Tuesday, October 31, 2023

विधेयकों को मंजूरी मिलने में देरी को लेकर पंजाब, तमिलनाडु की सरकारें पहुंची सुप्रीम कोर्ट 

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तमिलनाडु (Tamil Nadu) और पंजाब (Punjab) की सरकारों ने उनकी विधानसभाओं से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में संबद्ध राज्यपालों के देर करने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का रुख किया है. तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि की (राज्य में) एम. के. स्टालिन नीत द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की भगवंत मान नीत आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के साथ तकरार चल रही है. 

तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष न्यायालय से विषय में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि ‘‘एक संवैधानिक प्राधिकार बाहरी कारणों से'' राज्य सरकार के कामकाज में ‘‘असंवैधानिक तरीके से व्यवधान'' डाल रहा है. 

इसने अधिवक्ता सबरीश सुब्रमण्यम के मार्फत दायर की गई याचिका में कहा, ‘‘असाधारण परिस्थितियां असाधारण उपायों की मांग करती हैं.''

तमिलनाडु सरकार ने कहा, ‘‘ यह घोषणा करें कि तमिलनाडु राज्य विधानमंडल द्वारा पारित और मंजूरी के लिए भेजे गए विधेयकों पर राज्य के राज्यपाल/प्रथम प्रतिवादी द्वारा संवैधानिक आदेश का पालन करने में निष्क्रियता, चूक, देरी और विफलता असंवैधानिक, अवैध, मनमाना, अनुचित और शक्ति का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल है.''

राज्य सरकार ने कहा कि उसके द्वारा उनके (राज्यपाल के) हस्ताक्षर के लिए भेजी गई फाइलें एवं सरकारी आदेश पर विचार नहीं किये जाने को भी असंवैधानिक और अवैध घोषित किया जाए.

दोनों याचिकाएं 28 अक्टूबर को दायर की गईं. पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका का विवरण अभी उपलब्ध नहीं हुआ है. 

पंजाब के राज्यपाल ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित 27 में से 22 विधेयकों को मंजूरी दी है. 

हाल में, तीन धन विधेयकों को राज्यपाल पुरोहित की पूर्व मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन उन्होंने सहमति रोक ली. इसके चलते विधानसभा के विशेष सत्र को स्थगित करना पड़ा था और मुख्यमंत्री मान ने बयान दिया कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. 

इन विधेयकों का प्रस्ताव राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में आप सरकार ने किया था. 

वहीं, तमिलनाडु सरकार ने याचिका में कहा है कि राज्य विधानसभा द्वारा पारित 12 विधेयक राज्यपाल रवि के पास लंबित हैं. 

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Nita and Isha Ambani dazzle in glamorous outfits at Jio World Plaza opening. Pics

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Monday, October 30, 2023

पैपराजी को पोज देने के चक्कर में गिरते-गिरते बचीं गौहर खान, वीडियो हुआ वायरल

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गौहर खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उनके साथ एक एक्सिडेंट होते होते बचा. अगर वो जरा भी इधर-उधर चोट भी आ सकती थी लेकिन वो समय पर संभल गईं और इस वजह से एक्सिडेंट भी टल गया. दरअसल वो शूटिंग के लिए सेट पर थीं और काम खत्म करके वैनिटी वैन की तरफ जा रही थीं. वहां पैपराजी भी मौजूद थे और उन्हें जाता हुआ देख तस्वीरें क्लिक करने लगे. गौहर पैपराजी से बात करते हुए पीछे देखते हुए चल रही थीं इतने में अचानक हील्स की वजह से उनका पैर डिस्बैलेंस हुआ...लेकिन गौहर ने बड़े ही तरीके से खुद को संभाल लिया और गिरने से बच गईं.

उन्हें देखकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए क्योंकि हर किसी को यही डर था कि कहीं वो गिर ना जाएं. इस वीडियो को पैपराजी ने ऊप्स मोमेंट के तौर पर शेयर किया. इस पर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, ये बहुत ही नॉर्मल है. सबके साथ होता है...इसमें ऊप्स वाली क्या बात हुई. एक ने लिखा, लोग ऐसे कमेंट कर रहे हैं जैसे कि खुद कभी बैलेंस बिगड़ा ही ना हो. एक ने लिखा, क्या ये पोस्ट जरूरी थी ?

वर्कफ्रंट पर बात करें तो गौहर खान हाल में टाइगर श्रॉफ की गणपथ में नजर आई थीं. इसके अलावा साल 2022 में वो बेस्टसेलर, साल्टसिटी और शिक्षा मंडल नाम की वेब सीरीज में नजर आई थीं. पर्सनल लाइफ की बात करें तो गौहर खान ने साल 2020 में इस्माइल दरबार से शादी की और साल 2023 में इस कपल के घर गुड न्यूज आई और गौहर ने एक बेटे को जन्म दिया.



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Tunnels built to protect our fighters, not civilians: Hamas official

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Sunday, October 29, 2023

Caught on camera: Stuntman crushed to death under tractor wheels at Punjab fair

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Saturday, October 28, 2023

मुंबई : लगभग छह दशक के बाद अब सड़कों पर नहीं चलेंगी काली-पीली पद्मिनी टैक्सी

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पिछले कई दशकों से अगर कोई देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) के बारे में सोचता था, तो उसके मन में शहर की ‘प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी की तस्वीर जरूर उभरती थी. आम लोगों के लिए दशकों से सवारी का सुगम साधन बनी इस टैक्सी सेवा को ‘काली-पीली' के तौर पर जाना जाता था, जो इसके रंग को दर्शाता है. शहरवासियों का इस टैक्सी सेवा से गहरा जुड़ाव रहा है और अब लगभग छह दशक के बाद इसकी ‘‘यात्रा'' समाप्त होने जा रही है. नये मॉडल और ऐप-आधारित कैब सेवाओं के बाद ये काली-पीली टैक्सी अब मुंबई की सड़कों से हट जाएंगी. हाल में सार्वजनिक ट्रांसपोर्टर ‘बेस्ट' की प्रसिद्ध लाल डबल-डेकर डीजल बसों के सड़कों से हटने के बाद अब काली-पीली टैक्सी भी नजर नहीं आएंगी. 

परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आखिरी ‘प्रीमियर पद्मिनी' को 29 अक्टूबर, 2003 को तारदेव आरटीओ में एक काली-पीली टैक्सी के रूप में पंजीकृत किया गया था. चूंकि, शहर में कैब संचालन की समय सीमा 20 साल है, ऐसे में अब सोमवार से मुंबई में आधिकारिक तौर पर ‘प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी नहीं चलेगी. 

मुंबई की आखिरी पंजीकृत प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी (एमएच-01-जेए-2556) की मालिक प्रभादेवी ने कहा, ‘‘ये मुंबई की शान है और हमारी जान है.''

वहीं, कुछ लोगों ने मांग की है कि कम से कम एक ‘प्रीमियर पद्मिनी' को सड़क पर या संग्रहालय में संरक्षित किया जाए.

पुरानी टैक्सी कार के शौकीन डैनियल सिकेरा ने कहा कि ये मजबूत टैक्सी पांच दशकों से अधिक समय से शहर के परिदृश्य का हिस्सा रही हैं और पिछली कई पीढ़ियों से इनसे भावनात्मक जुड़ाव रहा है. 

कुछ साल पहले, शहर के सबसे बड़े टैक्सी चालक संघ में शुमार ‘मुंबई टैक्सीमेन यूनियन' ने सरकार से कम से कम एक काली-पीली टैक्सी को संरक्षित करने के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. 

परेल निवासी और कला प्रेमी प्रदीप पालव ने कहा कि आजकल ‘प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी केवल मुंबई में दीवारों पर भित्तिचित्रों में देखी जा सकती हैं. 

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह धीरे-धीरे गायब हो गयी हैं, लेकिन इसने लोगों के दिलों में जगह बना ली है.''

‘मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन' के महासचिव एएल क्वाद्रोस ने याद किया कि टैक्सी के रूप में ‘प्रीमियर पद्मिनी' की यात्रा 1964 में ‘फिएट-1100 डिलाइट' मॉडल के साथ शुरू हुई थी. 

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Israel-Hamas War: भारत के UNGA में मतदान न करने पर विपक्ष आक्रामक, BJP ने किया पलटवार

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Israel-Palestine Conflict: कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से भारत के दूर रहने को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत के पुराने रुख के खिलाफ चली गई है. दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने सही कदम उठाया है और भारत कभी आतंकवाद के पक्ष में खड़ा नहीं हो सकता.

भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘आम नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखने' शीर्षक वाले जॉर्डन के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा. इस प्रस्ताव में इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष-विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था.

संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने उस प्रस्ताव को अपनाया, जिसमें तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष-विराम का आह्वान किया गया है, ताकि शत्रुता समाप्त हो सके.

मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं : प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर किए अपने पोस्ट में महात्मा गांधी के उस कथन का उल्लेख किया कि 'आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है.' उन्होंने कहा, 'मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा.''

