैसी होनी चाहिए वो फैकल्टी की कमी के कारण नहीं हो पा रही है, हमारा समय निकल रहा है. हम क्या करें.''
ट्रेनी डॉक्टरों का भविष्य अधर में
रेसिडेंट डॉक्टर अभिजीत हेलगे, डर्मेटोलॉजी, यानी त्वचा विज्ञान विभाग में हैं और महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रेसिडेंट हैं. वे कहते हैं कि, पूरे महाराष्ट्र में करीब 2500 डॉक्टरों की कमी ट्रेनी डॉक्टरों का भविष्य अधर में दिखा रही है.
डॉ अभिजीत हेलगे ने कहा,''पूरे महाराष्ट्र में करीब 2.5 हजार डॉक्टरों की कमी है. हम प्रोटेस्ट कर चुके हैं, राज्यपाल से मिल चुके हैं. भर्ती होनी जरूरी है, भले ही कान्ट्रैक्चुअल बेसिस पर करें, लेकिन बढ़ाएं. हम ट्रेंड नहीं हुए तो हम एफिशिएंट डॉक्टर कैसे बनेंगे, हमारे करियर के साथ-साथ मरीज़ों की सेहत के साथ भी गलत हो रहा है.''
लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पद नहीं भरे गए
मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर भर्ती नहीं हुई है. इससे चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल दोनों में व्यवधान पैदा हो रहा है. लगभग 190 महत्वपूर्ण पद खाली हैं.
हॉस्टल की बिगड़ी हालत भी रेसिडेंट डॉक्टरों को विरोध करने पर मजबूर कर रही है. डॉ अभिजीत हेलगे ने कहा,‘'900 ट्रेनी डॉक्टरों पर सिर्फ़ 400 कमरे, बुरी हालत में हम रहते हैं. शिकायत के बाद रेनोवेट कर रहे हैं, पर हमें साइज़ बढ़ानी है हॉस्टल की, ताकि लोग एकमोडेट हो पाएं.''
रेसिडेंट डॉक्टरों ने राज्यपाल रमेश बैस से की मुलाकात
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स ने राज्यपाल रमेश बैस से भी मुलाकात की और हॉस्टल की स्थिति, रिक्त पदों, लंबित बकाया और मरीजों द्वारा डॉक्टरों पर हमलों जैसी समस्याओं पर चर्चा की. एसोसिएशन 6,000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है. फ़िलहाल साइलेंट प्रोटेस्ट कर रहे हैं. आगे बड़ा करने का विचार है.
सरकार ने मंगलवार को आम लोगों को महंगाई से राहत देते हुए घरों में इस्तेमाल वाले रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) के दाम 200 रुपये घटा दिये. इसके अलावा सरकार उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में 75 लाख नये एलपीजी कनेक्शन भी देगी. सरकार के इस फैसले को मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के सस्ता एलपीजी सिलेंडर देने के वादे की काट और चुनाव तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है.
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सभी लोगों के लिये एलपीजी सिलेंडर के दाम 200 रुपये कम करने का निर्णय किया गया. इस फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो का एलपीजी सिलेंडर की लागत बुधवार से 903 रुपये होगी, जो अभी 1,103 रुपये है. मई, 2020 के मुकाबले अभी रसोई गैस सिलेंडर का दाम दोगुना से अधिक है.
इसके साथ ही अब उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को कुल 400 रुपये की गैस सब्सिडी मिलेगी. उन्हें पहले से 200 रुपये की सब्सिडी मिल रही है. इससे उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर अब 703 रुपये में मिलेगा.
ठाकुर ने कहा कि इस पहल का मकसद परिवारों को राहत उपलब्ध कराना है. इसके साथ सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख परिवारों को नये एलपीजी कनेक्शन देगी. इससे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ हो जाएगी. पिछले एक-दो साल में रसोई गैस की कीमतें बढ़ी हैं और यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है.
कांग्रेस पार्टी ने एलपीजी की ऊंची कीमतों के कारण लोगों की जेब पर पड़ रहे असर को भांपते हुए इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. कर्नाटक में हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में इसे प्रमुखता से उठाया गया. पार्टी ने मध्य प्रदेश में सत्ता में आने पर 500 रुपये की कीमत में एलपीजी देने का वादा किया है. कांग्रेस राजस्थान में भी इसी कीमत पर एलपीजी उपलब्ध करा रही है. दोनों राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं.
हालांकि, ठाकुर ने इस फैसले को चुनाव से जोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह ओणम और रक्षा बंधन के अवसर पर महिलाओं को मोदी सरकार की ओर से एक उपहार है.
उन्होंने यह नहीं बताया कि कीमत में कटौती की ‘भरपाई' कैसे की जाएगी. यह माना जाता है कि खुदरा ईंधन बेचने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां बुधवार से कीमतें कम करेंगी. बाद में सरकार इसकी भरपाई करेगी.
अभी यह पता नहीं चला है कि इस फैसले से सरकार के खजाने पर कितना असर पड़ेगा. इस बारे में ठाकुर ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहकों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर एलपीजी सब्सिडी दी जा रही है, उसकी लागत चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7,680 करोड़ रुपये बैठेगी.
उज्ज्वला लाभार्थी केवल 9.6 करोड़ हैं, जबकि 31 करोड़ उपभोक्ता खाना पकाने के लिये रसोई गैस का उपयोग करते हैं.
सरकार ने जून, 2020 में एलपीजी पर सब्सिडी देना बंद कर दिया था. देशभर में रसोई गैस की कीमत का निर्धारण बाजार आधारित था. इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये हो गई है, जिसमें अब 200 रुपये की कमी होगी.
सरकार अगर कीमतों में 200 रुपये की कटौती का बोझ खुदरा पेट्रोलियम कंपनियों पर नहीं डालकर स्वयं वहन करती है, तो इसका मतलब है कि सब्सिडी व्यवस्था वापस लायी गयी है.
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘सरकार ने देशभर में परिवारों को राहत देने के इरादे से रसोई गैस की कीमत में कटौती की है. बुधवार से देश भर के सभी बाजारों में 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत 200 रुपये कम हो जाएगी.''
