बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने रविवार को भारतीय अधिवक्ताओं (Indian lawyers) को आश्वस्त किया कि विदेशी वकील और विधि कंपनियों को किसी भी अदालत या न्यायिक मंच में पेश होने की इजाज़त नहीं होगी और वे सिर्फ विदेशी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के संबंध में अपने मुवक्किलों को सलाह दे सकते हैं. बीसीआई ने हाल में विदेशी वकीलों और विधि कंपनियों को विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दे और मध्यस्थता मामले जैसे कुछ क्षेत्रों में वकालत करने की अनुमति प्रदान की थी. इसे लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई थी और ‘कुछ गलतफहमियां' पैदा हुई थीं। इसके बाद यह आश्वासन आया है.
बीसीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, “भारत में विदेशी वकीलों और विधि कंपनियों के प्रवेश के संबंध में बीसीआई द्वारा हाल में प्रकाशित गजट अधिसूचना के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं. इसलिए, बीसीआई इस मुद्दे को स्पष्ट करना उचित समझता है.”
बीसीआई सचिव श्रीमंतो सेन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “ विदेशी वकीलों और विधि कंपनियों को अपने मुवक्किलों को केवल विदेशी कानूनों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बारे में सलाह देने की अनुमति होगी.”
बयान के मुताबिक, विदेशी वकीलों और विधि कंपनियों को किसी भी अदालत, अधिकरण बोर्ड, किसी भी वैधानिक या नियामक प्राधिकरण और न्यायिक मंच के सामने पेश होने की अनुमति नहीं होगी.
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