प्रियंका गांधी ने कहा, 'हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी. इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया. ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं. वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है.'

उन्होंने कहा, 'जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फिलिस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, तब रुख अपनाने से इनकार करना और चुपचाप देखना गलत है.'

प्रियंका ने कहा कि यह उन सभी चीजों के विपरीत है, जिनके लिए एक राष्ट्र के रूप में भारत हमेशा खड़ा रहा है.

भारत कभी भी आतंकवाद के पक्ष में नहीं होगा : मुख्तार अब्बास नकवी

प्रियंका गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जो लोग “शर्मिंदा और स्तब्ध” हैं, उन्हें इसका एहसास होना चाहिए कि भारत कभी भी आतंकवाद के पक्ष में नहीं होगा.

पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘भारत के वोट को लेकर स्पष्ट रूप से बताया गया है. इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर हमारी स्थिति दृढ़ और तर्कसंगत है. जो लोग आतंक का साथ देना चुनते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं....''

उन्होंने प्रियंका गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जो लोग आपको राहुल गांधी से 'बेहतर' दिखाने की कोशिश में हैं, वे आपको मूर्ख बना रहे हैं.'

मतदान में भारत की अनुपस्थिति चौंकाने वाली

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि गाजा में संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान से भारत का अनुपस्थित रहना 'चौंकाने वाला' है और यह दर्शाता है कि भारतीय विदेश नीति अब ‘‘अमेरिकी साम्राज्यवाद के अधीनस्थ सहयोगी होने'' के रूप में आकार ले रही है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ने ‘गाजा में इस नरसंहार आक्रामकता को रोकें' शीर्षक वाले बयान में कहा कि भारत का यह कदम फिलिस्तीन मुद्दे को उसके लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को नकारता है.

पीएम मोदी इंसानियत को बचाने में अपनी भूमिका निभाएं : बसपा

बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने भारत सरकार के रुख की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इंसानियत को बचाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि भारत मज़लूमों को उनके हाल पर छोड़ देगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मानवता के मूल सिद्धांतों के साथ रहकर दुनिया में हमारी विशेष पहचान की रक्षा करने और गाज़ा में तड़पते बच्चों और डूबती इंसानियत को बचाने में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह करता हूं.''

इजराइल-हमास संघर्ष संबंधी प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहे भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि आतंकवाद ‘‘हानिकारक'' है और उसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं है तथा दुनिया को आतंकवादी कृत्यों को जायज ठहराने वालों की बातों को तवज्जो नहीं देनी चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने मतदान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसी दुनिया में जहां मतभेदों और विवादों को बातचीत से हल किया जाना चाहिए, इस प्रतिष्ठित संस्था को हिंसा का सहारा लेने की घटनाओं पर गहराई से चिंतित होना चाहिए.

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शोले में ‘डबल रोल’ में था ये बच्चा, एक फिल्म की वजह से की सुपरस्टार एक्ट्रेस से शादी...पहचाना क्या?

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शोले मूवी का एक एक किरदार और हर किरदार का सिग्नेचर डायलोग फैन्स आज भी नहीं भूल सके हैं. इस फिल्म का छोटा सा भी कैरेक्टर क्यों न हो, उसकी यादें आज भी तरोताजा हैं. फिर वो चाहें सांबा का किरदार हो, कुछ देर के लिए स्क्रीन पर दिखीं मौसी हो या फिर गोली से बचने के बाद हंसने वाला कालिया ही क्यों न हो. इसी फिल्म में ये बच्चा भी नजर आया था, जिसने फिल्म में ट्विस्ट लाने वाले बेहद अहम किरदार को अदा किया. फिल्म में इस बच्चे ने दोहरी भूमिका भी निभाई लेकिन फैन्स को आज तक उसका सिर्फ एक ही रोल याद है. इस तस्वीर को देखकर आपने पहचाना कि कौन है ये बच्चा.

शोले में डबल रोल

आप ये जरूर सोचेंगे कि फिल्म में ऐसा कोई किरदार था ही नहीं जिसने डबल रोल किया हो. लेकिन ये बच्चा वाकई डबल रोल में था. अगर आप अब तक नहीं पहचाने तो हम बता दें कि ये बच्चा है सचिन पिलगांवकर जो शोले मूवी में अहमद के रोल में दिखा था, जिसका डाकू बेरहमी से कत्ल करते हैं. खुद सचिन पिलगांवकर एक रियलिटी शो में ये जानकारी दे चुके हैं कि फिल्म में वो डबल रोल में थे, जिसमें से एक कैमरे के आगे था और एक पर्दे के पीछे. अहमद का रोल करने वाले सचिन पिलगांवकर ने फिल्म में एडिटिंग का भी काम किया है. वो डायरेक्टर रमेश सिप्पी की कुर्सी के पीछे बैठकर इस विधा को गहराई से समझते थे और उसके बाद ये काम भी किया.

एक्ट्रेस को किया प्रपोज

सचिन पिलगांवकर का नाम हिंदी और मराठी सिनेमा दोनों के लिए जाना माना है. वो मराठी सिनेमा के डायरेक्टर और प्रड्यूसर भी हैं. नवरी मिले नवरिआला में उन्होंने सुप्रिया को काम करने का मौका दिया. फिल्म के दौरान ही उन्हें सुप्रिया पसंद आने लगीं लेकिन प्रपोज किया फिल्म पूरी होने के बाद. सचिन पिलगांवकर को ये डर था कि सुप्रिया कहीं उन्हें इंकार कर फिल्म अधूरी ही न छोड़ दें. सुप्रिया ने तो सचिन पिलगांवकर का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया लेकिन उनके माता पिता नहीं माने. जब सचिन पिलगांवकर ने उन्हें यकीन दिलाया कि वो नदिया के पार में काम कर चुके हैं तब जाकर बात बनी.



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भोपाल गैस त्रासदी पर बनी The Railway Men के टीजर ने उड़ाए होश, माधवन, केके मेनन, बाबिल को देख लोग बोले- इसे कहते हैं कास्टिंग

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दुनिया में सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल त्रासदियों में से भोपाल गैस त्रासदी एक है. इस त्रासदी के बारे में जिसने भी सुना उसकी रूह कांप गई. 2 दिसंबर 1984 में हुए इस हादसे में दो हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. भोपाल के एक केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक होने से आसपास के इलाकों में यह फैल गई थी. ये Methyl isocyanate (MIC) गैस थी, जिससे 6 लाख कर्मचारियों और शहर के लोगों को नुकसान पहुंचा था. ऐसे में अब इस हादसे पर नेटफ्लिक्स पर एक सीरीज आ रही है, जिसमें इस त्रासदी को दिखाया जाएगा. इस सीरीज का नाम है 'द रेलवे मेन', जिसमें आर माधवन लीड रोल में होंगे.

सीरीज में शहर के उन अनजाने लोगों को दिखाया जाएगा, जिन्होंने मुसीबत के वक्त शहर के हजारों लोगों तक मदद पहुंचाई थी. इस सीरीज के टीजर को रिलीज़ कर दिया गया है, जो लोगों को बहुत पसंद आ रहा है. टीजर को देखने के बाद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं. द रेलवे मेन टीजर की शुरुआत केमिकल फैक्ट्री से होती है. प्रेशर ज्यादा होने की वजह से पाइप फट जाता है और गैस फैलने लगती है. आर माधवन कहते हैं, "एक हादसा हुआ है. बड़ा हादसा. पुराने भोपाल में एक केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक हुआ है. शहर का गला घोंट रहा है. इस वक्त भोपाल जंक्शन रेलवे के नक्शे से गायब हो चुका है". माधवन सीरीज में सेन्ट्रल रेलवे के जीएम रह चुके रति पांडे का रोल निभा रहे हैं.

ट्रेलर में केके मेनन भोपाल के जंक्शन मास्टर और बाबिल खान लोकोमोटिव पायलट के रोल में नजर आ रहे हैं. मिर्जापुर में मुन्ना भैया बने दिव्येंदु शर्मा भी सीरीज का हिस्सा हैं. सीरीज के टीजर में सभी अपनी जान बचाकर भगा रहे लोगों की मदद करते दिख रहे हैं. टीजर का बैकग्राउंड म्यूजिक दमदार है. टीजर से साफ है कि सीरीज शानदार होने वाली है. डायरेक्टर शिव रवैल की द रेलवे मेन नेटफ्लिक्स पर 18 नवंबर को रिलीज होगी.



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Friday, October 27, 2023

कनाडा ने ग्लोबल स्टूडेंट्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस में किया बदलाव

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कनाडा (Canada) ने दुनिया भर से कनाडा जाने वाले छात्रों (Students) को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कई उपायों का ऐलान किया है. इसके लिए किए गए प्रमुख बदलाव किए गए हैं. अब पोस्ट-सेकेंडरी डिजेगनेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशनों (DLI) को एक दिसंबर से शुरू होने वाले स्टडी परमिट (Study Permit) जारी करने से पहले एक नई वेरिफिकेशन प्रोसेस के जरिए प्रत्येक आवेदक के स्वीकृति पत्र की पुष्टि करने की जरूरत होगी.