उज्ज्वला योजना के तहत लंबित आवेदनों को निपटाने और सभी पात्र परिवारों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन देने के लिये सरकार जल्द ही उन गरीब परिवारों की 75 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन देगी, जिनके पास एलपीजी कनेक्शन नहीं है.
बयान के अनुसार, ‘‘ये निर्णय लोगों पर वित्तीय बोझ को कम करने और उनकी बेहतरी के लिये सरकार की तरफ से जारी प्रयासों का हिस्सा है. रसोई गैस के दाम में कमी नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और उचित दरों पर आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.''
Social Media Viral Video : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक लड़की ने डिजिटल मेहंदी लगा रखी है. इस मेहंदी का डिजाइन उसने बेहद खास बना रखा है. डिजिटल मेहंदी में QR कोड है. इसकी मदद से कोई भी शख्स डिजिटल पेमेंट कर सकता है. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखने के बाद लोग पूरी तरह से हैरान है. वायरल हो रहे इस वीडियो पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं देखने को भी मिल रही हैं.
देखें वायरल वीडियो
This is Peak Digital India Moment ???? pic.twitter.com/ciuVuObxcQ
— Ravisutanjani (@Ravisutanjani) August 29, 2023
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक लड़की ने अपने हाथों में मेहंदी लगा रखी है. इस लड़की का वीडियो देख लोग क्रियटिविटी की दाद दे रहे हैं. देखा जाए तो एक बेहतरीन आइडिया है. हालांकि, ऐसे वीडियो सिर्फ फन के लिए होते हैं. लोग इस तरह के वीडियो को देखना पसंद भी करते हैं.
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को Ravisutanjani नाम के यूज़र ने शेयर किया है. इस वीडियो को 11 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं. करीब 14 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस वीडियो को लाइख किया है. वहीं इस वीडियो पर कई लोगों के कमेंट्स भी देखने को मिल रहे हैं. एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- बहुत ही अलग मेहंदी है. लगता है राखी स्पेशल है. वहीं एक अन्य यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- डिजिटल इंडिया में भारतीय संस्कृति का मिलन हो रहा है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी और होटल चेन क्लेरिज के प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया है. केस में ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री, क्लेरिज होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के प्रमुख विक्रमादित्य सिंह और एयर इंडिया के एक कर्मचारी दीपक सांगवान का नाम है. ईडी पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और अन्य से जुड़े दिल्ली शराब नीति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है, जिसमें अमनदीप सिंह ढल भी आरोपी हैं. उन्हें इस साल की शुरुआत में एजेंसी ने गिरफ्तार किया था.
ईडी ने दावा किया है कि पवन खत्री और ईडी में एक क्लर्क नितेश कोहर ने कथित तौर पर अमनदीप सिंह ढल की मदद करने के लिए रिश्वत के तौर पर 5 करोड़ रुपये लिए थे.
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शिकायत के अनुसार, ढल और उनके पिता बीरेंद्र पाल सिंह ने ईडी अधिकारियों को सूचित किया कि उन्होंने ढल के खिलाफ मामले में ईडी की जांच में 'मदद की व्यवस्था' करने के लिए दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच एक चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण वत्स को 5 करोड़ रुपये दिए थे.
एजेंसी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया, "प्रवीण वत्स ने कहा कि अमनदीप सिंह ढल से मिले पैसे में से 50 लाख दिसंबर के मध्य में सांगवान और खत्री को अग्रिम रूप में दिए गए थे, जैसा कि उन्होंने मांगा था."
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चूंकि ढल को इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था, इसलिए उनके पिता ने पैसे वापसी की मांग की. जैसा कि वत्स ने बताया, 29 जून को खत्री की मौजूदगी में उन्हें 1 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए.
शिकायत के बाद, सीबीआई ने रिश्वत के माध्यम से दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी की जांच को प्रभावित करने के आरोप में खत्री, कोहर, सांगवान, वत्स, विक्रमादित्य सिंह, अमनदीप सिंह ढल और बीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ऊटी में चॉकलेट बनाने वाली एक फैक्टरी के हालिया दौरे का वीडियो साझा करते हुए रविवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बचाने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की समान दर लागू करने और औद्योगिक केंद्र बनाने की जरूरत है. राहुल ने इस महीने की शुरुआत में अपनी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड जाते समय ‘ऊटी के सबसे प्रसिद्ध ब्रांड में से एक'-मोडीज चॉकलेट्स-की फैक्टरी का दौरा किया था.
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में राहुल के हवाले से कहा गया है, ‘‘हाल ही में वायनाड जाते समय मुझे ऊटी के सबसे प्रसिद्ध ब्रांड में से एक-मोडीज चॉकलेट्स की फैक्टरी का दौरा करने का आनंददायक अनुभव मिला. इस छोटे से व्यवसाय के पीछे मुरलीधर राव और उनकी पत्नी स्वाति की उद्यमशीलता की कहानी प्रेरणादायक है.''
कांग्रेस नेता ने कहा कि दंपति के साथ काम करने वाली महिलाओं की टीम भी उतनी ही शानदार है और 70 महिलाओं की समर्पित टीम द्वारा तैयार की जाने वाली सबसे उत्तम चॉकलेट जैसा स्वाद मैंने कभी नहीं चखा.
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, पूरे भारत में अनगिनत अन्य छोटे और मध्यम उद्यमों की तरह मोडीज भी ‘गब्बर सिंह टैक्स' का बोझ झेल रही है.''
राहुल ने जोर देते हुए कहा कि सामूहिक रूप से भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इन एमएसएमई को बचाने के लिए जीएसटी की एक समान दर लागू करने और औद्योगिक केंद्र बनाने जैसे अनिवार्य उपाय करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की महिला नेतृत्व वाली टीम हर तरह के समर्थन की हकदार है.
राहुल द्वारा साझा किए गए वीडियो में वह चॉकलेट बनाते हुए और फैक्टरी में काम करने वाली महिला कर्मचारियों से बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं.
राहुल के चॉकलेट फैक्टरी के दौरे का वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी पिछले दिनों ऊटी की एक चॉकलेट फैक्टरी पहुंचे, जिसे महिलाएं चलाती हैं. उन्होंने उनके साथ बातचीत की, अनुभव सुने, मेहनत की सराहना की और समस्याओं को समझा.''
