Friday, July 21, 2023

सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगाई रोक, जानें क्या होगा इसका असर

\

दुनियाभर के चावल निर्यात का 40% निर्यात करने वाले भारत द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को लेकर दुनियाभर के अनाज बाजारों में हलचल शुरू हो गई है. यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है, जब पिछले एक साल में चावल की खुदरा कीमत में 11.5% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. पिछले एक महीने में चावल की खुदरा कीमतें 3% तक बढ़ी हैं. सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से कीमतें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार में इस फैसले का असर भी दिखना शुरू हो गया है.     

दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार के चावल व्यापारी मानते हैं कि बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध से भारत के अनाज मंडियों में गैर-बासमती चावल की उपलब्धता धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी. इससे आने वाले दिनों में गैर-बासमती चावल की कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद है.

नया बाजार में पिछले करीब चार दशक से चावल का कारोबार कर रहे कारोबारी सुखमाल जैन NDTV से कहते हैं, "गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला अच्छा फैसला है, इसका चावल के बाजार पर अच्छा असर पड़ेगा. क्योंकि बड़े चावल एक्सपोर्टरों पर बाजार में अतिरिक्त स्टॉक रिलीज करने का दबाव होगा."

सुखमाल जैन ने NDTV से कहा, "पिछले 24 घंटे में गैर-बासमती चावल की कीमतों पर थोड़ा असर पड़ा है. बासमती चावल की कीमत में एक से 2 रुपये प्रति किलो तक की कमी आयी है". 

नया बाजार के चावल व्यापारियों को उम्मीद है कि खरीफ सीजन के बाद मंडियों में चावल की उपलब्धता में अच्छी बढ़ोतरी होगी. कुछ जगहों पर खरीफ फसलों के खराब होने की भी खबर आई है, लेकिन इस बार चावल की फसल इस बार अच्छी होने की उम्मीद है.

चावल कारोबारी सुरेश शर्मा कहते हैं, "सरकार के फैसले का सबसे ज्यादा फायदा आम लोगों को मिलेगा जिनकी आय कम है और वो सस्ते गैर-बासमती चावल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं." सुरेश शर्मा ने NDTV से कहा, "गैर-बासमती चावल का ज्यादा उपयोग निम्न आर्थिक वर्ग के लोग करते हैं, क्योंकि यह सस्ता होता है. गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक से पिछड़े इलाकों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आने वाले दिनों में गैर-बासमती चावल सस्ते रेट पर मिल सकेगा".

उधर, रूस द्वारा यूक्रेन के अनाज इंफ्रास्ट्रक्चर पर हवाई हमले और यूक्रेन से गेहूं के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए 'ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव' से बाहर आने के बाद अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में उथल-पुथल तेज हो गई है. यूक्रेन दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं एक्सपोर्ट करने वाले देशों में है. ऐसे में वहां से गेहूं की सप्लाई बाधित होने से अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में गेहूं की कीमतों पिछले तीन दिनों में 4% से 11% तक बढ़ गयी हैं. 

गेहूं व्यापारी मुकेश कुमार ने NDTV से कहा, "पिछले साल इस समय यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं की कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी. उस दौरान गेहूं को लेकर काफी अफवाहें थीं. इस सीजन में अब तक गेहूं की कीमतों में काफी हद तक स्थिरता है. सरकार की पहल अच्छी है कि वह सस्ती रेट ऊपर चना जैसी चीजें मुहैया करा रहे हैं. इससे मार्केट में तेजी पर नियंत्रण आसान होता है".

पिछले कुछ हफ्तों में फूड कॉरपोरेश ऑफ इंडिया ने भी ओपन मार्किट सेल स्कीम OMSS के जरिए गेहूं और चावल की उपलब्धता बाजार में बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्टॉक्स रिलीज किए हैं, जिसकी वजह से कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली है.

ये भी पढ़ें-

किचन में खाना बना रहा था लड़का, गैस पर चढ़े चावल देखने पहुंचा, मुंह पर फट गया कुकर

सिद्धरमैया सरकार ने पांच किलो चावल के बदले नकदी के भुगतान की शुरुआत की



from NDTV India - Latest https://ift.tt/6BT2d3l

No comments:

Post a Comment

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर वाले लोगों की हो सकती है जल्दी मौत, अध्ययन में सामने आया चौकाने वाला आंकड़ा

स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में लाइफ एक्सपेक्टेंसी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के...