कनाडा सरकार ने एक बयान में कहा है कि देश अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक टॉप डेस्टिनेशन च्वाइस है, लेकिन उन्हें कनाडा के इंटरनेशनल स्टूडेंट प्रोग्राम में कुछ गंभीर चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है.

कनाडा की ओर से यह घोषणा भारत द्वारा यात्रा दस्तावेज की चार श्रेणियों में छात्रों के लिए वीज़ा फिर से खोलने के कुछ दिनों बाद की गई है. खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कनाडा की कथित निष्क्रियता के कारण संबंधों में खटास आने के बाद भारत ने कनाडा से वीजा सेवाएं बंद कर दी थीं.

कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने एक बयान में कहा कि नई प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उन समस्याओं से बचने में मदद करेगी जिनका सामना कुछ ने इस साल की शुरुआत में धोखाधड़ी की जांच किए जाने पर किया था. इसके जरिए अब यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्टडी परमिट केवल वास्तविक स्वीकृति पत्रों के आधार पर जारी किए जाएं.

साल 2024 में समाप्त होने वाले सेमेस्टर के समय आईआरसीसी पोस्ट-सेकेंडरी डीएलआई को लाभ पहुंचाने के लिए एक "मान्यता प्राप्त संस्थान" फ्रेमवर्क को अपनाएगा. इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सेवाओं, समर्थन और नतीजों के लिए उच्च मानक निर्धारित किए जाते हैं. कनाडाई सरकार ने कहा, इन डीएलआई को जोड़ने से लाभ होगा. 

कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासन पत्र जारी किए थे. इनमें से ज्यादातर छात्र पंजाब से थे. उनके कनाडाई विश्वविद्यालयों में एडमीशन के लिए प्रवेश पत्र फर्जी थे.

अधिकांश छात्र 2018 में कनाडा पहुंचे थे. हालांकि दावा किया गया कि फर्जी पत्रों का मुद्दा पांच साल बाद ही सामने आया जब उन्होंने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया.

यह मुद्दा कनाडाई संसद में भी गूंजा था. वहां प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उनका ध्यान "दोषियों की पहचान करने पर है न कि पीड़ितों को दंडित करने पर." 



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PAK vs SA: Pakistan lose 4 consecutive World Cup matches for the first time

\ PAK vs SA Pakistan lose consecutive World Cup matches for the first time

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Thursday, October 26, 2023

निर्वाचन आयोग ने सरकार से चुनावी राज्यों में 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' नहीं निकालने को कहा

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चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को सरकार को केंद्रीय योजनाओं और पहलों को प्रमुखता से रेखांकित करने के लिए प्रस्तावित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा' पांच दिसंबर तक पांच चुनावी राज्यों में नहीं निकालने को कहा. राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को भेजे पत्र में चुनाव आयोग ने सरकार से चुनावी राज्यों तथा उपचुनाव वाले नगालैंड के तापी निर्वाचन क्षेत्र में ‘जिला रथ प्रभारियों' की नियुक्ति भी नहीं करने को कहा है.

आयोग ने कहा, ‘‘ आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि मंत्रालयों को एक पत्र भेजकर उनसे 20 नवंबर, 2023 से प्रस्तावित विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष अधिकारी के तौर पर ‘जिला रथ प्रभारी नामित करने को कहा गया है.'' उसने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा की जा  उसने कहा, ‘‘.. आयोग ने निर्देश दिया है कि उन निर्वाचन क्षेत्रों में उपरोक्त गतिविधियां नहीं की जानी चाहिए जहां आदर्श आचार संहिता पांच दिसंबर, 2023 तक प्रभाव में है.''

सरकार ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि चुनावी राज्यों में यह यात्रा नहीं जाएगी. नसूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्वा चंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव वाले राज्यों में जहां आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' शुरू करने की कोई योजना नहीं है. चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता हटने पर यात्रा शुरू की जाएगी.'' चंद्रा ने कहा, ‘‘अब से, हम सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) वैन के लिए 'रथ' शब्द का उपयोग नहीं करेंगे.'' उन्होंने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सरकारी अधिकारियों को राजनीतिक अभियान के लिए लगाया जा रहा है.

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जीवनसाथी के जीवित होने पर दूसरी शादी के लिए पहले अनुमति लेनी होगी: असम सरकार

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असम सरकार ने अपने कर्मचारियों को जीवनसाथी के जीवित रहने पर किसी अन्य से शादी करने से रोक दिया है और दूसरा विवाह करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. कार्मिक विभाग के कार्यालय पत्र में कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि पति या पत्नी जीवित है तो किसी अन्य से शादी करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी. इसमें तलाक के मानदंड के बारे में उल्लेख नहीं किया गया है. पत्र में कहा गया, ‘‘कोई भी सरकारी कर्मचारी, जिसकी पत्नी जीवित है, सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगा, भले ही उस पर लागू होने वाले पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी की अनुमति हो.''

पत्र में कहा गया है कि इसी तरह, कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी जिसका पति जीवित है, सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. अधिसूचना कार्मिक अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज वर्मा ने 20 अक्टूबर को जारी की थी, लेकिन बृहस्पतिवार को इसका पता चला. इसमें कहा गया है कि दिशानिर्देश असम सिविल सेवा (आचरण) नियमावली 1965 के नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार जारी किए गए हैं.

आदेश में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त प्रावधानों के संदर्भ में, अनुशासनात्मक प्राधिकारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति सहित जुर्माना लगाने के लिए तत्काल विभागीय कार्यवाही शुरू कर सकता है.'' आदेश में इस तरह की प्रथा को एक सरकारी कर्मचारी की ओर से घोर कदाचार करार दिया गया, जिसका समाज पर बड़ा असर पड़ता है. कार्यालय पत्र में अधिकारियों से ऐसे मामले सामने आने पर आवश्यक कानूनी कदम उठाने के लिए कहा गया है.
 

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Wednesday, October 25, 2023

गाजावासियों के दक्षिण में पनाह लेने के बाद वहां बम क्यों बरसा रहा इजरायल?

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इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas)के बीच 19 दिनों से जंग (Israel Palestine Conflict) चल रही है. 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ कुछ मिनटों में 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे थे. हमास के लड़ाकों ने सुरंगों के जरिए जमीनी हमले भी किए. इसके बाद से इजरायल गाजा पट्टी (Gaza City) पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है. इजरायल ने गाजा पट्टी में घुसकर हमास (Hamas) के ठिकानों को खत्म करने की बात कही है. इसके लिए गाजावासियों को वहां से दक्षिण गाजा में शिफ्ट होने को कहा गया था. हमलों के डर से ज्यादातर नागरिक दक्षिण गाजा चले भी गए हैं, ताकि महफूज रह सके. लेकिन इजरायल अब दक्षिण गाजा पर भी हमले कर रहा है. 

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली वॉरशिप ने दक्षिणी गाजा में ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं. इससे वहां से पनाह लिए हुए लोगों में डर फैल गया है कि वे दक्षिण गाजा में भी उतने ही असुरक्षित हैं, जितने कि उत्तर में अपने घरों में थे. 

गाजावासियों को दक्षिण की ओर जाने के लिए कहने के बाद से इजरायली सेना (IDF) ने पूरे क्षेत्र में हमास के ठिकानों पर बमबारी की. गाजा में अधिकारियों का कहना है कि 7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायली हमलों के बाद से 6546 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

25 अक्टूबर से तेज हुई बमबारी
गाजावासियों ने कहा कि 25 अक्टूबर को दक्षिण गाजा में बमबारी तेज हो गई. एक हमले में मिस्र की सीमा से लगभग 10 किमी (6 मील) दूर खान यूनिस में कई अपार्टमेंट तबाह हो गए. इस बीच इजरायली सेना ने कहा है कि भले ही हमास का पावर सेंटर गाजा सिटी में है, फिर भी यह पूरे इलाके में नागरिक आबादी के बीच फैला हुआ है.

इजरायल ने एक दिन में हिट किए 400 टारगेट्स
इजरायल ने खुद माना है कि उसने एक दिन में 400 टारगेट्स हिट किए. खान यूनिस इलाके में एक गैस स्टेशन को तबाह कर दिया गया. हालांकि, इजरायल की तरफ से सिर्फ 47 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है.

इजरायली सेना ने पिछले बयानों को दोहराते हुए कहा, "जहां भी हमास का टारगेट होगा, IDF हमास की आतंकवादी क्षमताओं को नाकाम करने के लिए हमला करेगा. हम इन हमलों में नागरिकों के नुकसान को कम करने के लिए संभावित सावधानी भी बरत रहे हैं."