रमेश ने लिखा, ‘‘छोटे, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े लोगों की बात को इसी तरह सुना जाना चाहिए. उन्हें मदद की जरूरत है.''
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन में से दो उद्देश्य हासिल कर लिए गए हैं, जबकि तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं. इसने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं.
इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चंद्रयान-3 मिशन: मिशन के तीन उद्देश्यों में से, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन पूरा हो गया है. चंद्रमा पर रोवर के घूमने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं. सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं.''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की है कि चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' की तारीख 23 अगस्त के दिन को अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा और जिस जगह पर इस यान का लैंडर ‘विक्रम' उतरा, उस जगह को अब ‘शिवशक्ति' प्वाइंट के रूप में जाना जाएगा.
उन्होंने यह घोषणा भी की कि 2019 में चंद्रयान-2 ने जिस जगह पर अपने पदचिह्न छोड़े थे, चंद्रमा की उस जगह को अब ‘तिरंगा' प्वाइंट के रूप में जाना जाएगा.
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) से पीड़ित लोग इस बुरे अनुभव को कभी न भूलने वाला बुरा सपना करार दे रहे हैं. भूस्खलन से प्रभावित प्रोमिला ने कहा, ‘‘इस बुरे वक्त से गुजरने से बेहतर मौत होगी, क्योंकि जीवन में उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है.'' प्रोमिला यहां भूस्खलन का शिकार हुई एक इमारत में रहती थीं, जहां उनका एक कमरा ढह जाने से उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया.
23 अगस्त की सुबह हुए भूस्खलन से एक इमारत आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई, जिसमें प्रोमिला अपनी बीमार मां के साथ रहती थीं. यह इमारत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (आईजीएमसीएच) के नजदीक है.
शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी 75 वर्षीय मां के साथ रहती हूं. वो कैंसर से पीड़ित हैं. 2016 से उनका इलाज जारी है. मैं राम नगर के बाजार में एक दुकान में नौकरी करती थी, जहां पिछले सप्ताह मुझे हटा दिया गया, क्योंकि मंदी के कारण ग्राहक नहीं थे.''
प्रोमिला कहती हैं, ‘‘मैं बृहस्पतिवार की रात आईजीएमसीएच में सोई क्योंकि मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी.''प्रोमिला के भाई-बहन या पिता नहीं हैं और वह अपने पति से भी अलग हो चुकी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नौकरी की तलाश में हूं और यहां तक कि मैं साफ-सफाई और झाड़ू-पोछा भी करने को तैयार हूं, क्योंकि मुझे अपनी मां के इलाज के लिए पैसे की बहुत जरूरत है.' प्रोमिला ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है.
एक अन्य भूस्खलन पीड़ित सुमन, जिसका कमरा प्रोमिला के कमरे के बगल में था, ने कहा, ‘‘हम अपना सामान नहीं बचा सके और केवल वही कपड़े बचे हैं जो हमने ढहे हुए घर से बाहर निकलते समय पहने थे.''
घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली सुमन का कहना है कि उन्होंने भूस्खलन में अपना सब कुछ खो दिया है और उनके पास अपने बेटे की स्कूल फीस देने के लिए भी पैसे नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी स्थिति दयनीय है लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि इस भूस्खलन में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी, अगर राज्य सरकार आपदा पीड़ितों की मदद नहीं कर सकती तो इतना सारा दान लेने का क्या फायदा.''
सुमन ने कहा, ‘‘हमने गुरुद्वारे में खाना खाया और अपने रिश्तेदारों के घरों में रह रहे हैं, लेकिन हमें कोई मदद या राहत नहीं मिली है.''शिमला में पिछले हफ्तों में कई भूस्खलन हुए हैं और पिछले 10 दिनों में जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है.
इस महीने राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 120 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की शुरुआत के बाद से कुल 238 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग अभी भी लापता हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराकर दुनिया को अपना सामर्थ्य दिखाया है तथा उसका विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार वैश्विक स्तर पर लहर पैदा कर रहा है. नान में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने पिछले नौ वर्षों में उनकी सरकार द्वारा हासिल की गई कई विकासपरक उपलब्धियों का भी हवाला दिया और इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में पहले कभी इतना निवेश नहीं किया गया था.
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से भारत में 25 लाख किलोमीटर से अधिक लंबी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से छह गुना अधिक है. उन्होंने कहा, भारत ने रिकॉर्ड समय में लगभग 700 जिलों में स्वदेशी 5जी प्रौद्योगिकी पहुंचा दी है. प्रधानमंत्री की यह बात सुनते ही वहां मौजूद दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ गई.
उन्होंने कहा, दुनिया का सबसे ऊंचाई वाला रेलवे पुल, मोटर चलने योग्य सड़क के अलावा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम और सबसे ऊंची प्रतिमा अब भारत में हैं.
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे शीर्ष वैश्विक निकाय भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रशंसा कर रहे हैं और प्रमुख कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए एक-दूसरे के साथ होड़ कर रही हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व व्यवस्था में देश की भूमिका तेजी से बदल रही है.
इस सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराकर दुनिया को अपनी क्षमता दिखाई है.
प्रधानमंत्री ने भारत और यूनान की सभ्यताओं के बीच प्राचीन संबंधों का जिक्र किया और उनके संबंधों को मजबूत करने में सिख गुरुओं की भूमिका की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सिखों से संबंधित घटनाओं को मनाने के लिए समर्पण के साथ काम किया है.
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उत्तर प्रदेश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओपी राजभर ने बुधवार (23 अगस्त) को चंद्रमा पर उतरे चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं देते हुए एक गलती कर दी. कुछ महीने पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हुए 60 वर्षीय राजभर ने कहा कि जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर वापस आएगा तो पूरे देश को उसका स्वागत करना चाहिए. वे चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर मॉड्यूल के टचडाउन से पहले यूपी तक (इंडिया टुडे ग्रुप चैनल) से बात कर रहे थे.
वायरल हुए शॉर्ट वीडियो क्लिप में राजभर वैज्ञानिकों को उनके निरंतर शोध के लिए बधाई देते हुए सुने जा सकते हैं.
चंद्रयान-3 मिशन पर उन्होंने कहा, "मैं उन्हें इसके लिए बधाई देता हूं. कल जब पृथ्वी पर इसके सुरक्षित आगमन का समय आएगा तो पूरे देश को इसका स्वागत करना चाहिए."
राजभर की यह टिप्पणी राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा चंद्रयान-3 में सवार "यात्रियों" को सैल्यूट करने के एक दिन बाद आई है.
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान कैबिनेट मंत्री का पद छोड़ने के बाद राजभर ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में 2022 का यूपी चुनाव लड़ा था. बाद में वे यह आरोप लगाते हुए एनडीए में लौट आए कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष के दबाव में कोई दम नहीं है.
इस बीच, चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक खोजी यान उतारने वाला चौथा देश बना दिया है. इसके अलावा भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव के आसपास अज्ञात क्षेत्र तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया है.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि विक्रम लैंडर चंद्रमा पर एक खास क्षेत्र में तय उद्देश्य के लिए उतरा है. उन्होंने कहा कि रोवर में दो उपकरण और लैंडर पर तीन उपकरण हैं. उन सभी को क्रमिक रूप से चालू किया गया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख एस.सोमनाथ ने चंद्रयान-3 की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए इसका श्रेय वैज्ञानिकों को दिया, जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए बेहद कष्ट और पीड़ा सही. इसरो चीफ ने कहा कि आने वाले वर्षों में इसरो का यान इसी तरह मंगल ग्रह पर उतरेगा.
एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है और यह सफलता ‘बहुत बड़ी' और ‘प्रोत्साहित करने वाली' है. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की यात्रा कठिन है और प्रौद्योगिकी क्षमता हासिल करने के बावजूद आज किसी भी देश के लिए किसी खगोलीय पिंड पर यान को सफलतापूर्वक उतारना मुश्किल कार्य है.
इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत ने यह सफलता केवल दो मिशन में हासिल कर ली है. चंद्रमा पर यान उतारने की पहली कोशिश मिशन चंद्रयान-2, अंतिम समय में असफल रहा था जबकि चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह से सफल हुआ. चंद्रयान-1 का उद्देश्य केवल मानव रहित अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करना था.
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 कठिन मिशन है और ‘‘हम इसके लिए बहुत ही पीड़ा और कष्ट से गुजरे.'' इसरो प्रमुख ने बताया कि चंद्रयान-2 के लिए काम करने वाले अहम वैज्ञानिक चंद्रयान-3 की टीम का भी हिस्सा थे. उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर लोग जो चंद्रयान-2 के साथ थे, वे हमारे साथ हैं और चंद्रयान-3 में हमारी मदद कर रहे हैं. वे इसका हिस्सा हैं, वे इतनी पीड़ा से गुजरे हैं...''
सोमनाथ बताया कि यह वैश्विक स्तर के उपकरणों के साथ पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया' मिशन था. उन्होंने कहा, ‘‘...चंद्रयान-3 में हमारे पास जो प्रौद्योगिकी है, वह चंद्रमा पर जाने वाली किसी भी अन्य प्रौद्योगिकी से कम जटिल या कमतर नहीं है. हमारे पास चंद्रयान-3 में दुनिया के सबसे अच्छे सेंसर, अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ (उपकरण) हैं.''
मिशन परिचालन परिसर में इसरो टीम को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री ने मुझे फोन कॉल किया और अपनी शुभकामनाएं आप सभी को और आपके परिवारों को इसरो में किए गए आपके शानदार कार्य के लिए दी हैं. चंद्रयान-3 और ऐसे अन्य मिशन में सहयोग देने के लिए मैं उनको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। राष्ट्र के लिए हम जो प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं, उसे आगे बढ़ाने के लिए हमें प्रशंसा मिल रही है. ''
इसरो ने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘‘दीर्घकालिक दृष्टिकोण बहुत ही स्पष्ट है और वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंतरिक्ष अन्वेषण और विज्ञान में हमारा प्रभुत्व रहे.'' मिशन परिचालन परिसर में इसरो टीम को संबोधित करते हुए, उन्होंने उन सभी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की, और विशेष रूप से ए एस किरण कुमार (पूर्व इसरो प्रमुख) जैसे इसरो के दिग्गजों का नाम लिया.
उन्होंने कहा, ‘‘ वे बहुत मददगार रहे, वे उस टीम का हिस्सा थे जो वैज्ञानिकों का आत्मविश्वास बढ़ाते थे. इससे वैज्ञानिक अपने काम की समीक्षा करते थे और सुनिश्चित करते थे कि कोई गलती न हो.''
इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम' और 26 किलोग्राम वजनी रोवर ‘प्रज्ञान' से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग' कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ.
सोमनाथ ने रेखांकित किया कि यह इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह वह यात्रा है जो चंद्रयान-1 से शुरू हुई थी, जो चंद्रयान-2 में भी जारी रही और चंद्रयान-2 अब भी काम कर रहा है और बहुत से संदेश भेज रहा है.''
सोमनाथ ने कहा, ‘‘ चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने के साथ चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 बनाने वाली पूरी टीम के योगदान को याद किया जाना चाहिए और धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए.''उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रोत्साहित करने वाली प्रगति है और निश्चित तौर पर बहुत बड़ी है.''
अक्सर हम आपको ऐसी पुरानी थ्रोबैक तस्वीर दिखाते हैं, जिसमें भारतीय सिनेमा के कलाकार बहुत अलग लगते हैं और इन तस्वीरों में इन्हें पहचान पाना भी बहुत मुश्किल होता है. इसी कड़ी में आज हम आपको दिखाते हैं बॉलीवुड के दो पंजाबी गबरु जवानों की ऐसी तस्वीर जो इस ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर में बहुत ही मासूम लग रहे हैं और एक तो बेचारा निक्कर पहन रोनी सी सूरत बनाएं नजर आ रहा है. चलिए एक हिंट हम आपको दे देते हैं कि इसमें से एक कलाकार तो पाकिस्तान में भारत के झंडे तक गाड़ आया है.