हमास लड़कों के घर वैलिड टारगेट
इजरायली सेना ने कहा है कि जिन घरों में आतंकवादी रहते हैं, वे "वैलिड टारगेट" हैं. भले ही उनके साथ गाजा के नागरिक भी रहते हों. इजरायली वायु सेना के एक सीनियर अधिकारी ने हाल ही में एक ब्रीफिंग में कहा, "तथाकथित प्राइवेट होम दरअसल प्राइवेट होम नहीं हैं."

इजरायल ने उत्तरी गाजा खाली करने का आदेश क्यों दिया?
इजरायली सेना ने 12 अक्टूबर को गाजावासियों के लिए फरमान जारी किया था. इजरायल ने कहा कि गाजा की 2.3 मिलियन (23 लाख) आबादी में लगभग आधी आबादी को यहां से दक्षिण में महफूज जगह पर चले जाना होगा. इसके लिए लोगों को 24 घंटे की डेडलाइन दी गई थी. 

सैन्य प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने बाद में कहा: "हम गाजा शहर में महत्वपूर्ण सैन्य गतिविधि के लिए क्षेत्र तैयार कर रहे हैं. यह अगला चरण है. इसलिए हम नागरिकों से गाजा नदी के दक्षिण में जाने के लिए कह रहे हैं."

सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक और टैंकर तैनात 
इजरायल ने गाजा के साथ सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक और टैंकर तैनात कर दिए हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इजरायल जल्द ही जमीनी हमले शुरू करेगा. इससे पहले 18 अक्टूबर को इजरायली सेना ने गाजा के निवासियों से दक्षिणी गाजा के तट पर अल मवासी में मानवीय क्षेत्र कहे जाने वाले इलाके को खाली करने को कहा.

इजरायल ने 22 अक्टूबर को दोबारा चेतावनी दी कि उत्तर में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी संगठन के समर्थकों के रूप में पहचाना जा सकता है.

अब तक कितने लोग गाजा से दक्षिण की ओर चले गए हैं?
हमास ने फिलिस्तीनियों से इजरायल की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करने का आग्रह किया था. फिर भी कई लोग अपना घर-बार छोड़कर दक्षिण की ओर जा रहे हैं. कई लोग चले गए हैं. अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों का कहना है कि उत्तर से दूर लोगों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ है. 

मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने 24 अक्टूबर को अनुमान लगाया कि गाजा के भीतर 1.4 मिलियन (14  लाख) से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. मिस्र और इजरायल दोनों के साथ गाजा की सीमा बंद कर दी गई है, जिससे निवासी प्रभावी रूप से एन्क्लेव के अंदर फंस गए हैं.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए कुछ ही घंटे देना खतरनाक और बेहद परेशान करने वाला था. कई पश्चिमी सरकारों ने गाजा बॉर्डर पर फंसे हुए नागरिकों के लिए ह्यूमन कॉरीडोर खोलने की अपील की. अरब देशों ने इजरायल से युद्ध रोकने की गुजारिश भी की है.


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Tuesday, October 24, 2023

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Monday, October 23, 2023

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Sunday, October 22, 2023

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Saturday, October 21, 2023

‘युद्ध रोको, गाजा में बच्चे बड़ी तादाद में मर रहे’: UNDP, UNFPA, WFP और WHO की अपील

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संयुक्त राष्ट्र और मिस्र के रेड क्रिसेंट से 20 ट्रकों में जीवन रक्षक सामान की पहली सीमित खेप शनिवार को राफा क्रॉसिंग से गुजरकर गाजा में प्रवेश कर गई. यह सामान उन हजारों नागरिकों में से कुछ को जीवनदान देगा जिनको इसकी तत्काल जरूरत है और जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. वे लोग पानी, भोजन, दवा, ईंधन जैसी जरूरी चीजों से वंचित हैं. 

यूएनडीपी (UNDP), यूएनएफपीए (UNFPA),यूनिसेफ (UNICEF),डब्ल्यूएफपी (WFP) और डब्ल्यूएचओ (WHO) ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि, यह केवल एक छोटी सी शुरुआत है और अभी काफी राहत की जरूरत है. गाजा में 16 लाख से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है. बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग सबसे अधिक असुरक्षित हैं. गाजा की लगभग आधी आबादी बच्चों की है.

गाजा में दो सप्ताह से निरंतर जारी बमबारी से शेल्टर, स्वास्थ्य सुविधाओं सहित बहुत सारा पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गया है. बीमारियों के प्रकोप और स्वास्थ्य देखभाल की क्षमता में कमी के कारण मृत्यु दर बढ़ रही है.

उक्त अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कहा है कि, अस्पताल घायलों और मृतकों से भरे हुए हैं. नागरिकों को जरूरी खाद्य सामग्री हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पतालों के पास अब फ्यूल नहीं है और वे स्थानीय स्तर पर प्राप्त ईंधन की छोटी मात्रा पर चल रहे हैं. बचाखुचा फ्यूल अगले एक-दो दिन में ख़त्म हो जाने की आशंका है. जल आपूर्ति क्षमता सामान्य स्तर के मुकाबले सिर्फ पांच प्रतिशत है. कमजोर लोग सबसे ज़्यादा ख़तरे में हैं और बच्चे की मौत की दर चिंताजनक है. उन्हें सुरक्षा, भोजन, पानी और स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार से वंचित किया जा रहा है.

लोग खाना पकाने या सुरक्षित रूप से भोजन खरीदने में असमर्थ

मौजूदा संघर्ष से पहले गाजा में फिलिस्तीन की करीब एक-तिहाई आबादी खाद्य असुरक्षा से प्रभावित थी. आज दुकानों में स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है और बेकरियां बंद हो रही हैं. हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और खाना पकाने या सुरक्षित रूप से खाना खरीदने में असमर्थ हैं.

संगठनों ने कहा है कि, हम पूरे गाजा में तत्काल अप्रतिबंधित मानवीय पहुंच के साथ-साथ एक मानवीय युद्धविराम का आह्वान करते हैं, ताकि मानवीय कार्यकर्ताओं को जरूरतमंद नागरिकों तक पहुंचने, जीवन बचाने और आगे की मानवीय पीड़ा को रोकने की इजाजत मिल सके. मानवीय सहायता बड़े पैमाने पर और निरंतर मिलनी चाहिए. 

स्वास्थ्य देखभाल के लिए सुरक्षा का आह्वान

संगठनों ने कहा है कि, हम पानी, भोजन, स्वास्थ्य  (यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सहित) और ईंधन की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति का आह्वान करते हैं. यह आवश्यक सेवाओं के लिए जरूरी है. हम गाजा में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं सहित सभी नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा का आह्वान करते हैं.

संगठनों ने कहा है कि, हम गाजा में मानवतावादी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का आह्वान करते हैं जो दूसरों की सेवा में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. और हम सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का अत्यधिक सम्मान करने का आह्वान करते हैं. 



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विवेक रामास्वामी ने अमेरिका में इजराइल की तरह आयरन डोम रक्षा प्रणाली की जरूरत जताई

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अमेरिका (US) में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा है कि विदेशी खतरों से बचाने के लिए अमेरिका के पास इजरायली आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली (Iron Dome missile defence system) का अपना वर्जन होना चाहिए. भारतीय मूल के अरबपति का मानना है कि रूस जैसे देशों की उन्नत मिसाइल क्षमताओं को देखते हुए ऐसी प्रणाली मातृभूमि की रक्षा के लिए जरूरी हैं.

जब उनसे इस मामले में विस्तृत जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा, “रूस के पास अमेरिका से भी उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताएं हैं. हम अपनी मातृभूमि में नए खतरों के प्रति संवेदनशील हैं. वह हाइपरसोनिक मिसाइलें आज अमेरिका तक पहुंच सकती हैं. हम बुरी तरह असुरक्षित हैं.”

उन्होंने आगे कहा, "फॉरेन पॉलिसी इस्टेबलिशमेंट ने हमारे राष्ट्रीय रक्षा बजट को मूल रूप से मातृभूमि की रक्षा के अलावा अन्य सभी चीजों पर खर्च किया है."

आयरन डोम इजराइल की मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली

आयरन डोम इजराइल द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली है. इसे चार से 70 किलोमीटर की दूरी से दागे गए कम दूरी के रॉकेट और आर्टिलरी के गोले को रोकने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह सिस्टम आने वाले प्रोजेक्टाइल का पता लगाने के लिए रडार का उपयोग करता है और फिर जमीन पर अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले उन्हें हवा में ही नष्ट करने के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों को लॉन्च करता है.

आयरन डोम कुछ इजरायली शहरों और समुदायों को हमास के रॉकेट हमलों से बचाने में असरकारक रहा है.

क्या अमेरिका में आयरन डोम के जरिए मिसाइलों से रक्षा संभव है?