इस ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर को जरा गौर से देखिए इन तस्वीरों में बॉलीवुड के दो नायाब सितारे छुपे हैं. अगर तस्वीर को देखने के बाद भी आप अंदाजा नहीं लग पा रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि इस फोटो में बीच में शख्स की गोद में बॉबी देओल बैठे हुए हैं और उस शख्स ने जिसके कंधे पर हाथ रखा है, वो सनी देओल हैं. इस तस्वीर में सनी और बॉबी बहुत ही मासूम लग रहे हैं और बॉबी देओल तो सिर्फ निक्कर पहने रोनी सी सूरत बनाए नजर आ रहे हैं.
सनी देओल और बॉबी देओल के वर्कफ्रंट की बात की जाए तो एक तरफ जहां सनी देओल की गदर-2 बड़े पर्दे पर तहलका मचा रही है. तो वहीं, बॉबी देओल भी कुछ ही समय बाद बड़े पर्दे पर धमाकेदार एंट्री करने को तैयार है, जल्द ही उनकी फिल्म एनिमल और हरी हर वीरा मल्लू रिलीज होने वाली है.
भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में अगले महीने जी-20 समिट होने जा रहा है. प्रगति मैदान के कंवेशन सेंटर में 9 से 10 सितंबर तक जी-20 समिट का आयोजन होना है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन G20 समिट के लिए दो दिन पहले 7 सितंबर को भारत पहुंचेंगे. ऐसा पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी प्रेसिडेंट चार दिन भारत में रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी और बाइडेन के बीच दो बार मुलाकात होनी है.
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रेसिडेंट जो बाइडेन G20 समिट शुरू होने से दो दिन पहले 7 सितंबर को ही भारत पहुंच जाएंगे. उनका दौरा चार दिन का होगा. खास बात यह है कि बाइडेन इंडोनेशिया में होने वाली आसियान समिट में शिरकत नहीं करेंगे. आसियान में बाइडेन की जगह वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस शिरकत करेंगी.
विश्व बैंक क्षमता बढ़ाने पर होगी चर्चा
न्यूज़ एजेंसी 'AFP' की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार (22 अगस्त) को एक ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बाइडेन के दौरे के दौरान वैश्विक चुनौतियों से निपटने सहित गरीबी से बेहतर ढंग से लड़ने के लिए विश्व बैंक सहित बहुपक्षीय विकास बैंकों की क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन और जी20 साझेदार वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए चर्चा करेंगे. इसमें स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना, यूक्रेन संघर्ष के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को कम करना शामिल है.
बता दें कि पीएम मोदी ने जून में अमेरिका की राजकीय यात्रा की थी. ये दौरा कई मायनों में अहम रहा. जेट इंजन, ड्रोन खरीद, स्पेस मिशन और भारत में चिप बनाने से जुड़े कई समझौते दोनों देशों के बीच हुए थे.
मौजूद रहेंगे वीवीआईपी?
इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा, चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन सहित कई राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिक शामिल होंगे.
ये ताकतवर देश हैं G20 के सदस्य
यूरोपीय यूनियन को हटाकर G20 में 19 शक्तिशाली देश शामिल हैं. इसमें प्रमुख रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, अर्जेंटीना, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, इंडोनेशिया, रूस, तुर्की, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
G20 समिट में ये देश होंगे मेहमान
इस बार G20 समिट में मेहमानों की लिस्ट में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं. शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने वाले विश्वभर के दिग्गज नेताओं, मिशन के स्वागत और ठहरने के लिए विदेश मंत्रालय ने कुल 35 होटलों को बुक किया है.
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भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय पर यानी शाम 6:04 बजे चंद्रमा पर लैंड करेगा. चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग (Chandrayaan-3 Soft Landing) में 15 से 17 मिनट लगेंगे. इस ड्यूरेशन को '15 मिनट्स ऑफ टेरर' यानी 'खौफ के 15 मिनट्स' कहा जा रहा है. अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल होता है, तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बन जाएगा.
चांद के लिए इतने बड़े मिशन पर खर्च भी काफी ज्यादा होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) का यह मिशन फिल्म Barbie, RRR, Avatar और Oppenheimer जैसी मूवी से भी कम खर्च हुआ. चंद्रयान-3 मिशन को पूरा करने में 700 करोड़ रुपये से भी कम लागत आई है. ये रकम हाल ही में रिलीज हुई फिल्म Oppenheimer के बजट से भी कम है. Oppenheimer फिल्म बनाने में करीब 830 करोड़ रुपये की लागत आई. वहीं, फिल्म Barbie तो चंद्रयान 3 की लागत से करीब दोगुने 1200 करोड़ रुपये में बनी है. चंद्रयान-3 मिशन पर हुए खर्च की बात करें, तो इसरो ने शुरुआती लागत का अनुमान 600 करोड़ रुपये लगाया था. ये मिशन 615 करोड़ रुपये में फाइनल हो गया है. यानी जितनी लागत में धरती पर एक फिल्म बन रही है, उससे कहीं कम लागत में हमारा स्पेसक्राफ्ट चांद पर पहुंच रहा है.
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चीन के मून मिशन से ढाई गुना सस्ता था चंद्रयान-1
अगर बात करें भारत के पिछले दो मून मिशन पर हुए खर्च की, तो चंद्रयान-1 चीन के मून मिशन से ढाई गुना सस्ता था. इस मिशन में कुल 386 करोड़ रुपये (76 मिलियन डॉलर) लगे थे. चंद्रयान-1 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च हुआ था. इसने 28 अगस्त 2009 तक काम किया. चंद्रयान-1 ने ही चांद पर पानी के सबूत दिए थे. इस दौरान चीन के चांग-ई 1 की सलागत 180 मिलियन डॉलर थी.
चंद्रयान-2 की लागत कई हॉलीवुड फिल्मों से भी कम थी
इसके बाद 2019 को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-2 की लागत हॉलीवुड फिल्म अवतार और एवेंचर्स एंडगेम से भी कम थी. इस पूरे मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इसमें 603 करोड़ मिशन की लागत थी और 375 लॉन्चिंग की लागत. हालांकि, ये मिशन फेल हो गया था.
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Hair fall stop tips : क्या आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं. कंघी बालों से भर जा रही है, तो फिर आप यहां बताए जा रहे घरेलू नुस्खे (Gharelu nuskhe) को अपना सकती हैं. यह बेहद ही आसान और असरदार उपाय है. आपको हेडिंग से पता चल ही गया होगा हम देसी घी खाने के बारे में बात करने वाले हैं. तो आपको बता दें कि सिर्फ घी नहीं खाना है बल्कि इसमें आंवला पाउडर और मिश्री भी मिलाना है. अब इन दोनों को कितनी मात्रा में मिलाना है इसके बारे में आगे आर्टिकल में बताएंगे.
इस विटामिन की कमी से चेहरा पड़ जाता है पीला और सिर में बनी रहती है दर्द
आपको 1/2 टेबलस्पून घी, 1/2 आंवला पाउडर और 1/2 मिश्री मिलाकर दिन में 2 बार खाना है. आप कोशिश करें इसको खाली पेट खाने की. ऐसे खाने से इसके लाभ ज्यादा होंगे.
- आपको बता दें कि सफेद तिल में विटामिन, मिनरल्स और फैटी एसिड पाए जाते हैं. यह बालों को चमकदार बनाते हैं. आप इनका इस्तेमाल लड्डू बनाने में भी कर सकती हैं. आप सलाद के रूप में भी खा सकती हैं. इसका एक चम्मच रोस्टेड बीज बहुत लाभकारी होता है बालों के लिए.
- पालक का जूस (Palak juice) भी आप पी सकती हैं. यह भी हेयर ग्रोथ (hair growth) के लिए अच्छा माना जाता है, साथ ही स्किन को भी चमकदार (skin care tips) बनाने का काम करता है. यह शरीर में खून की कमी को भी पूरा करते हैं. इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम और आयरन की भरपूर मात्रा होती है.
- पंपकिन सीड्स भी खा सकती हैं. इसमें जिंक, सेलेनियम, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी पााई जाती है. आप इन्हें सूखाकर रोस्ट करके अपनी स्नैक्स डाइट में शामिल कर सकती हैं.
- जब भी बाल के नुस्खों के बारे में बात होती है तो इसमें सबसे पहला नाम मेथी (methi beej) के बीज का आता है. इसे बालों की ग्रोथ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. आप इन्हें कच्चा, भिगोकर या अंकुरित करके खा सकती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
देश की प्रमुख टूर एंड ट्रैवल एजेंसी थॉमस कुक (Thomas Cook)और रेड एपल ट्रैवेल (Red Apple Travel) के खिलाफ एक मामले में उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (Consumer Disputes Redressal Forum) ने बड़ा एक्शन लिया है. फोरम ने दोनों ट्रैवेल एजेंसियों को दिल्ली के एक शख्स को बतौर हर्जाना 50 लाख रुपये का पेमेंट करने का आदेश दिया. इस शख्स ने दोनों एजेंसियों के जरिए श्रीलंका ट्रिप बुक की थी. हालांकि, ट्रिप के दौरान शख्स के परिवार के साथ एक हादसा हो गया. इसमें उनकी पत्नी, बेटे और ससुर की जान चली गई. फोरम में मामला 4 साल चला. अब ट्रैवेल एजेंसियों को योगेश सहगल को मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है.
कनुपुरिया सहगल एनडीटीवी में पूर्व पत्रकार और एंकर रह चुकी हैं. उनकी दिसंबर 2029 में श्रीलंका में एक फैमिली ट्रिप के दौरान हुए हादसे में मौत हो गई थी. साथ ही उनके बेटे श्रेय सहगल और पिता प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल की भी मौत हो गई. दरअसल, कोलंबो में जिस वैन में वो सवार थे, वो एक कंटेनर ट्रक से टकरा गई थी. इस हादसे में वैन के 52 वर्षीय ड्राइवर की भी मौत हो थी. जबकि कनुपुरिया के पति योगेश सहगल और बेटी ऐश्वर्या सहगल को गंभीर चोटें आईं. दोनों का अस्पताल में लंबा इलाज चला था.
फोरम ने अपने आदेश में कहा, "दूसरी पार्टी (थॉमस कुक और रेड एपल ट्रैवेल) की ओर से उनके द्वारा काम पर रखे गए ड्राइवर की लापरवाही के कारण हादसा हुआ. ऐसे में यह कहकर इसकी जिम्मेदारी और संबंधित दायित्व से बचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि यह केवल बुकिंग थी."
मांगा था 8.99 करोड़ का हर्जाना
सूत्रों ने बताया कि सहगल परिवार ने सर्विस में कमी और लापरवाही, अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और कानूनी कार्यवाही की लागत के लिए थॉमस कुक और रेड एपल ट्रैवेल के खिलाफ फोरम में शिकायत की थी. पीड़ित योगेश सहगल ने एजेंसियों से 8.99 करोड़ का हर्जाना मांगा था.
योगेश सहगल ने की थी ये शिकायत
अपनी शिकायत में योगेश सहगल ने कहा, "वह अपनी पत्नी और बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए, जो दिल्ली में हुआ था. क्योंकि उन्हें कई फ्रैक्चर थे. श्रीलंका के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. बेटी और पति की मौत का उनकी सास पर बहुत गहरा असर पड़ा, क्योंकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम हैं." सहगल ने कहा, "मेरी बेटी गंभीर मानसिक आघात से जूझ रही है. वह सामान्य रूप से चलने में असमर्थ है. उसे रोजमर्रा के काम में दिक्कत आती है."
मुआवजा नहीं देने पर देना होगा 10 लाख एक्स्ट्रा
फोरम ने कहा कि ट्रैवेल एजेंसियों को तीन महीने के भीतर 50 लाख रुपये का मुआवजा "एक साथ या अलग-अलग" देना होगा. अगर उन्होंने ऐसा न किया, तो उन्हें 10 लाख रुपये और देने होंगे.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सोमवार को सेना ने नियंत्रण रेखा (LOC) पर दो आतंकवादियों को मार गिराया और उसकी घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी. थलसेना के प्रवक्ता ने बताया कि, मारे गए आतंकवादियों के शवों को बरामद नहीं किया जा सका, क्योंकि सेना के साथ हुई मुठभेड़ में आई गंभीर चोटों के चलते दम तोड़ने से पहले वे नियंत्रण रेखा के उस पार भागने में सफल रहे.