अमेरिका में आयरन डोम जैसा सिस्टम विकसित करने में कई चुनौतियां हैं. अमेरिका को पड़ोसी क्षेत्रों से कम दूरी की मिसाइलों के हमले जैसे खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है. जबकि आयरन डोम को कम दूरी से होने वाले हमलों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

अमेरिका ने पहले से ही अगली पीढ़ी के मिसाइल खतरों से निपटने के लिए जरूरी संसाधनों पर भारी निवेश किया है. इनमें सैकड़ों अरब डॉलर व्यय किए गए हैं और इनके विकास में दशकों का समय लगा है. जैसा कि विवेक रामास्वामी ने सुझाव दिया, यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अब तक अनदेखा रहा है, बल्कि यह अमेरिकी रक्षा रणनीति का एक जटिल और जीवंत पहलू है.

कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट 2023  के मुताबिक प्रत्येक आयरन डोम बैटरी करीब 60 वर्ग मील का इलाका कवर करती है. पूरे अमेरिका की सुरक्षा के लिए ऐसी हजारों बैटरियों की जरूरत होगी और वे उन उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइलों से रक्षा नहीं कर सकतीं जिनका रामास्वामी ने जिक्र किया है. अमेरिका जैसे बड़े देश के लिए यह एक जटिल और बड़ा काम है.



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Friday, October 20, 2023

दिल्ली के लाल किले की रामलीला में लक्ष्मण की मां के किरदार में अमेरिकी बिहेवियरल थेरेपिस्ट!

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दिल्ली के मैदानों की रामलीलाओं में राम चरित्र की चमक के साथ धार्मिक महोत्सव की धूम मची है. लाल किले के मैदान में रामलीला महोत्सव में मनोरंजन का आध्यात्मिक रंगमंच अपनी कला समृद्धि का प्रदर्शन कर रहा है. नव श्री धार्मिक लीला कमेटी के मंच पर इस बार राम लीला में एक विदेशी महिला श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण की माता सुमित्रा का किरदार निभा रही हैं. एली अमेरिका में एक बिहेवियरल थेरेपिस्ट हैं. यह पहली बार है जब वे भारत में किसी राम लीला में कोई किरदार निभा रही हैं.

यह एक अच्छा संकेत है कि नव श्री धार्मिक लीला कमेटी विविधता को बढ़ावा देना चाहती है. यह दिखाता है कि वह सभी को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में शामिल होने का अवसर देना चाहती है. 

एली का मानना है यह उसके लिए एक रोमांचक अवसर है. यह उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानने का एक अनूठा मौका देगा. साथ ही यह उन्हें एक नए समुदाय के साथ जुड़ने का अवसर देगा. एली इस प्रदर्शन को लेकर उत्साहित हैं. ऐली को यकीन है कि वे लक्ष्मण की मां सुमित्रा का किरदार निभाने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगी.

एली का जन्म और पालन-पोषण अमेरिका में हुआ. उन्होंने वॉशिंगटन विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने न्यूयॉर्क शहर में एक बिहेवियरल थेरेपी क्लिनिक में काम किया है. वे पिछले 10 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं. वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं में रुचि रखती हैं.



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Greta Thunberg posts 'Stand With Gaza' tweet, then deletes. Here's why

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Thursday, October 19, 2023

'Trust you blindly': Pakistan PM says ties with China 'made in heaven'

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Train misses station halt, reverses nearly 500 metres to pick up passengers

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Wednesday, October 18, 2023

Skin Care Tips: आज से ही छोड़ दें ये आदतें नहीं होगी Dark Spot की समस्या, स्किन रहेगी एकदम फ्रेश और ग्लोइंग

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Karwa Chauth Skin Care Tips:  करवा चौथ पर चाहती हैं एकदम शाइनी फेस तो बस बदल लें ये आदतें. असल में हर कोई स्किन को हेल्दी, साफ-सुधरा रखना पसंद करता है. लेकिन जाने अनजाने कई बार हम ऐसी चीजें कर बैठते हैं जिनका सीधा असर हमारी स्किन पर पड़ता है. असल में स्किन को हेल्दी रखने के लिए उसकी देखभाल करना बेहद जरूरी है. अगर आप स्किन को अंदर से हेल्दी रखना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें. लेकिन डाइट के साथ केयर भी जरूरी है. तो अगर आप भी दाग-धब्बों की समस्या से बचना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास टिप्स जिनकी मदद से आप त्यौहारी सीजन में स्किन को हेल्दी रख सकते हैं.

करवा चौथ पर स्किन को हेल्दी रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स- Follow These Easy Tips To Keep Skin Healthy In Karwa Chauth:

1.  डाइट-

पोषक तत्वों से भरपूर खाना न खाना भी हेल्थ के साथ स्किन पर असर डाल सकता है. इसके साथ ही अगर आप ज्यादा ऑयली या जंक फूड खाते हैं तो इससे आपके चेहरे पर दाग-धब्बे निकल सकते हैं. 

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2. स्किन पर नाखून लगाना-

अगर आप उन लोगों में से एक हैं जिन्हें स्किन पर फोड़े-फुंसी (Pimples) निकलते ही नाखूनों से फोड़ना या फिर ब्लैकहेड्स या उभरी स्किन को नाखून से खींचना पसंद है तो सावधान, इससे स्किन का टेक्सचर खराब हो सकता है. 

3. स्ट्रेस- 

स्ट्रेस का सबसे ज्यादा असर आपकी स्किन और सेहत पर नजर आता है. आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस काफी बढ़ गया है जो हमारी सेहत पर असर डाल रहा है. अगर आप भी स्ट्रेस को मैनेंज नहीं कर रहे हैं तो आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं. जिससे स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. 

4. चेहरा न धोना-

रात के समय खासतौर पर अपने चेहरे को धो कर सोना चाहिए. क्योंकि दिन की गंदगी और धूल-मिट्टी से पिंपल्स, ब्लैकहेड्स आदि की समस्या हो सकती हैं. इसलिए इस समस्या से बचने के लिए रात में चेहरे को धो कर ही सोएं. 



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Israeli military shares 'before and after' visuals of Gaza hospital bombing

\ Israeli military shares before and after visuals of Gaza hospital bombing

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‘Wife’s poor cooking skill not cruelty’: Kerala High Court dismisses divorce plea

\ Wifes poor cooking skill not cruelty Kerala High Court dismisses divorce plea

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Tuesday, October 17, 2023

हत्‍या का आरोपी 'मरने' के 20 साल बाद गिरफ्तार, पत्‍नी ले रही थी नेवी से पेंशन, ऐसे रची थी साजिश

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दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) ने नौसेना के एक पूर्व कर्मचारी को 20 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी ने हत्‍या के बाद खुद को मृत घोषित करने के लिए दो मजदूरों को ट्रक में जिंदा जला दिया था. इसके बाद उसने खुद को मृत घोषित किया और नाम बदलकर रह रहा था. यहां तक की उसकी पत्‍नी पेंशन भी ले रही थी. क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली थी कि बालेश कुमार नाम का शख्स नजफगढ़ इलाके में अपना नाम बदलकर अमन सिंह के नाम से रह रहा है. इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर उसे पकड़ा लिया. 

पुलिस जांच में पता चला कि 1 मई 2004 को बालेश कुमार ने जोधपुर में अपने ट्रक को खुद ही आग लगा दी थी. इस हादसे में 2 लोगों के शव बरामद हुए थे. इनमें से एक की पहचान बालेश कुमार के तौर पर हुई थी, जबकि दूसरे मृतक की पहचान नहीं हो पाई थी. क्राइम ब्रांच की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ट्रक हादसे में मरने वाले दोनों मजदूर थे. दोनों मजदूरों को वो पैसे देकर दिल्ली के समयपुर बादली इलाके से अपने साथ ले गया था. दोनों मजदूर बिहार के रहने वाले थे और उनके नाम मनोज और मुकेश थे. आरोपी ने मजदूरों के बारे में इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया. दिल्ली पुलिस ने जोधपुर के डांडियावार पुलिस थाने को दोनों मजदूरों की हत्या की जानकारी दे दी है, जिससे केस को दुबारा रि-ओपन कर जांच शुरू हो सके. 

साथ ही पुलिस को जांच में ये भी पता चला कि बालेश कुमार ने खुद को मृत घोषित करवाने के बाद बीमा और पेंशन अपनी पत्नी के नाम ट्रांसफर करवा दी थी, जिस ट्रक में उसने हादसा दिखाया था वो उसके भाई महिंदर सिंह के नाम रजिस्टर्ड था. आरोपी ने ट्रक का भी पूरा इंश्योरेंस क्लेम लेकर अपनी पत्नी के नाम ट्रांसफर करवा दिया था. 

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि शराब के नशे में उसने अपने भाई सुंदरलाल के साथ मिलकर 2004 में राजेश नाम के शख्स की समयपुर बादली के ट्रांसपोर्ट नगर में गला घोंटकर हत्या कर दी थी. उस वक्त तीनों शराब पी रहे थे. बालेश का राजेश की पत्नी के साथ अवैध संबंधों को लेकर झगड़ा हुआ था. हत्या के बाद उसने राजेश का शव बवाना इलाके में ठिकाने लगा दिया था. 

पुलिस ने हत्या के मामले में सुंदर लाल को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि अदालत में बालेश का डेथ सर्टिफिकेट लगा दिया गया. आरोपी बालेश ने इसके बाद अपना नाम बदलकर अमन सिंह रख लिया और इसी नाम से आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिए. फिर इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बैंक अकाउंट भी खोल लिया. आरोपी बालेश कुमार मूलरूप से पानीपत के पास एक गांव का रहने वाला है. उसने 8वीं तक पढ़ाई की है. इसके बाद 1981 में वो नेवी में भर्ती हुआ और 1996 में रिटायर्ड हो गया था. रिटायरमेंट के बाद वो साल 2000 में परिवार के साथ उत्तम नगर में रहने लगा. फिलहाल आरोपी एक प्रॉपर्टी डीलर के तौर पर काम कर रहा था. 

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इज़रायल-हमास युद्ध में अब तक कम से कम 15 पत्रकारों की हो चुकी है मौत : रिपोर्ट

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इज़रायल-हमास संघर्ष  (Israel Palestine Conflict) की शुरुआत के बाद से, सैकड़ों पत्रकार, संवाददाता, फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर युद्ध की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. हालांकि उन्हें इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने सोमवार को एक बयान में बताया कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से कम से कम 15 पत्रकार मारे गए हैं. सीपीजे न्यूयॉर्क स्थित एक स्वतंत्र संगठन है जो विश्व स्तर पर प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है. 

मारे गए 15 पत्रकारों में से 11 फ़िलिस्तीनी, तीन इज़रायली और एक लेबनानी थे. इसके अलावा, 8 पत्रकारों के घायल होने और 3 के लापता होने या हिरासत में लिए जाने की सूचना है. संगठन वर्तमान में कई अन्य पत्रकारों के "मारे जाने, लापता होने, हिरासत में लिए जाने या धमकी दिए जाने" की 100 से अधिक रिपोर्टों की भी जांच कर रहा है. 

इज़रायल-हमास संघर्ष के दौरान मारे गए पत्रकारों की लिस्ट

  1. इब्राहिम मोहम्मद लफी
  2. मोहम्मद जारघोन
  3. मोहम्मद अल-साल्ही
  4. यानिव ज़ोहर
  5. ऐलेट अर्निन
  6. शाइ रेगेव
  7. असद शामलाख
  8. हिशाम अलनवाझा
  9. मोहम्मद सोभ
  10. सईद अल-तवील
  11. मोहम्मद फ़ैज़ अबू मटर
  12. अहमद शेहाब
  13. इस्साम अब्दुल्ला
  14. हुसाम मुबारक
  15. सलाम मेमा

सीपीजे के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने कहा कि पत्रकार ऐसे नागरिक हैं जो संकट के समय महत्वपूर्ण काम कर रहे होते हैं और उन्हें युद्ध के दौरान निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. पूरे दुनिया के पत्रकार इस दिल दहला देने वाले संघर्ष को कवर करने के लिए महान बलिदान दे रहे हैं. सभी पक्षों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए.  

सीपीजे के बयान में कहा गया है कि गाजा में पत्रकारों को अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे इजरायली सैनिकों द्वारा जमीनी हमले, हवाई हमलों, बाधित संचार और व्यापक बिजली कटौती की स्थिति में संघर्ष को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले शुक्रवार को, दक्षिणी लेबनान में रॉयटर्स के एक वीडियो पत्रकार की मौत हो गई थी और छह अन्य पत्रकार घायल हो गए थे. यह घटना तब हुई थी जब इज़राइल की दिशा से दागी गई मिसाइलें उन पर गिरीं थी. 

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Sunday, October 15, 2023

हर काम में आ रही है रूकावट तो हो सकता है पितृ दोष, इन उपायों से दूर होगा संकट, पितर होंगे प्रसन्न 

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Pitra Dosh Remedies 2023: 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को सर्व पितृ (pitru paksha 2023 chaturthi date) अमावस्या है. सनातन धर्म में पितृपक्ष (Pitru Paksha 2023) का बड़ा महत्व है. इसमें पितरों की आत्मा शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. शिव पुराण कथा के अनुसार ऐसी मान्यता है कि अगर पितृ आपको तकलीफ दे रहे हैं आपके किसी काम को नहीं होने दे रहें तो यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है. अगर आप इसे दूर करना (how to remove pitra dosh) चाहते हैं तो बस इस आसान उपाय (pitra dosh ke upay in hindi) को अपना कर देखिए और अपने पितर को प्रसन्न कीजिए.

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पितृ दोष दूर करने के ये हैं उपाय | Remedies To Remove Pitra Dosh

  • किसी भी नवरात्रि (navratri 2023) के पहले वाले अमावस्या में एक चावल की कटोरी लीजिए और उसमें एक छोटे सा कपूर (camphor) का टुकड़ा रख दीजिए.
  • अब उस चावल और कपूर की कटोरी को अपने दरवाजे के बाहर रख दीजिए और पितरों का स्मरण करके उस कपूर को जला दीजिए.
  • जलाने के बाद उस चावल को किसी भी पेड़ या कोई जगह पर पक्षियों के खाने के लिए डाल दीजिए.
  • शिव पुराण की कथा कहती है की अगर पितृ आपको कष्ट दे रहे हैं या आपको लगता है कि पितरों का दोष है तो यह उपाय आपको इस संकट से दूर कर देगा.
  • याद रहे आपको ये उपाय अमावस्या के दिन करना है.
  • रात भर चावल चावल को कपूर के साथ रख देना है.
  • और सुबह एकम नवरात्रि के दिन उसे पक्षियों के खाने के डाल दीजिए.
  • आपके सारे रुके हुए काम पूरे होंगे. आपको किसी तरह का कोई कष्ट नहीं होगा और आप पितृदोष (pitra dosh 2023) से पूरी तरह से मुक्त हो जाएंगे.

                                                                                                       (प्रस्तुति- रौशनी सिंह)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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Lalita Panchami 2023: जानें ललिता पंचमी की सही तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि

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Lalita Panchami Vrat 2023: हिन्दू पंचाग के मुताबिक अश्विन माह की शुरूआत नवराात्रि (Navratri) की शुरूआत होती है. इसी माह के पंचमी तिथि को ललिता पंचमी (Lalita Panchami) का व्रत रखा जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के रोग-दुःख दूर होते हैं. इस दिन मां ललिता की विधिवत पूजा करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि इस साल ये व्रत किस दिन रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है.

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ललिता पंचमी 2023 तिथि (Lalita Panchami 2023 Date)

हिन्दू पंचाग के अनुसार अश्विन माह के पंचमी तिथि को ललिता पंचमी मनाया जाता है. इस साल ये तिथि 19 अक्टूबर 2023 को है. अगर बात करें मुहूर्त की तो अयोध्या के ज्योतिषों के अनुसार आश्विन माह के पंचमी तिथि की शुरूआत 19 अक्टूबर 2023 को सुबह 1:12 बजे होगी, जो 20 अक्टूबर 2023 को सुबह 12:31 बजे समाप्त होगी. ऐसे में ललिता पंचमी का व्रत करने वाले 19 अक्टूबर को व्रत रखेंगे.

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ललिता पंचमी पूजन विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें.

  • मां ललिता का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें.

  • एक चौकी पर लाल कपड़ा रखकर मां की मूर्ति स्थापित करें.

  • सबसे पहले शिव परिवार की पूजा करें और ध्यान करें.

  • इसके बाद मां ललिता की कथा सुनें और शुद्ध घी का दीप प्रज्जवलित करें.

  • माता के मंत्रों का जाप करें.

ललिता पंचमी से जुड़ी मान्यता

 ललिता पंचमी का व्रत नवरात्रि के पांचवे दिन रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की स्कंद माता रूप की पूजा की जाती है. साथ ही मां सती के रूप में माता ललिता की पूजा की जाती है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार के रोग-दोष से छुटकारा मिलता है. मां ललिता की पूजा और ध्यान करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है.

                                                                                                                (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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Saturday, October 14, 2023

"हमास जानता है जहां हम बमबारी करेंगे उन्हीं जगहों पर बंधकों को रखा" : इजरायल के पूर्व NSA

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इजरायल (Israel) के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि इजरायल पर हमास (Hamas) का हमला होलोकॉस्‍ट के बाद से यहूदियों पर सबसे बुरा हमला है और फिलिस्तीनी समूह जानबूझकर उन जगहों पर बंधकों को रख रहा है, जहां पर उसे पता है कि इजरायल बमबारी करेगा. इयाल हुलता की टिप्पणी हमास के उस बयान के जवाब में थी जिसमें उसने बताया था कि गाजा में इजरायली हवाई हमलों में नौ और इजरायली बंधक मारे गए हैं. एनडीटीवी के साथ एक खास इंटरव्‍यू में हुलाटा ने यह भी कहा कि इजरायल को भारत से जबरदस्‍त समर्थन मिला है, जो उनके लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि भारत दुनिया का बेहद महत्वपूर्ण देश है और "वैश्विक स्तर पर एक उभरती शक्ति" है. 