उन्होंने बताया कि एक एके-47 राइफल, दो मैगजीन, 30 कारतूस, दो हथगोले और पाकिस्तान में निर्मित कुछ दवाइयां बालाकोट सेक्टर के मुठभेड़ स्थल से बरामद की गई है.
जम्मू में तैनात रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि कई एजेंसियों और पुलिस से मिली खुफिया सूचनाओं से एलओसी के उस पार इंतजार कर रहे आतंकवादियों की मौजूदगी का खुलासा हुआ. इन सूचनाओं के आधार पर निगरानी तंत्र को चौकन्ना किया गया.
उन्होंने कहा, "सतर्क सैनिकों ने दो पाकिस्तानी आतंकियों के एलओसी पार कर भारतीय सीमा के अंदर घुसने की कोशिश करने का पता लगाया. उनके आगे बढ़ने पर उन्हें चुनौती दी गई और फिर मुठभेड़ हुई."
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक चौकन्ना हैं और सीमा पार से घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए निगरानी कर रहे हैं.
अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का गर्भ गृह तैयार हो गया है और पहली मंजिल का निर्माण पूरा होने के साथ ही अगले साल मकर संक्रांति के बाद 16 से 24 जनवरी के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. रविवार को यहां पहुंचे राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने संतों से मिलकर उन्हें मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी दी और उन्हें मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का न्योता भी दिया. उन्होंने कहा कि करोड़ों राम भक्तों का सपना अब पूरा होने वाला है और वर्षों चले विवाद के बाद रामलला अब अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले हैं.
राय ने कहा, ‘‘मकर संक्रांति के बाद 16 से 24 जनवरी, 2024 के बीच किसी भी तिथि को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी.'' उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए साधु—संतों को फिलहाल मौखिक निमंत्रण दिया जा रहा है और विधिवत निमंत्रण नवंबर में दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि देश के सभी परंपराओं के साधु-संतों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया जायेगा. मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में उन्होंने संतों को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि गर्भ गृह में रामलला की भव्य मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा का स्थान पूरी तरह से तैयार हो गया है.
उन्होंने कहा कि दोमंजिला मंदिर की पहली मंजिल की छत का काम अस्सी प्रतिशत पूरा हो चुका है. राय ने बताया कि मंदिर में भक्तों के दर्शन के साथ-साथ उसका निर्माण कार्य भी चलता रहेगा और इससे किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने मंदिर के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी चंपत राय को दी है और हमारा मानना है कि उन्हें (चंपत राय) देखने मात्र से ही संतों को भगवान राम के दर्शन हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि सभी साधु संतों और राम को मानने वाले लोगों को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा तथा मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होना चाहिए. महंत पुरी ने उम्मीद जताई कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे और भारत विकास की राह पर आगे बढ़ता रहेगा.
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महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अरब सागर के तट पर डूबती हुई नाव से सात मछुआरों को बचाया गया. भारतीय तटरक्षक बल (ICJ) के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि नाव 17 अगस्त को डूबी थी तथा उसका अवशेष आज सुबह रायगढ़ जिले के दिवेआगर तट पर बहता हुआ पाया गया.
उन्होंने बताया कि घटना गुरुवार को शाम करीब चार बजे दिघी अदगांव के पास उस वक्त हुई थी, जब सात मछुआरों का एक दल अपनी नाव 'बाना सागर' को लेकर समुद्र के भीतर नौ मील तक चला गया था. अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही नाव डूबने लगी, आसपास मौजूद गुजरात के दो ट्रॉलर ने सातों मछुआरों को बचा लिया.
अधिकारी के अनुसार, जब तक तट रक्षक घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक चालक दल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को नाव को नहीं बचाया जा सका था. अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह नाव का अवशेष दिवेआगर के तट पर बहता हुआ पाया गया.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों और कर्मचारियों की दशकों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए दिल्ली प्रशासन अधीनस्थ सेवा (DASS) कैडर के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है. एक कर्मचारी महासंघ ने शनिवार को यह जानकारी दी. डीएएसएस कैडर के अधिकारियों और कर्मचारियों के महासंघ ने एक बयान में कहा कि 1967 में इसके गठन के बाद से कई सरकारी आदेशों के बावजूद डीएएसएस कैडर का पुनर्गठन नहीं किया गया था.
पूर्व में वीके सक्सेना ने इस दिशा में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था.
बयान में कहा गया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी एसबी शशांक और कुलानंद जोशी तथा सेवारत आईएएस अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर की तीन सदस्यीय समिति का गठन इस उद्देश्य के लिए किया गया था. समिति ने समूह ‘ए' के 221 पदों को चिह्नित किया है, जिन्हें डीएएसएस कैडर में शामिल किया जा सकता है.
सेवा विभाग ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को यह प्रस्ताव सौंपा. कुमार ने अपनी सिफारिश के साथ प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सक्सेना को सौंपा. प्रस्ताव में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने अब डीएएसएस कैडर में समूह ‘ए' के 221 पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 23 साल पुराने प्रभात गुप्ता हत्याकांड का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी से जुड़े इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. प्रभात गुप्ता के भाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी को बरी कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के टेनी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा था.
लखीमपुर की निचली अदालत ने अजय मिश्रा टेनी को बरी कर दिया था लेकिन निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी. ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टेनी को बरी किया था
साल 2000 में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी और साल 2004 में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टेनी को बरी किया था. अजय मिश्रा के साथ सुभाष मामा, शशि भूषण, पिंकी और राकेश डालू को भी इस हत्याकांड में हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी.
साल 2000 में प्रभात गुप्ता की उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सरे बाजार घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रभात गुप्ता समाजवादी पार्टी का युवा नेता था. इस हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी समेत चार लोगों को नामजद किया गया था.
साउथ इंडस्ट्री के 'थलाइवा' रजनीकांत की फिल्म 'जेलर' की दुनिया में धूम मची है. रजनीकांत भी अपनी इस फिल्म के प्रमोशन में बिजी हैं. अब शनिवार को मेगास्टार रजनीकांत उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में अपनी ही फिल्म देखेंगे.
हाल ही में मीडिया इंटरैक्शन के दौरान साउथ सुपरस्टार ने इस बात की जानकारी शेयर की है. उनसे पूछा गया कि उनकी फिल्म 'जेलर' बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है. उन्होंने कहा कि वे यूपी आए हुए हैं. शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अपनी फिल्म भी देखने जा रहे हैं. रजनीकांत ने कहा कि उनकी फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर रही है, क्योंकि सब ऊपरवाले की दुआ है.
#WATCH | Actor Rajinikanth arrives in Uttar Pradesh's Lucknow, says, "I will watch the film (Jailor) with the CM". pic.twitter.com/wsBdkosu18
— ANI (@ANI) August 18, 2023
बता दें कि रजनीकांत पॉलिटिक्स में भी पूरी तरह से सक्रिय हैं. इसी के साथ वे फिल्मों में भी लगातार अपनी एक्टिवनेस दिखा रहे हैं.
रजनीकांत की बात करें तो वे 72 साल के हो चुके हैं. उनकी तमिल फिल्म 'जेलर' 10 अगस्त को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज की गई. इस फिल्म को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है. फिल्म ने 8 दिनों में दुनियाभर में 470 करोड़ की कमाई कर ली है. ये आंकड़े अपने आप में ही रजनीकांत की लोकप्रियता और उनकी सक्सेस को बयां कर रहे हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर को लेकर चल रही कानूनी जंग में काफी आगे रहे एक हिंदू संगठन ने विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने के लिए एक खुला पत्र लिखा है. वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर के हो रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण के बीच लिखे गए इस खुले पत्र में हिंदू पक्ष के पैरोकार तथा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी परिसर संबंधी विवाद अदालत के बाहर आपसी सहमति से सुलझाने के वास्ते बातचीत के लिए आमंत्रित किया है.
बिसेन ने कहा कि यह पत्र मामले की मुख्य वादी राखी सिंह की सहमति के बाद हिंदू पक्ष की ओर से जारी किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह मामला आपसी सहमति से सुलझ जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा.'' पत्र में बिसेन ने लिखा है कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष अदालत में अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं जबकि इस लड़ाई का लाभ कुछ असामाजिक तत्व अपने निजी फायदे के लिए उठाना चाहते हैं जो देश और समाज, दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है.
उन्होंने कहा ‘‘ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य है कि अपने देश और समाज की रक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस विवाद का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत के माध्यम से निकालकर एक मिसाल कायम करें.'' पत्र में दोनों पक्षों से बातचीत के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा गया है ‘‘हो सकता है आपसी बातचीत से अदालत के बाहर कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल जाए. ''
इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से पत्र मिला है जिसे कमेटी की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘कमेटी के सदस्यों का जो भी फैसला होगा, वह मान्य होगा.'' हिंदू पक्ष के एक अन्य अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सनातन धर्मी काशी में भालेनाथ की एक इंच भूमि से भी समझौता नहीं करेंगे. यही हो सकता है कि मुसलमान क्षमा मांगे और अपना अवैध कब्जा हटा लें.''
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय को यह स्वीकार करना चाहिए कि वाराणसी में ज्ञानवापी स्थल पर ‘एक ऐतिहासिक गलती' हुई थी और एक ‘समाधान' प्रस्तावित करना चाहिए. आदित्यनाथ ने मीडिया को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था, “अगर हम इसे मस्जिद कहते हैं, तो विवाद पैदा हो जाएगा. हमें इसे ज्ञानवापी कहना चाहिए. यह ज्ञानवापी है. मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है?”
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कहा कि तमिलनाडु में गिरफ्तार किए गए मंत्री वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी के बैंक खातों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनमें बड़े पैमाने पर नकदी जमा हुई है. केन्द्रीय एजेंसी ने राज्य के परिवहन विभाग में कथित नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग के मामले में डीएमके नेता बालाजी के खिलाफ कुछ ही दिन पहले आरोपपत्र दाखिल किया है.
ईडी ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने चेन्नई की एक विशेष अदालत में 12 अगस्त को धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया और जिसने बुधवार को इस पर संज्ञान लिया.
करीब 3,000 पृष्ठ के आरोपपत्र में एजेंसी ने आरोप लगाया है कि बालाजी (47) ने (पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में) तमिलनाडु के परिवहन मंत्री के आधिकारिक पद का अपने भाई आरवी अशोक कुमार और निजी सहायकों बी शन्मुगम और एम कार्तिकेयन के साथ मिलकर दुरुपयोग किया और उनके तथा राज्य परिवहन निगमों (एसटीयू) के तत्कालीन प्रबंध निदेशकों और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा.
एजेंसी ने दावा किया है कि परिवहन निगमों में वाहन चालक, कंडक्टर, कनिष्ठ सहायक, कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता के पदों पर नियुक्ति के लिए आरोपी ने अभ्यर्थियों से अवैध तरीके से लाभ प्राप्त किए.
केन्द्रीय एजेंसी ने कहा, ‘‘ईडी की जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट के विश्लेषण से पता चलता है कि आरोपी वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी एस मेगला के बैंक खातों में बड़े पैमाने पर नकदी जमा हुई है.'' ईडी ने आरोप लगाया है, ‘‘ईडी ने अपराध से प्राप्त राशि के उपयोग और ‘धन के बदले नौकरी' घोटाला के कामकाज के तरीकों और साठगांठ के संबंध में ठोस साक्ष्य एकत्र किए हैं.''
ईडी ने कहा कि बालाजी से इन ‘‘ठोस साक्ष्यों के आधार पर जिरह की गई और वह उनका खंडन करने में असफल रहे और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए, इतना ही नहीं उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया.''
चेन्नई के पुझल केन्द्रीय कारागार में बंद बालाजी अब भी मुख्यमंत्री एमके स्टालिन नीत तमिलनाडु सरकार में बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं. ईडी ने धन शोधन के मामले में उन्हें 14 जून को गिरफ्तार किया था.
स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में लाइफ एक्सपेक्टेंसी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के...