हुलाता ने कहा, "पिछले शनिवार को, हमास ने इजरायल के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया. वास्तव में, हताहतों की संख्या, उनके घरों में, उनके बिस्तरों में मारे गए लोगों की संख्या, यह किसी भी चीज से मेल नहीं खाता है, जिसे इजराइल या यहूदी लोगों ने शायद होलोकास्‍ट के बाद से अनुभव किया है. हमास एक आतंकी संगठन है और उन्होंने यह किया है और जानबूझकर ऐसा किया है."

पूर्व एनएसए ने जोर देकर कहा कि इजरायली सरकार का उद्देश्य जवाबी कार्रवाई करना नहीं है बल्कि गाजा में हमास को नेतृत्व से हटाना है ताकि ऐसी चीजें दोबारा न हो सकें. 

हमास के इजरायली हवाई हमलों में नौ और बंधकों के मारे जाने वाले बयान की ओर इशारा करते हुए हुयाता ने कहा कि समूह ने करीब 150 लोगों को पकड़ लिया था, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और व्हीलचेयर पर बैठे लोग शामिल थे. 

'इजरायल में लोगों का मनोबल गिराने की कोशिश'

उन्‍होंने कहा, "वे उन्हें मानव ढाल के रूप में गाजा में वापस ले आए जहां हम हमला करते हैं. इजरायली सेना नागरिकों पर हमला नहीं करती है. हम हमला करने से पहले अग्रिम चेतावनी देते हैं, ताकि लोगों को पता चले कि यह कहां होने वाला है. हमास द्वारा जब नौ इजरायली बंधकों को मार दिया गया, तो इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि हमास ने उन्हें वहां रखा जहां वे जानते हैं कि हम जानबूझकर हमला कर रहे हैं, ताकि वे यह संदेश दे सकें और इजरायल में लोगों का मनोबल गिराने की कोशिश कर सकें.  यह दुखद और दिल तोड़ने वाला है." 

'अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से आए बंधकों की रिहाई की मांग'

हुयाता ने कहा कि हमास को सभी बंधकों को तुरंत रिहा करने की जरूरत है और यह मांग सिर्फ इजरायल से नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आनी चाहिए. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, "या कम से कम जब तक वे जीवित हैं, क्योंकि जैसा आप देख सकते हैं कि हमास यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है कि हर दिन लोग कम हों." 

हमास को सत्ता छोड़ने की जरूरत : हुयाता 

गाजा की स्थिति और इजरायल द्वारा भोजन और चिकित्सा पहुंच को रोकने पर पूर्व एनएसए ने कहा कि हमास इजरायल में लोगों को मारने और फिर उनसे मानवीय सहायता की उम्मीद नहीं कर सकता है. उन्‍होंने कहा, "हमास ने इसे अपने लोगों पर थोपा है. इजरायल ने नागरिकों को निकालने का आह्वान किया है, क्योंकि हम उन्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं. लेकिन हमें हमास से छुटकारा पाना होगा, अगर हमास केवल बंधकों को रिहा करेगा और हम पर गोलीबारी बंद करेगा, हम क्या करेंगे? हम गोलीबारी बंद कर देंगे, है ना? उन्हें सत्ता छोड़ने की जरूरत है.'' 

'मध्‍य पूर्व में एक प्रक्रिया को बर्बाद कर दिया'

हुयाता ने इजरायल और सऊदी अरब के सामान्यीकरण समझौते पर बातचीत की ओर इशारा करते हुए कहा, "हमास ने न केवल हम पर हमला किया. उसने मध्य पूर्व में एक प्रक्रिया को बर्बाद कर दिया और उसने जानबूझकर ऐसा किया है क्योंकि यह उनकी विचारधारा है और यही ईरानी विचारधारा है, जिसने साधन, धन और प्रशिक्षण प्रदान किया और संभावित रूप से इस समय ऐसा करने के लिए आदेश भी दिया."

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Friday, October 13, 2023

PM के प्रमुख सचिव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए उपायों की समीक्षा की

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण पर एक उच्च स्तरीय कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की और आगामी सर्दी के मौसम के मद्देनजर प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के मुद्दे से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएमओ में बैठक के दौरान मिश्रा ने चरणबद्ध कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) के कार्यान्वयन, इसकी निगरानी और इसे लागू करने में सुधार के उपायों पर भी चर्चा की.

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता खराब होने से रोकने के लिए सभी संबंधित हितधारकों द्वारा जीआरएपी के तहत सूचीबद्ध कार्यों का सख्ती से कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है. बयान में कहा गया कि यह बैठक सर्दियों के मौसम के निकट आते ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई.

बैठक में मिश्रा ने औद्योगिक प्रदूषण, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, निर्माण एवं तोड़फोड (सी एंड डी) गतिविधियों से निकलने वाली धूल, सड़कों पर उड़ने वाली धूल, ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) को जलाने समेत विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए किये जा रहे विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की. बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाली एवं पौधरोपण से जुड़ी पहल पर भी विचार-विमर्श किया गया.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष एम.एम. कुट्टी ने बताया कि एनसीआर के उद्योगों को स्वच्छ ईंधन की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है और 240 औद्योगिक क्षेत्रों में से 211 को पहले ही सीएनजी कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है. इसी तरह, 7,759 ईंधन-आधारित उद्योगों में से 7,449 पीएनजी या अनुमोदित ईंधन पर स्थानांतरित किये जा चुके हैं.

कुट्टी ने यह भी बताया कि ई-वाहनों में वृद्धि हुई है और वर्तमान में एनसीआर में 4,12,393 ई-वाहन पंजीकृत हैं. ई-बसों और बैटरी चार्जिंग स्टेशन की संख्या भी बढ़ी है तथा अब दिल्ली में 4,793 ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं. निर्माण और तोड़फोड़ संबंधी गतिविधियों से निकलने वाले मलबे के प्रबंधन के संबंध में, सीएक्यूएम ने सूचित किया कि 5150 टन प्रति दिन (टीपीडी) की क्षमता वाली पांच मलबा प्रसंस्करण सुविधाएं चालू हैं और 1000 टीपीडी क्षमता वाली एक और सुविधा दिल्ली में शीघ्र चालू होगी.

बयान में कहा गया कि हरियाणा में 600 टीपीडी क्षमता वाली सी-एंड-डी सुविधाएं चालू हैं और 700 टीपीडी क्षमता वाली सुविधाएं शुरू की जाएंगी. उत्तर प्रदेश में, 1300 टीपीडी वाली मलबा प्रसंस्करण सुविधाएं संचालित की जा रही हैं और दो सुविधाएं चालू की जाएंगी. सभी राज्यों से सी-एंड-डी मलबा प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने का अनुरोध किया गया है.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने की घटनाओं में कमी सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने इन तीनों ही राज्यों के मुख्य सचिवों को इस पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए.

चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव ने बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया जिसमें कई उपाय शामिल थे, जैसे कि बायोमास पेलेट की खरीद, विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी बेंचमार्क मूल्य को अपनाना, मार्च 2024 तक पूरे एनसीआर क्षेत्र में गैस अवसंरचना का विस्तार करना एवं आपूर्ति करना तथा मांग पर बायोमास की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करना.



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Jasprit Bumrah is a bigger threat than Pakistan pacers, says Sunil Gavaskar

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Thursday, October 12, 2023

लड़कियां सिगरेट पीती थीं तो चच्चा हो गए नाराज़, गुस्से में कैफे में ही लगा दी आग

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मध्य प्रदेश के इंदौर से एक अनोखा मामला देखने को मिला है. दरअसल, एक बुजुर्ग ने एक कैफे में आग लगा दी. वजह सिर्फ इतनी थी कि बुजुर्ग को ये बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई लड़की सिगरेट पिए. बुजुर्ग ने पुलिस को जानकारी दी कि उसे लड़कियों का सिगरेट पीना अच्छा नहीं लगता था इसीलिए उसने कैफे ही फूंक डाला. इस मामले ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है. लोग इस पर रिएक्ट भी कर रहे हैं.

लड़कियां इस कैफे में आकर  सिगरेट पीती थीं. जानकारी के मुताबिक, ये मामला इंदौर (Indore) के लसूडिया थाना क्षेत्र का है. यहां स्काई कॉर्पोरेट के पास एक कैफे है, जहां कई लोग चाय-सिगरेट पीने आते हैं. खैर चच्चा को ये बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई लड़की सिगरेट पिए. ऐसे में उन्होंने कैफे में ही आग लगा दी. आग लगाने का मामला सामने आने के बाद कैफे संचालक शुभम चौधरी ने सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) निकालकर चेक करवाई तो पूरी बात पता चली.

सीसीटीवी (CCTV) फुटेज में एक बुजुर्ग व्यक्ति आग लगाकर जाता हुआ नजर आ रहा है. इसके बाद लसूडिया पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और थाना प्रभारी तारेश सोनी ने एक टीम का गठन किया. इस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.



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'I Killed Bapu': Bombay High Court appoints panel to review OTT film's content

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Man opens fire inside Sealdah Rajdhani Express, no one injured

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Wednesday, October 11, 2023

Government sets up control room amid Israel-Palestine war. Check details

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इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर पर इजरायल की वो सर्जिकल स्ट्राइक, जिससे हिल गई थी दुनिया

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इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच जारी जंग (Israel Palestine Conflict) में ईरान और लेबनान भी शामिल हो गए हैं. ईरान समर्थित लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल के कई इलाकों में मिसाइलें दागी हैं. सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच इजरायल ने भी हिजबुल्लाह पर जवाबी कार्रवाई की है. इस बीच इजरायल और उसके करीबी सहयोगी अमेरिका ने हिजबुल्लाह को दूसरा मोर्चा खोलने के खिलाफ चेतावनी दी है. 

इजरायल से भारतीयों की वापसी के लिए सरकार ने शुरू किया 'ऑपरेशन अजय', गुरुवार को रवाना होगी पहली फ्लाइट
 

दरअसल, इजराइल और ईरान प्रॉक्सी वॉर (छद्म युद्ध) लड़ रहे हैं. ईरान हिजबुल्लाह और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद को फंडिंग कर रहा है. कहा जाता है कि ईरान अरब दुनिया के बॉस बनना चाहता है. ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को लगातार बढ़ा रहा है. इजरायल ने इसपर भी चिंता जाहिर की है. अपने दोस्त अमेरिका के साथ मिलकर इजरायल भी ईरान के कथित परमाणु हथियार कार्यक्रम की निंदा करने में मुखर रहा है. ईरान दावा करता है कि वह अपने परमाणु हथियार से दुनिया को तबाह कर सकता है.

इस हालात में जून 1981 में इराक के परमाणु रिएक्टर पर इजरायली वायुसेना के हमले का जिक्र करना जरूरी है. इस हमले को 'ऑपरेशन ओपेरा' का नाम दिया गया था. सैन्य विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि अगर इजरायल बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय युद्ध की स्थिति में खुद को हर तरफ से घिरा हुआ पाता है, तो वह ईरान पर दोबारा इसी तरह का हमला करने में नहीं हिचकेगा.

ईरान ने कम से कम आधिकारिक तौर पर इस बात पर ज़ोर दिया है कि इजरायल पर हमास के हमले में उसकी कोई भागीदारी नहीं है. जबकि इजरायल के साथ रिश्ते सुधारने की इच्छा रखने वाले कुछ पड़ोसी अरब इस हालात में मध्यस्थता की भूमिका निभाने का मौका देख रहे हैं. इसमें कतर और सऊदी जैसे देश शामिल हैं.

क्या है ऑपरेशन ओपेरा?
इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने 1970 के दशक में न्यूक्लियर रिएक्ट बनाने का काम शुरू किया था. उन्होंने तमुज़ 1 और तमुज़ 2 नाम के दो न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने के लिए फ्रांस के साथ डील साइन की. इजरायल जानता था कि इराक का न्यूक्लियर रिएक्टर उसके लिए बड़ा खतरा है, क्योंकि तानाशाह के तहत इराक का न्यूक्लियर पावर बनना खतरनाक होगा.

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इजरायल के चिंतित होने के पीछे का मुख्य कारण सद्दाम हुसैन की कुछ सालों पहले दी गई एक धमकी थी. इसमें सद्दाम हुसैन ने कहा था कि अगर इराक में न्यूक्लियर बम बना, तो उसका इस्तेमाल सिर्फ यहूदियों (इजरायल) पर होगा. यही वजह थी कि इजरायल इस न्यूक्लियर रिएक्टर को रोकने के लिए पूरी कोशिश में लग गया. इसके लिए उसने कूटनीतिक और राजनयिक तरीके भी अपनाए. लेकिन इसमें कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री मेनचिम बेगिन ने इराक के उस निर्माणाधीन न्यूक्लियर रिएक्टर पर हमला करने की योजना बनाई.

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एयर स्ट्राइक के रूट को लेकर थी दिक्कत
हमले के लिए रूट को लेक दिक्कत थी. क्योंकि टारगेट के लिए एक बड़ी दूरी (1100 किमी) के रास्ते में कई दुश्मन देश आते और सीमित मात्रा में फ्यूल भी था. आखिरकार हमले के लिए रूट का प्रस्ताव तत्कालीन इजरायली वायु सेना प्रमुख मेजर जनरल डेविड आइवरी ने दिया. योजना यह थी कि इजरायल के फाइटर प्लेन दुश्मन देश सऊदी अरब और जॉर्डन के एयर स्पेस के रास्ते करीब 1600 किलोमीटर की उड़ान भरकर इराक में जाएंगे और रिएक्टर को तबाह करेंगे.

7 जून 1981 को हुआ हमला
7 जून 1981 को शाम 4 बजे इजरायल के 14 फाइटर जेट ने एट्ज़ियन एयरपोर्ट से उड़ान भरी. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) की वेबसाइट पर उपलब्ध 'ऑपरेशन ओपेरा' की डिटेल के मुताबिक, करीब 5.30 बजे इजरायल के फाइटर जेट ने इराक में ओसिरक न्यूक्लियर रिएक्टर पर हमला किया और सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया.

IDF ने इस ऑपरेशन के बारे में कहा, "ऑपरेशन के शुरुआती फेज में IDF ने F-4 फाइटर जेट का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, नए F-16 फाइटर जेट इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो गए. ऑपरेशन के दौरान स्क्वाड्रन 110 और 117 से 8 F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया. बैकअप के लिए 6 F-15A फाइटर जेट का इस्तेमाल हुआ. फाइटर जेट के अलावा इस ऑपरेशन में करीब 60 दूसरे एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया था."

रेडियो साइलेंस के साथ फाइटर जेट्स ने भरी उड़ान
फाइटर जेट ने रेडियो साइलेंस के साथ और रडार स्विच्ड ऑफ करके इजरायल से उड़ान भरी थी. इसने 1100 किलोमीटर के रास्ते पर उड़ान भरी. ये दूरी दिल्ली से मुंबई तक उड़ान भरने के बराबर है. फाइटर पायलटों ने रडार की पकड़ से बचने के लिए बेहद कम ऊंचाई पर दुश्मन के इलाके में उड़ान भरी, जो पायलटों के हाई स्किल लेवल को दिखाता है. जेट पूरी तरह से आउटर फ्यूल टैंकों से भरे हुए थे, जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद बंद कर दिया गया था.

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जॉर्डन के राजा हुसैन ने इराक की ओर जाते देखा था फाइटर जेट
हमले के दौरान जॉर्डन के राजा हुसैन पोर्ट सिटी अकाबा में छुट्टियां मना रहे थे. फाइटर जेट को ऊपर से गुजरते देख उन्होंने तुरंत इराकियों को इसकी जानकारी दी. जॉर्डन के राजा ने इराकी सरकार को चेताया कि वे इजरायली हमले का निशाना हो सकते हैं. इजरायली पत्रकार श्लोमो नाकदिमोन ने 2003 में अपने एक आर्टिकल में लिखा, "ऐसा लगता है कि जॉर्डन के राजा का मैसेज इराक को मिला ही नहीं. शायद कम्युनिकेशन एरर की वजह से मैसेज पहुंच न पाया हो."

इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर को तबाह करने के बाद इजरायल के सभी फाइटर जेट 40000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए जॉर्डन और सऊदी अरब को पार करते हुए 3 घंटे के अंदर अपने एयर बेस पर वापस लौट गए.
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इराक के 10 लोगों की भी हुई मौत
इस पूरे ऑपरेशन में इजरायल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ. वहीं, इराक के 10 लोग मारे गए. उनका महत्वपूर्ण न्यूक्लियर रिएक्टर बनने से पहले ही बर्बाद हो गया.

IDF ने कहा, "ऑपरेशन ओपेरा का नाम एक बैंक के नाम से लिया गया था. ऑपरेशन की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए इसे हर बार अलग-अलग नाम दिए गए थे. जब ऑपरेशन हुआ, तो इसका आधिकारिक नाम 'ऑपरेशन ओपेरा' रखा गया."

न्यूक्लियर रिएक्टर पर एयर स्ट्राइक को लेकर कई देशों ने इजरायल की निंदा की, लेकिन 1990-91 में पहले खाड़ी युद्ध के बाद नेताओं ने इस अविश्वसनीय ऑपरेशन का समर्थन किया, क्योंकि इजरायली हमले ने इराक को आखिरकार न्यूक्लियर हथियार हासिल करने से रोक दिया था.


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